Opposition to SEBI : प्रदेशभर के ‘सहारा’ कार्यकर्ता इंदौर पहुंचे

'सहारा' की नजर में इस मामले में 'SEBI' दोषी

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Indore : ‘सेबी’ के फैसले के खिलाफ मध्यप्रदेश भर के ‘सहारा समूह’ (Sahara Group) से जुड़े लोगों ने सोमवार को प्रदर्शन किया। आम निवेशकों ने सहारा समूह के खिलाफ अलग-अलग स्थानों पर शिकायतें दर्ज की है। जबकि, सहारा कार्यकर्ताओं की नजर में सहारा समूह नहीं, बल्कि ‘सेबी’ (Securities and Exchange Board of India) दोषी है।

प्रदेशभर के सहारा समूह के हजारों कार्यकर्ता आज ‘SEBI’ के विरोध में दशहरा मैदान पर तख्तियां लेकर विरोध करने उतरे। समूह के मंडल कार्यालय के राजेंद्र सक्सेना ने बताया कि पिछले 7-8 वर्ष से सहारा और ‘SEBI’ बीच चल रहे विवाद के बाद उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के द्वारा दिए निर्णय अनुसार सहारा को अभी तक मय ब्याज 24 हज़ार करोड़ रुपए सहारा-सेवी एस्क्रो एकाउन्ट (Sahara-Savi Escrow Account) में जमा करना पड़े। जबकि, सहारा द्वारा सभी निवेशकों का भुगतान अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से पूर्व में ही किया जा चुका है। वर्तमान में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) द्वारा लगाए एम्बार्गो की वजह से जहां एक और सहारा परिवार (Sahara Family) के निवेशक अपना भुगतान न मिलने की वजह से परेशान है, वहीं देशभर में 10 लाख से ज्यादा ऑफिस एवं फील्ड के कार्यकर्ता भी लाभांश न मिलने के कारण दयनीय स्थिति में आ गए।

पिछले 8 साल में में 150 स्थानीय एवं राष्ट्रीय अखबारों में 4 बार विज्ञापन देकर भी मात्र ब्याज सहित कुल रू. 125 करोड़ का ही भुगतान कराया गया है। यह तथ्य ‘सेबी’ द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय में दाखिल अपने स्टेट्स रिपोर्ट में यह जिक्र भी किया गया है। उनके मुताबिक, ऐसे में हम सभी कार्यकर्ताओं का मानना है कि अब ‘SEBI’ द्वारा सहारा के निवेशकों को कोई धनराशि देय नहीं है।

‘SEBI’ द्वारा दिए विज्ञापन मार्च 2018 के बाद से कोई क्लेम रिसीव नहीं किया गया। ऐसे में अब कोई भी क्लेम ‘सेबी’ के अनुसार लंबित है, तो अब ‘सेबी’ बाकी रकम के बारे में सुप्रीम कोर्ट को लिखित में दें, जिससे सहारा व अन्य ग्रुप के निवेशकों का पैसा वापस हो सके। क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट में सहारा के अन्य ग्रुप के निवेशकों का ही पैसा जमा है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए कार्यकर्ताओं के द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि निवेश कर्ताओं को साथ लेकर ‘सेबी’ के कार्यालयों के सामने धरना प्रदर्शन करें एवं अपनी मांगों को लेकर सेबी प्रबंधन (SEBI Management) को ज्ञापन सौंपा जाए। इंदौर में हजारो की संख्या में पहुंचे सहारा समूह से जुड़े सदस्यों ने न सिर्फ विरोध किया, बल्कि प्रतीकात्मक तौर पर ‘SEBI’ के खिलाफ पैदल मार्च भी किया।