Opposition to Trolling of Vikram Misri : युद्ध विराम की घोषणा पर विदेश सचिव को ट्रोल करना गलत, IAS एसोसिएशन समेत कई समर्थन में आए!

पूर्व राजनयिक और विपक्षी नेताओं ने विक्रम मिसरी के समर्थन में आवाज उठाई!

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Opposition to Trolling of Vikram Misri : युद्ध विराम की घोषणा पर विदेश सचिव को ट्रोल करना गलत, IAS एसोसिएशन समेत कई समर्थन में आए!

New Delhi : विदेश सचिव विक्रम मिसरी द्वारा पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम की घोषणा करने के बाद दक्षिणपंथी समूहों ने उन पर लगातार निशाना साधा और ट्रोल किया। मिसरी भारत-पाकिस्तान तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सरकार के मुख्य संदेशवाहक रहे हैं, उन्हें बेवजह ऑनलाइन ट्रोल किया गया। युद्ध विराम से नाखुश नासमझ लोग इसे भारत सरकार की ‘कायरता’ के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने उन्हें कमजोर, देशद्रोही और ‘राष्ट्रीय शर्म’तक कहा। यहाँ तक कि विक्रम मिसरी की बेटी को भी निशाने पर लिया। परेशान होकर रविवार को विदेश सचिव ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट की स्थिति को सार्वजनिक से बदलकर संरक्षित (प्राइवेट) कर दिया। इस ट्रोलिंग का आईएएस और आईपीएस अधिकारियों, विपक्षी नेताओं, पूर्व राजनयिकों और पत्रकारों के शीर्ष संगठनों ने विरोध किया और विदेश सचिव विक्रम मिसरी का समर्थन किया है।

विक्रम मिसरी 1989 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं और वे 7 मई से चल रहे भारत-पाकिस्तान तनाव में भारतीय पक्ष का चेहरा रहे हैं। जब भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे। वे रोज देश की जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान की गोलाबारी और ड्रोन गतिविधि के घटनाक्रमों के बारे में मीडिया पर बताते रहे हैं। विक्रम मिसरी को तीन प्रधानमंत्रियों आईके गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेन्द्र मोदी के निजी सचिव के रूप में सेवा करने का दुर्लभ गौरव प्राप्त है।

शनिवार को जब भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ युद्धविराम समझौते की घोषणा की, तो वे उन लोगों के निशाने पर आ गए, जो इसे देश की कमजोरी समझ रहे हैं। ट्रोलिंग कई घंटों तक लगातार जारी रही, इसलिए जल्द ही राजनेताओं, पूर्व राजनयिकों और पत्रकारों सहित बड़ी संख्या में लोग मिसरी के बचाव में सामने आए और उन्होंने बताया कि भारतीय लोकतंत्र में निर्णय राजनीतिक कार्यपालिका लेती है।

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समर्थन में साथ खड़ा IAS एसोसिएशन

आईएएस (केंद्रीय) एसोसिएशन ने लिखा ‘आईएएस एसोसिएशन विदेश सचिव श्री विक्रम मिसरी और उनके परिवार के साथ एकजुटता में खड़ा है। ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करने वाले सिविल सेवकों पर अनुचित व्यक्तिगत हमले बेहद खेदजनक हैं। हम सार्वजनिक सेवा की गरिमा को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।’ निरुपमा राव और नवदीप पुरी जैसे पूर्व राजनयिक भी मिसरी के समर्थन में सामने आए।

आईपीएस (सेंट्रल) एसोसिएशन ने भी एक्स पर पोस्ट किया कि वह मिसरी और उनके परिवार पर ‘निन्दनीय व्यक्तिगत हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा करता है।’

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ईमानदार और मेहनती राजनयिक

अल-एमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ‘एक्स’ पर लिखा ‘श्री विक्रम मिसरी एक सभ्य और ईमानदार, मेहनती राजनयिक हैं जो हमारे देश के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं। हमारे सिविल सेवक कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं, यह याद रखना चाहिए और उन्हें कार्यपालिका या वतन-ए-अजीज को चलाने वाले किसी भी राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णयों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।’

 

कांग्रेस नेता ने ट्रोलिंग को गलत कहा

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया ‘मैं विदेश सचिव @विक्रममिसरी के परिवार को सोशल मीडिया पर ट्रोल करने की निंदा करता हूं। हमारे पेशेवर राजनयिकों और सिविल सेवकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है, जो राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित रूप से काम करते हैं।”

बेटी को भी निशाने पर लिया

विदेश सचिव के अलावा, उनकी बेटी दीदोन मिसरी, जो कानून की स्नातक हैं, को ‘भारत में रोहिंग्या मुसलमानों को कानूनी सहायता प्रदान करने’ के लिए तीखे तरीके से निशाना बनाया गया। उनकी बेटी का एक संक्षिप्त व्यावसायिक बायोडाटा जिसमें उल्लेख किया गया है कि उन्होंने म्यांमार में शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायोग सहित अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के साथ बड़े पैमाने पर काम किया है, ‘एक्स’ पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है।

उनके बायोडाटा में लिखा है कि उन्होंने राखाइन राज्य और सित्तवे में आईडीपी शिविरों में रोहिंग्या शरणार्थियों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए काम किया।