Opposition Unity: आज बेंगलुरु में विपक्ष फिर एकजुट, शरद पवार शामिल होंगे!
Bengaluru : विपक्षी दलों की आज होने बेंगलुरु में होने वाली बैठक में बिहार से जो दो बड़े नेता लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार शामिल होंगे। पहले एनसीपी नेता शरद पवार के न आने की अफवाह थी, पर वे इस बैठक में शामिल हो रहे हैं। ये भाजपा के खिलाफ 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में एक बड़ी कोशिश है। इसमें दो दर्जन विपक्षी पार्टियां शामिल होने जा रही हैं। 23 जून को पटना में हुई विपक्षी पार्टियों की बैठक के बाद आज बेंगलुरु में दूसरी बैठक हो रही है।
बेंगलुरु में होने वाली बैठक को लेकर सभी की नजर आम आदमी पार्टी पर है। पटना की बैठक में अरविंद केजरीवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले से निकल गए थे। उन्होंने केन्द्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस का समर्थन मांगा था। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव तो अध्यादेश के खिलाफ अपनी राय पहले ही रख चुके थे, इसलिए केजरीवाल पटना की बैठक में आए भी थे। कांग्रेस की नाराजगी केजरीवाल से इसलिए है कि वे सोनिया गांधी की आलोचना कर चुके हैं।
पिछली बार जितने दल विपक्षी बैठक में आए थे, उन्हें मिलाकर 400 सीटें पूरी हो जाती हैं। मतलब यह कि 400 सीटों पर भाजपा से आमने-सामने का मुकाबला होगा, तो भाजपा को नुकसान होगा। नरेन्द्र मोदी सरकार के 10 साल पूरे हो गए हैं और एंटी इनकंबेंसी लहर दिख रही है। रोजगार, महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लोगों की नाराजगी है। केजरीवाल के साथ ही महबूबा, उमर अब्दुल्ला भी हट सकते हैं और कई जुड़ भी सकते हैं।
बेंगलुरु की बैठक में आरजेडी सुप्रीमो या राष्ट्रीय अध्यक्ष शामिल होंगे। कांग्रेस से सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और वेणुगोपाल बैठक में रहेंगे। आरजेडी से लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव और मनोज झा रहेंगे। जेडीयू से नीतीश कुमार, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री संजय झा रहेंगे।
‘आप’ क्यों ऐसी बैठक के खिलाफ
सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को आदेश दिया था कि दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेंगे। इसके बाद केंद्र सरकार 20 मई को एक अध्यादेश लाई और ये अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए। केजरीवाल इसी अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं। यही कारण है कि आम आदमी पार्टी का इस मुद्दे पर कांग्रेस से विरोध है और इसलिए ‘आप’ के नेता अरविंद केजरीवाल के इस बैठक में शामिल होने की संभावना कम है।
अरविंद केजरीवाल ने पटना की बैठक के बाद कहा था कि मानसून सत्र के पहले कांग्रेस अध्यादेश पर अपना रुख साफ करे। लेकिन कांग्रेस ने अब तक अपना रुख अब तक साफ नहीं किया है। बैठक के लिए निमंत्रण आया, लेकिन कांग्रेस के रवैया की वजह से मुझे लगता है कि आप पार्टी के कोई नेता बैठक में शामिल नहीं होंगे।