Organic Jaggery : जैविक खेती कर बनाते है गुड़, जिसे कहीं बेचने जाने की जरूरत नहीं पड़ी!

232

Organic Jaggery : जैविक खेती कर बनाते है गुड़, जिसे कहीं बेचने जाने की जरूरत नहीं पड़ी!

यह भैयाजी गुड़वाले नाम से मशहूर है मालवा का सबसे प्रसिद्ध गुड़, दूर-दूर से लोग खेत पर आते है।

Indore : शहर से लगभग 30 किमी दूर ग्राम तिल्लौर बुजुर्ग का जैविक खेती का गुड़ मशहूर है। भैयाजी गुड़वाले के नाम से प्रसिध्द ये एक किसान करीब 50 साल से यह गुड़ बनाने का काम कर रहे है। किसान ईश्वर यादव ने बताया कि हम गन्ने की खेती जैविक रुप से करते है। इसके लिए हम किसी प्रकार की कोई भी दवाई का छिड़काव नहीं करते। हम हमारे खेतों में गोबर की खाद का उपयोग करते है जिसमें देसी नस्ल की गौमाता के गोबर की अहम भूमिका होती है।

WhatsApp Image 2024 12 21 at 17.47.01

गुड़ बनाने के लिए सबसे पहले गन्ने की कटाई कर के गन्ने का रस निकालते है। इसके बाद रस को छाना जाता है और बड़ी बड़ी कड़ाव में 3- 4 घंटे तक उबाला जाता है। उसकी सफाई की जाती है। इसके बाद जब रस गाढ़ा हो जाता है और गुड़ के रूप में परिवर्तित होने लगता है। फिर उसे लकड़ी के चाके में डाला जाता है, वहां थोड़ी देर इसे ठंडा होने के लिए छोड़ देते है। जैसे ही गुड़ थोड़ा ठंडा होता है उसके बाद उसकी हाथों से भेलियां या सांचों में ढालकर घन आकार का रूप दिया जाता है।

विशाल यादव बताते है कि ये काम उनकी तीसरी पीढ़ी कर रही है। गुड़ बेचने के लिए उन्हें किसी मंडी में नहीं जाना पड़ता। उनका पूरा गुड़ उनके खेत से ही बिक जाता है। वे रोजाना पारंपरिक तरीके से 4 से 5 क्विंटल गुड़ का उत्पादन करते है।

20–25 मजदूर काम करते है

गुड़ बनाने के लिए गन्ने काटने से लेकर गुड़ तैयार करने तक रोजाना करीब 20–25 मजदूर यहां काम करते है। जिन्हें रोजाना दिहाड़ी दी जाती है। भैयाजी गुड़वाले की एक स्पेशल मिठाई है केसर-इलायची की बर्फी,जो बाजार में मिलने वाले महंगी से महंगी मिठाई का तोड़ है ये स्वास्थ्य के साथ स्वाद में भी जायकेदार है।

यहां पर लोगों के कहने पर तिल, मूंगफली व काजू, बादाम युक्त गुड़ भी बनाया जाता है। यहां खरीददार अपने हिसाब से गुड़ बनवाते है। इस गुड़ की कीमत सामान्य गुड़ से कई गुना ज्यादा होती है।

शुगर के मरीजों के लिए गुड़ फायदेमंद

भैयाजी गुड़वाले ने बताया कि जिन लोगों को शुगर की बीमारी होती है। वह मीठा नही खाते है, लेकिन शुगर के मरीज भी हमारे यहां से गुड़ लेकर जाते है व इसकी चाय व खाने की सामग्री बनाने में इस्तेमाल करते है। इस गुड़ की खासियत यह है कि इसकी चाय भी नहीं फटती। इनके गुड़ की कीमत सामान्य गुड़ की कीमत से काफी ज्यादा है। सामान्य गुड़ बाजारों में 30 से 40 रुपए किलों में मिल जाता है। लेकिन इनका गुड़ 150 से 200 रुपए तक बिकता है।

विदेश तक जाता है गुड़

शहर से आने वाले लोग अपने परिजनों के लिए विदेश तक गुड़ भिजवाते है। जो उन्हें भी काफी पसंद आता है। और हर साल ठंड शुरू होते है उनकी डिमांड भी आने लग जाती है। किसान ने बताया कि हम ठंड के तीन माह ही गुड़ बनाने का कार्य करते है। ज्यादा डिमांड होने के कारण गुड़ की बिक्री भी जल्दी से हो जाती है। जिसके कारण कई लोगों को गुड़ के लिए इंतजार करना पड़ता है।