Indore : कमिश्नर डॉ पवन कुमार शर्मा ने कहा है कि संभाग के सभी जिलों में अनेक नए ऑक्सीजन प्लांट निर्मित हुए हैं। इनका कुशलता से संचालन बेहद ज़रूरी है। प्लांट में ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) का स्विच ऑन करना ही पर्याप्त नहीं है, अपितु ऑक्सीजन प्लांट से लेकर मरीज के पलंग तक कितनी शुद्धता के साथ ऑक्सीजन पहुंचती है, इसका आकलन किया जाना जरूरी है।
संभाग के सभी जिलों से बुलाए गए चुनिंदा डॉक्टरों को इस संबंध में एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा प्रशिक्षण (Training by Medical College) दिया गया। एमवाय हॉस्पिटल के सभागार में आयोजित इस एक दिवसीय प्रशिक्षण में एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ संजय दीक्षित, डॉ पीएस ठाकुर, डॉ वीपी पांडे, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ अशोक डगरिया सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।
कमिश्नर ने प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना के भीषण दौर में हम सभी ने ऑक्सीजन की कमी और आपूर्ति व्यवस्था (Oxygen Deficiency and Supply System) में विभिन्न अवरोधों को क़रीब से देखा है। ऐसे में यह बेहद ज़रूरी है कि नवनिर्मित ऑक्सीजन प्लांट्स का सुचारू संचालन हो। ऑक्सीजन प्लांट से निकलने वाले पाइप अंततः मरीज के पलंग तक जाते हैं।
प्रारंभ और अंत के इस बिंदु तक की सभी बिंदुओं को बारीकी से हमें देखना होगा। कमिश्नर ने ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था की व्यवहारिक पहलुओं पर विशेष ध्यान देने का आग्रह सभी प्रशिक्षु डॉक्टरों से किया।
इस एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में इंदौर संभाग के सभी जिलों के संबंधित चिकित्सक और सहायक नर्सिंग स्टाफ उपस्थित था। प्रशिक्षण के दौरान कमिश्नर ने डमी मरीजों के माध्यम से ऑक्सीजन आपूर्ति संबंधी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान एमजीएम मेडिकल कॉलेज की एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ रश्मि पाल ने भी विस्तार से महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।