
Pakistan Closed Doors : पाकिस्तान ने अपने ही लोगों के लिए दरवाजे बंद किए, पाकिस्तान में भी कई भारतीय फंसे!
Amritsar : पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा अल्पकालिक वीजा वाले सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने की समय सीमा खत्म होने के बाद गुरुवार को अटारी-वाघा बार्डर पूरी तरह बंद हो गया। समय खत्म होने के बाद भी गुरुवार को 70 पाकिस्तानी नागरिक अटारी सीमा पर देर शाम तक पाकिस्तान की तरफ से गेट खुलने का इंतजार करते रहे। लेकिन, पाकिस्तान ने अपने लोगों के लिए भी गेट नहीं खोला।
अधिकारियों के मुताबिक, कई भारतीय नागरिक पाकिस्तान की तरफ भी फंसे हुए हैं। गुरुवार को श्रीनगर पुलिस द्वारा डिपोर्ट की गईं दो सगी बहनें सईदा सगीर फातिमा (67) और सईदा जमीर फातिमा (64) सरहद पार जाने को तैयार नहीं थीं, क्योंकि उनका वहां पर न तो कोई रिश्तेदार है न कोई घर अथवा जमीन जायदाद।
सगीर चलने-फिरने में असमर्थ हैं। दोनों का यहीं पर निकाह हुआ और बच्चे तथा जमीन जायदाद भी यहीं है। दोनों ने भारत की नागरिकता के लिए आवेदन भी किया लेकिन नहीं मिली। सगीर और जमीर कहती हैं कि बुढ़ापे में उनको अपने मुल्क से बेगाने मुल्क में भेजा जा रहा है। वहां उनको कौन पनाह देगा। अल्लाह करे हिंदुस्तान की सरजमीं पर उनका सांसें थम जाएं और वह यहीं पर सुपुर्द-ए-खाक हों।
वहां जाएंगे तो रोटी के भी लाले
पाकिस्तान जाने वालों में 30 के करीब वे लोग हैं, जो वहां बेहद गरीबी के दौर से गुजरते हैं। रोजी-रोटी कमाने के लिए वैध तरीके से राजस्थान में आकर यहां काम कर परिवार चलाते हैं। इनमें शामिल गनेश ने बताया कि वे लोग दो महीने पहले आए थे। पाकिस्तान में तो सिर छिपाने की न तो जगह है न रोजी-रोटी का साधन। हिंदू होने के नाते उनके लिए और दिक्कतें हैं। अब तो उनके सामने परिवार पालने का बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

वीजा पर हरिद्वार आए थे 16 सदस्य
सूरज ने बताया कि तीस दिन के वीजा पर उनके परिवार के 16 सदस्य हरिद्वार गए थे। भारत छोड़ने के आदेश हुए तो वे 30 अप्रैल की शाम अटारी सीमा पर पहुंच गए। देरी होने के कारण उन्हें पाकिस्तान नहीं भेजा गया। रात को अटारी सीमा के समीप स्थित फुटपाथ पर सो गए। गुरुवार को पाकिस्तान ने गेट ही नहीं खोला।
अमृतसरियों की दरियादिली
परेशान पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अमृतसर के लोगों ने दरियादिली दिखाई। उनके खाने-पीने का इंतजाम किया। गुरुद्वारा सतलानी साहिब से जहां उनके लिए लंगर मंगवाया गया वहीं कुलियों ने भी अपने नेता नरिंदर सिंह और सुरजीतम के साथ मिलकर पाकिस्तान जाने का इंतजार कर रहे मजदूरों को होटल में खाना खिलाया। उनका कहना था कि पड़ोसी बुरा है। लेकिन, हम बेगुनाह पाक नागरिकों को खाने-पीने के लिए तरसते नहीं देख सकते।





