द्रौपदी के साथ ही ये हैं वो पंचकन्याएं जिन्हे विवाहित होने और संतान के जन्म के बाद भी कुंवारी रहने का वरदान प्राप्त था !
- अहल्या द्रौपदी सीता तारा मंदोदरी तथा।
- पंचकन्याः स्मरेन्नित्यं महापातकनाशिनीः ॥
एक संस्करण में सीता के स्थान पर कुंती को रखा गया है:
- अहल्या द्रौपदी कुन्ती तारा मंदोदरी तथा।
- पंचकन्याः स्मरेन्नित्यं महापातकनाशिनी म ॥
अभ्यासी हिंदू, विशेषकर हिंदू पत्नियाँ, इस दैनिक सुबह की प्रार्थना में पंचकन्या को याद करती हैं। उनके नामों की प्रशंसा की जाती है और प्रार्थना को प्रातः-स्मरणीया कहा जाता है!
Panch Kanya : द्रौपदी ने 5 पांडवों से विवाह किया 5 पुत्रों को जन्म दिया लेकिन फिर भी कुंवारी रही. द्रौपदी उन पंचकन्याओं में शामिल हैं जो पवित्रता की मिसाल कहलाती हैं. पौराणिक समय में ऐसी पांच कन्याएं के बारे में बताया गया है, जो विवाह के बंधन के बंधने के बाद और संतान को जन्म देने के बाद कुंवारी मानी जाती है.
इन दिव्य कन्याओं को पंचकन्या कहा जाता है, अपनी पवित्रता के लिए प्रसिद्ध ऐसी कन्याओं का नाम लेने भर से सारे पाप दूर हो जाते हैं. सबसे पहले बात द्रौपदी की जिसके 5 पति थे और 5 पुत्र थे. हर एक पति के साथ वो एक साल तक रहती थी और फिर अग्नि स्नान कर कौमार्य प्राप्त कर लेती थी.
द्रौपदी के साथ ही 4 और पंचकन्याओं के बारे में हमारे महाकाव्यों में बताया गया है, जो हमेशा कुंवारी कहलाई.
मंदोदरी-रावण की पत्नी
एक असुर और अप्सरा के मिलन से जन्मी मंदोदरी बहुत सुंदर थी. जो हमेशा रावण के गलत फैसलों का विरोध करती थी.
तारा-बाली की पत्नी
मान्यता है की तारा का जन्म समुद्र मंथन से हुआ था वो इतनी सुंदर थी की देवता और असुर दोनों ही उनसे विवाह करना चाहते थे.
अहिल्या
गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या भी अति सुंदर थी, जिनके साथ इंद्र देव ने छल किया था और फिर ऋषि गौतम का श्राप झेला था
कुंती
ऋषि दुर्वासा से कुंती को वरदान प्राप्त था, जिस देवता का ध्यान कर संतान चाहेंगी, वो देवता उन्हे पुत्र रत्न देगा.