बड़वानी जिला पंचायत सदस्य के सारणीकरण के पश्चात् परिणाम की हुई घोषणा, 15 जुलाई त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के तहत शुक्रवार को जिले पंचायत सदस्य के निर्वाचन हेतु डाले गये मतो की सारणीकरण का कार्य किया गया
Badwani: जिला मुख्यालय पर जिला पंचायत सभागृह बड़वानी में सारणीकरण पश्चात परिणाम की घोषणा कर, विजेता अभ्यर्थी को निर्वाचन प्रमाण पत्र का वितरण जिला रिटर्निंग अधिकारी शिवराज सिंह वर्मा द्वारा किया गया। जिला पंचायत के कुल 14 वार्डों में से अनुसूचित जनजाति के 11 वार्ड, अनुसूचित जाति का 1 वार्ड एवं सामान्य में 2 वार्डों का निर्धारण किया गया । इसके तहत वार्ड क्रमांक 4, 5, 10, 11, 12, 13 अनुसूचित जनजाति महिला के लिए एवं वार्ड क्रमांक 2, 3, 6, 9, 14 अनुसूचित जनजाति के लिए है, वार्ड क्रमांक 8 अनुसूचित जाति महिला के लिए, वार्ड क्रमांक 1 अनारक्षित एवं वार्ड क्रमांक 7 सामान्य महिला के लिए आरक्षित किए गए था। जिन प्रत्याशियों की जीत हुई है उनमें वार्ड क्रमांक 1 से – करण दरबार कांग्रेस
वार्ड 2 से बलवंतसिंह पटेल भाजपा
वार्ड 3 बर्मा सोलंकी भाजपा
वार्ड 4 गीता चौहान भाजपा
वार्ड 5 दिना दयाराम पटेल कांग्रेस
वार्ड 6 दयाराम डावर भाजपा
वार्ड 7 अमृता यादव भाजपा
वार्ड 8 सुमन बाई वर्मा भाजपा
वार्ड 13 जामबाई रमेश कांग्रेस
वार्ड 9 भायदास माहरिया भाजपा
वार्ड 10 लेदली बाई नेवल्या भाजपा
वार्ड 11 राजकला मोंटू सोलंकी जयेश
वार्ड 12 कविता विकास आर्य भाजपा
वार्ड 14 जुलाल वसावे विजई हुए। बड़वानी जिले में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है यहां पर पूर्व में कांग्रेस की जिला अध्यक्ष थे इस बार भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर कांग्रेस का सफाया कर दिया, बड़वानी जिले में तीन कांग्रेस विधायक और एक बीजेपी का विधायक है बावजूद जिले में कॉन्ग्रेस महज 3 सीटों पर सिमट गई वार्ड क्रमांक 11 से जयेश के जिला अध्यक्ष मोंटू सोलंकी की पत्नी चुनाव जीती है वही वार्ड क्रमांक 9 से सेंधवा विधायक ग्यारसी लाल रावत के पुत्र राकेश रावत चौथे स्थान पर रहे वही विधायक रावत की पत्नी लता देवी को वार्ड क्रमांक 10 से करारी हार का सामना करना पड़ा, वहीं पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन भी अपने विधानसभा राजपुर और ठीकरी मैं अपने एक भी प्रत्याशी को नहीं जीता पाए, बाला बच्चन अपनी बहन को ग्राम पंचायत कासेल से सरपंच पद का चुनाव भी नहीं जीता पाए ओर 300 से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा. बात कांग्रेस के अध्यक्ष वीरेंद्र दरबार की बात जाए तो वह भी अपनी बहू को राजपुर जनपद पंचायत सदस्य का चुनाव नहीं जीता पाए और हार का सामना करना पड़ा।