जयपुर में भूकंप के झटकों के कई घण्टों के बाद भी दहशत

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जयपुर में भूकंप के झटकों के कई घण्टों के बाद भी दहशत

राजस्थान से ब्यूरो प्रमुख गोपेंद्र नाथ भट्ट की खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर शुक्रवार को तड़के भूकंप के जबदर्दस्त झटकों से हिल गई। आम जन मानस में भूकंप के झटकों के कई घण्टों के बाद भी दहशत बनी हुई है। राज्य विधान सभा के मानसून सत्र में भी विधायकों के मध्य इसकी चर्चा हुई ।

जयपुर में बड़े तड़के सुबह 4 बजकर 9 मिनट से 4 बजकर 25 मिनट के मध्य सौलह मिनट में भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए। भूकंप का केन्द्र सीकर जिले के खाँटू श्याम जी के आसपास बताया गया।भूकंप से किसी भी तरह के जान माल के नुकसान की खबर नहीं है।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलोजी के अनुसार बड़े सवेरे पिंक सिटी जयपुर में तीन झटके आए हैं। भूकंप का पहला झटका 4:09 पर आया, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.4 थी। दूसरा झटका 4:22 पर आया, जिसकी तीव्रता 3.1 और तीसरा झटका 4:25 पर आया, जो 3.4 तीव्रता का था। जयपुर में इतना तेज भूकंप पहली बार महसूस हुआ।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि एक के बाद एक भूकंप के झटके महसूस किए और घरघराहट के साथ ही विस्फोट जैसी आवाज सुनाई दी। लोग डर की वजह से सुबह 4 बजे अपने अपने घरों और अपार्टमेंट्स से बाहर निकल आए। भूकंप के बाद कई इलाकों में बिजली भी चली गई।

जवाहर नगर के पास रहने वाली रामेश्वरी बाई ने बताया कि स्थित ऐसा लगा जैसे कोई घर गिर रहा हो।बहुत जोर से बिल्डिंग हिलने की आवाज आई। घर के पंखे अलमरियाँ पलंग आदि जोर से हिलें। दशहत में लोग घरों से बाहर सड़कों पर निकल आयें।
तीन बार झटके आने की वजह से लोग सहम गए और आसपास स्थित पार्क व खुले मैदानों में जाकर बैठ गए। वहीं कुछ लोग सड़क पर कुर्सी लगाकर स्थिति सामान्य होने का इंतजार करते रहे।

विशेषज्ञों का दावा है कि राजस्थान के मध्य से गुजर रहीं विश्व की सबसे प्राचीन अरावली पर्वतमाला की दरार एक्टिव होने से जयपुर और आसपास के इलाक़ों में भूकंप की संभावनाएँ बढ़ गई हैं। जयपुर जोन-2 और पश्चिमी राजस्थान जोन-3 में आता है। इसमें सामान्य भूकंप के झटके आते हैं। भूगोल के जानकारों के अनुसार अरावली पर्वतमाला के पूर्व में एक भ्रंश रेखा(दरार) है। यह दरार राजस्थान के पूर्वी तट से होते हुए हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला तक मिलती है। इसमें राजस्थान के जयपुर, अजमेर, भरतपुर इलाके भी शामिल हैं।एक्सपर्ट का कहना है कि अरावली पहाड़ में जो दरारे हैं, उनमें हलचल शुरू हो चुकी है। अब ऐसे भूकंप के झटके जयपुर समेत इससे सटे हुए अन्य इलाकों में भी आते रहेंगे।
भूकंप आने का खास कारण हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है और इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
भूकंप की तीव्रता के अधिक पैमाने और समय से उसकी भयावहता बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है।