सबसे बड़ी पंचायत में दलों की हुंकार…मंजूर नहीं पिछड़ा वर्ग की हार…

अब समझ में आ गया न पिछड़ा वर्ग...! तुम्हारी ताकत का अंदाजा सरकार को भी है और विपक्ष को भी है...

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प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत यानि मध्यप्रदेश विधानसभा में आखिरकार पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर जोरदार बहस हो ही गई। ट्रिपल टेस्ट का नजारा सदन में दिखाई दिया। पहले विपक्ष ने दम भरा कि पिछड़ा वर्ग के असली हितैषी हम यानि कांग्रेस है। सरकार में रहते हुए 15 महीने में कांग्रेस ने ही पिछड़ा वर्ग का हित साधा है और प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार ने पिछड़ा वर्ग की आंखों में धूल झौंकी है।

फिर सरकार ने विपक्ष की आंखों से परदा हटाया और आइना दिखाया कि पिछड़ा वर्ग से अगर दुश्मनी किसी ने निभाई है तो वह वर्तमान में विपक्ष में रहते हुए भी कांग्रेस ने और 15 महीने सरकार में रहते हुए भी कांग्रेस ने ही निभाई है और पिछड़ा वर्ग की हितैषी केंद्र की भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, साथ ही प्रदेश की भाजपा सरकार और मुखिया शिवराज हैं।

और अंततः सदन में अपने-अपने पिछड़ा वर्ग हितैषी का दावा करने के बाद सरकार-विपक्ष यानि भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों के जनप्रतिनिधियों ने ही हुंकार भरी कि पिछड़ा वर्ग की हार मंजूर नहीं है। सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि पंचायत चुनाव में भी पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिलाकर रहेंगे और सभी नौकरियों में भी पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने का काम सरकार कर रही है और करेगी। और पिछड़ा वर्ग के साथ सामान्य वर्ग के गरीबों को भी दस फीसदी आरक्षण दिलाने को सरकार प्रतिबद्ध है।

सदन में शिवराज ने कहा कि “मैं एक बार फिर सदन के नेता के नाते इस सदन के माध्यम से पिछड़े वर्ग हो चाहे किसी भी वर्ग के गरीब भाई बहन हो आश्वस्त करता हूं कि उनके हितों की रक्षा के लिये हम प्रतिबद्व रहेंगे। और हम ओबीसी के आरक्षण के साथ ही पंचायत के चुनाव हों, इसमें कोई कसर नहीं छोड़ेगें।”

तो यह भी साफ कर दिया कि “अगर कोई हमारा साथ देगा तो उसके साथ और कोई अगर साथ नहीं देगा तो उसके बिना और कोई विरोध करेगा तो उसके बाबजूद हमारा ओबीसी को, ओबीसी के हितों के संरक्षण और आरक्षण का यह अभियान जारी रहेगा।”

तो कमलनाथ ने भी कहा कि “हमने आज सदन में भी कांग्रेस पार्टी की ओर से रखे स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से भी ही यही बात रखी और सरकार से फिर आग्रह किया कि इस निर्णय को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट जाये , हम सरकार के साथ खड़े है और बग़ैर ओबीसी आरक्षण के प्रदेश में पंचायत चुनाव ना हो , यह सुनिश्चित किया जावे।”

उन्होंने आत्मा की आवाज सुनने की अपील की। और श्रेय लेने की होड़ से पल्ला झाड़कर ओबीसी का सर्वसहमति से साथ देने का मन बनाने की अपील की। यह भी हवाला दिया गया कि मामला 50 फीसदी से ज्यादा आबादी का है। ऐसे में जज के फैसले से पिछड़ा वर्ग का दिल कितना टूटा होगा। उसकी कल्पना की जानी चाहिए।

और परिसीमन, रोटेशन के लिए अदालत गए थे और आरक्षण के खिलाफ फैसला लेकर आ गए। माननीय जज साहब के सामने गुहार लगाई जाए कि सरकार और विपक्ष यानि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को यह फैसला मंजूर नहीं है। फिर पिछड़ा वर्ग का आरक्षण बहाल किया जाए।

तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि “माननीय अध्यक्ष महोदय, ओबीसी के हितों पर किसी भी प्रकार का कुठाराघात न हो, इसलिए हमारी सरकार ने निर्णय लिया कि, केवल उन प्रकरणों में ओबीसी आरक्षण जिनमें न्यायालय ने स्थगन दिया है उनमें 14% रहेगा, लेकिन जिनमे स्थगन नहीं दिया उनमें 27% आरक्षण देने का ऐतिहासिक फैसला हमने किया।

और उसके उदाहरण भी मैं आपको बताना चाहता हूं। माननीय अध्यक्ष महोदय, हाल ही में हमने 8828 पदों पर भर्ती की है और मुझे कहते हुए गर्व है की उसमें हमने 27% आरक्षण दिया है।राज्य सरकार दिसंबर 2021 से 2022 में भी 23000 से अधिक पदों पर भर्ती परीक्षा आयोजित करने जा रही है, उनमें  भी 27% आरक्षण का लाभ मिलेगा।” यानि भाजपा सरकार पिछड़ा वर्ग की हितैषी थी, है और रहेगी।

और पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर भी लगातार चिंतन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित विधिवेत्ताओं से विमर्श जारी है। हार नहीं मानेंगे, पिछड़ा वर्ग को पंचायत चुनाव में भी निराश नहीं होने देंगे। चाहे कोई साथ में रहे या न भी रहे।

अब समझ में आ गया न पिछड़ा वर्ग…! तुम्हारी ताकत का अंदाजा सरकार को भी है और विपक्ष को भी है। तुम्हारे दु:ख में दुःखी सरकार भी है और विपक्ष भी है। तुम्हारे सुखों की चाह सरकार को भी है और विपक्ष को भी है। तुम्हारे मत और समर्थन की चाह सरकार को भी है और विपक्ष को भी है।

अब तुम्हें ही तय करना है कि तुम्हारा भला किसने किया है? अब तुम्हें ही तय करना है कि तुम्हारे असल हितैषी का ट्रिपल टेस्ट विशेष योग्यता के साथ कौन उत्तीर्ण कर पा रहा है? सदन में सरकार और विपक्ष मिलकर तुम्हारे दुखों की हमेशा यूं ही चिंता करते रहें और तुम्हारा हितैषी साबित होने का दावा करते रहें।

क्योंकि पचास फीसदी से ज्यादा आबादी के बतौर पिछड़ा वर्ग की हालत सुधरी तो पूरे प्रदेश की हालत सुधर जाएगी। प्रदेश में करीब 37 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग की हालत सुधारने को लेकर भी सरकार और विपक्ष सब साथ-साथ हैं।

रही बात सामान्य वर्ग की, सो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में पिछड़ा वर्ग के साथ सामान्य वर्ग के गरीबों को भी दस फीसदी आरक्षण देने की बात भी कही है। तो यही कामना करें कि “सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।” अर्थात “सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।”