दाहोद-रतलाम मेमू ट्रेन में स्पेशल किराया बंद होकर साधारण किराए लागू होने से यात्रियों को मिली राहत!
राजेश सोनी की रिपोर्ट
Jhabua : पैसेंजर ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए रेलवे ने स्पेशल किराया बंद कर साधारण किराया आरंभ कर बडी राहत दी है, यह सुविधा रतलाम दाहोद रेलखण्ड के लिए सिर्फ दाहोद-रतलाम-उज्जैन मेमू ट्रेन में ही मिली हैं, जबकि रतलाम से नीमच एवं रतलाम से अम्बेडकर नगर तक चलने वाली डेमू ट्रेन में यह सुविधा मिली हैं। बता दें कि रेलवे के नोटिफिकेशन में मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट मेमू ट्रेन और जीरो नम्बर से आरंभ होने वाली सभी पैसेजर ट्रेनों का किराए में कमी की गई है, जबकि लोकल ट्रेनों में पूर्ववत ही स्पेशल किराया रेल यात्रियों को वहन करना पड रहा हैं।
रेल्वे की इस राहत के बावजूद सामान्य श्रेणी के टिकिट से यात्रा करने वाले यात्रियों को परेशानी उठाते देखा जा रहा है। यह भी बता दें कि रेलवे बोर्ड से 27 फरवरी को जारी आदेश के बाद मण्डल प्रशासन ने इस सुविधा पर अमल किया हैं।
*मेमू ट्रेन में अब यह लगता हैं किराया!*
दाहोद रतलाम उज्जैन मेमू ट्रेन में स्पेशल किराया हटने के बाद अब बामनिया से रतलाम के 30 रुपए के बजाय 15, दाहोद के 40 रुपए की बजाय 20, मेघनगर के 30 रुपए की बजाय 10, नागदा के 50 रुपए की बजाय 25 और उज्जैन के 65 रुपए की बजाय 35 रूपए किराया कर दिया गया हैं। किन्तु दाहोद, रतलाम, भोपाल डीएमयू , बडौदा कोटा पार्सल, रतलाम, दाहोद रात्रिकालीन मेमू जैसी लोकल ट्रेनों में यात्रियों को अभी भी पूर्ववत स्पेशल किराया देना पड रहा हैं। ऐसे में कई यात्रियों को मेमू के अलावा अन्य लोकल ट्रेनों का टिकिट लेने के बाद असमंजस में देखा जा रहा हैं।
*सामान्य यात्रियों को मिले राहत!*
रेल्वे ने मेमू में स्पेशल से साधारण किराया कर इस रेलखण्ड पर यात्रा करने वाले आम रेल यात्रियों को राहत तो दी हैं, अमूमन रेलखण्ड पर अधिकतम रूप से सामान्य रेल टिकटों से यात्रा करने वाले आमयात्रियों को अन्य लोकल ट्रेनों में स्पेशल किराया ही वहन करना पड रहा हैं। इस रेलखण्ड पर छोटे स्टेशनों से कम दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को पार्सल, डीएमयू जैसी लोकल ट्रेनों में अभी दुगुना किराया देना पड रहा हैं। यात्रियों की मांग हैं कि रेलवे अन्य लोकल ट्रेनों में भी साधारण किराया सुविधा प्रदान करे।
*पहले यह थी परेशानी!*
कोविड 19 के बाद चरणबद्व रूप से आरंभ हुई यात्री ट्रेनों में रेलवे द्वारा सामान्य श्रेणी के किराए की बजाय स्पेशल ट्रेनों के हिसाब से ही किराया आरंभ किया गया था। जबकि पूर्व में सामान्य श्रेणी का किराया साधारण था जो कि स्पेशल ट्रेनों के किराए से लगभग दुगुना था, इस बारे में रेलवे बोर्ड मुम्बई, रेल मंत्रालय द्वारा 28 फरवरी 2022 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें पैसेंजर ट्रेनों से स्पेशल टेग हटाकर पूर्ववत चलाए जाने का उल्लेख किया गया था।
कोविड 19 के बाद आरंभ की गई ट्रेनों को स्पेशल टेग से चलाकर आरंभ किया गया था। जिनमें आरक्षित टिकिट से ही यात्रा आरंभ हुई थी। आरक्षित टिकिट की दर पूर्व के सामान्य टिकिट दर से दुगुनी या तीगुनी तक थी।
ऐसे में आम यात्रियों ने मजबूरन आरक्षित टिकिट लेकर अधिक राशि के साथ रेल यात्रा आरंभ की।चरणबद्व रूप से रेल्वे ने कुछ ट्रेनों में अनारक्षित टिकिट के साथ यात्रा की सुविधा प्रदान की, किन्तु किराए में कमी नहीं हुई। कोविड 19 के पूर्व लग रहें यात्री किराए की बजाय आम यात्रियों को दुगुनी से तीगुनी राशि अनारक्षित टिकिटों में भी देने को मजबूर होना पड़ रहा हैं।
*यात्रियों पर आर्थिक बोझ!*
आम लोगों के लिए रेल यात्रा सबसे सस्ती और सुविधाजनक मानी जाती रहीं है। रेल्वे ने पूर्व में भी रेल किराए में बढ़ौतरी करते हुए अधिकतम 1 रूपए से 5 रूपए तक की थी। लेकिन कोविड 19 के बाद आरंभ किए गए रेल संचालन में रेलवे ने आम रेल यात्रियों पर भारी आर्थिक बोझ डालते हुए पूर्व किराए से 2 से 3 गुना वसूलना आरंभ कर दिया हैं। ट्रेनों का स्पेशल टेग हटाने के बाद भी किराए में कमी नहीं की हैं। जो कि आम लोगों के लिए आर्थिक बोझ बन रहा हैं।
*क्या कहते हैं अधिकारी*
जीरो नम्बर से आरंभ होने वाली सभी पैसेंजर ट्रेनों का किराया घटाया गया है, आदेश आने पर अन्य लोकल ट्रेनों में भी यह सुविधा आरंभ हो सकती हैं। फिलहाल इस बारे में कोई अधिकारिक आदेश नहीं हैं।
खेमराज मीणा, जनसम्पर्क अधिकारी रतलाम रेल मण्डल!