रिश्वत लेने पर पटवारी को 4 वर्ष का सश्रम कारावास और 2 हजार रूपए का अर्थदण्ड

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रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

Ratlam MP: विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रतलाम द्वारा विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन द्वारा प्रकरण क्रमांक 05/2016 में माननीय विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) संतोष कुमार गुप्ता ने 15.दिसम्बर.2021 को फैसला सुनाते हुए आरोपी पवन गोयल पिता प्यारेलाल गोयल उम्र 40 वर्ष पटवारी, तहसील आलोट, जिला रतलाम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं 7 और 13(1)डी में दोषसिद्ध पाते हुऐ धारा 7 को 13(1)डी मे समाहित मानते हुए, धारा 13(1) डी सहपठित धारा 13(2) के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के लिए 4 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 2 हजार के अर्थदंड से दण्डित कर आरोपी को जेल भेजा गया।

क्या था मामला

शासन की और से पैरवीकर्ता सुश्री सीमा शर्मा, विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) ने बताया गया कि 23.जनवरी.2016 को आवेदक सुरेश सिंह चौहान पिता करणसिंह चौहान निवासी ग्राम गुराडिया क्षिप्रा तहसील आलोट जिला रतलाम ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में उपस्थित होकर एक लेखी शिकायत पत्र दिया कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है,जिनके नाम 17 बीघा कृषि भूमि ग्राम गुराडिया क्षिप्रा में स्थित है। जिसका नामांतरण करवाने और पावती देने के लिए गांव के पटवारी पवन गोयल ने 30 हजार रूपए की रिश्वत की मांग की है।

आरोपी की रिकार्डिंग बनीं मुसिबत मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने बताया कि 23 जनवरी.2016 को प्रार्थी सुरेश को रिश्वत संबंधी वार्तालाप को रिकॉर्ड करने हेतु लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन से शासकीय डिजिटल वाईस रिकॉर्डर देकर आरोपी से रिश्वत संबंधी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई। रिकार्डिंग में रिश्वत की मांग की पुष्टि होने पर, आरोपी को ट्रैप करने की योजना बनाई तथा आरोपी पवन गोयल को उसके कार्यालय प्रमिला गंज की गली आलोट में प्रार्थी सुरेश से 10 हजार रूपए रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के निरीक्षक दिनेश रावत द्वारा पकड़ा गया।

केमिकल से हाथों को घुलवाने पर हाथ हों गए गुलाबी

मौके पर आरोपी के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल से धुलवाया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया।आरोपी ने रिश्वत के नोट लेकर अपनी पहनी हुई जैकेट के अंदर पहनी हुई शर्ट की बांई जेब में रखे थे।जिसे ट्रेप दल द्वारा मौके पर उतरवा कर जेब को धुलवाया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया।मौके पर नोटों के नंबरों का मिलान कराए जाने पर नोट वही पाए गए थे,जिसे देकर आवेदक को ट्रैप के दौरान भेजा गया था।एफएसएल अधिकारी द्वारा अपने रासायनिक परीक्षण में आरोपी के हाथ व शर्ट की जेब धुलाने के घोल में फिनाफ्थलीन धनात्मक पाया गया था।

पड़ताल में अपराध सिद्ध पाए जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र 20.अक्टुबर.2016 को विशेष न्यायालय रतलाम में दायर किया गया था। जहां विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा आरोपी को दोषसिद्ध करते हुए सजा सुनाई गई।

इनका रहा सराहनीय योगदान

प्रकरण के संचालन में आरक्षक विशाल रेश्मिया एवं सहायक ग्रेड-3 सुमित घाटिया का सराहनीय योगदान रहा।