Patwaris Raised Their Demands : राजस्व महाभियान 3.0 के बीच पटवारियों ने अपनी समस्याओं के हल के लिए आवाज उठाई!

सोमवार से हर जिले में कलेक्टरों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा!

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Patwaris Raised Their Demands : राजस्व महाभियान 3.0 के बीच पटवारियों ने अपनी समस्याओं के हल के लिए आवाज उठाई!

Bhopal : प्रदेश में चल रहे राजस्व महाभियान 3.0 के अंतर्गत पटवारियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं और अभियानों में अहम भूमिका निभाने के बावजूद, उनकी कठिनाइयों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। गत राजस्व महाभियान 1.0 और 2.0 के दौरान, संसाधनों के अभाव में पटवारियों ने दिन-रात मेहनत कर लाखों राजस्व प्रकरणों का सफल निराकरण किया। इसके बावजूद, अभियानों की सफलता का श्रेय केवल वरिष्ठ अधिकारियों को दिया गया और पटवारियों की भूमिका को अनदेखा किया गया।
इसके मद्देनजर प्रांतीय पटवारी संघ ने हर जिले में अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन देने का अभियान 18 नवंबर से शुरू करने का फैसला किया है।
प्रांतीय पटवारी संघ ने राजस्व महाअभियान 3.0 के अंतर्गत प्रदेश के पटवारियों को आ रही समस्याओं और मांगों के निवारण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। संघ ने 18 नवंबर सोमवार को जिले के सभी पटवारियों से अपील की है कि वे जिला मुख्यालय पर एकत्रित होकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन प्रस्तुत करें।
इसमें पटवारियों की समस्याओं का समाधान करने और बेहतर कार्यशीलता की मांग की जाएगी। संघ ने सभी पटवारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने पर जोर दिया है, ताकि उनकी आवाज को पुख्ता किया जा सके और उनके हितों की रक्षा की जा सके। पटवारी संघ के सदस्य विस्तृत रूप से बैठक कर तैयारियों में जुट गए हैं, ताकि यह अभियान सफल हो सके।

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पटवारियों की मुख्य समस्याएं और मांगे

● नक्शा तरमीम/बटांकन कार्य : पटवारियों से न्यायालयीन प्रकृति के नक्शा तरमीम और बटांकन कार्य को बलपूर्वक करवाया जा रहा है। यह कार्य विवादित प्रकृति का होता है और इसे सक्षम न्यायालय के निर्णय की आवश्यकता होती है। वर्तमान डिजिटल नक्शों और मिसल बंदोबस्त शीट्स में अंतर होने के कारण, यह कार्य सटीकता से करना मुश्किल है। वेब जीआईएस सॉफ्टवेयर की त्रुटियों के चलते, नक्शा काटने में तकनीकी समस्याएं होती हैं जिससे ऑन-लाइन और चालू नक्शों में अंतर आता है।

● समय-सीमा में सेवाओं का निराकरण : विभिन्न राजस्व सेवाओं के लिए शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य कराना त्रुटियों का कारण बन रहा है। यह जल्दबाजी किसानों के लिए नई समस्याएं उत्पन्न कर सकती है।

● ई-केवायसी और फार्मर रजिस्ट्री : ई-केवायसी प्रक्रिया जटिल है, जिसके चलते मामूली त्रुटियों पर भी प्रक्रिया बाधित होती है। इसे सरल बनाने और सभी योजनाओं के लिए एकीकृत पोर्टल बनाने की मांग की जा रही है।

● तकनीकी और संसाधन समस्याएं : पटवारियों के लिए मोबाइल और लैपटॉप के लिए बजट और 5जी नेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता है। तकनीकी त्रुटियों को दूर किया जाना चाहिए ताकि वे आसानी से कार्य कर सकें।

मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक मंचों से की गई टिप्पणियों ने भी पटवारी संवर्ग को आहत किया है। ‘कलेक्टर का बाप’ जैसी टिप्पणियां न केवल असंवेदनशील हैं, बल्कि यह संवर्ग का मनोबल गिराने का कार्य करती हैं। प्रांतीय पटवारी संघ इस तरह की टिप्पणियों की निंदा करता है और मांग करता है कि पटवारियों की वाजिब समस्याओं का समाधान किया जाए। यदि ऐसा नहीं होता,तो संघ राजस्व महाभियान 3.0 के बहिष्कार पर बाध्य होगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।