Paytm Crisis: RBI के पेटीएम पर इतने बड़े एक्शन की इनसाइड स्टोरी व भविष्य की संभावनाएं
paytm के वर्तमान व भविष्य के परिदृश्य पर इक्विटी एक्सपर्ट व इन्वेस्टमेंट कंसलटेंट चंद्रकांत अग्रवाल की बिजनेस स्टोरी
पेटीएम पेमेंट बैंक पर आईबीआई ने शिकंजा कस लिया है। कहा गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग, संबंधित पार्टी ट्रांजैक्शन और प्रमोटर ग्रुप द्वारा पारदर्शिता की कमी पर चिंताओं ने आरबीआई को इतने कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया। RBI ने पेटीएम पर क्यों लिया इतना बड़ा एक्शन, यह आज paytm के सभी यूजर,ग्राहक,निवेशक आसान भाषा में जानना चाहते हैं। साथ ही वे यह भी जानना चाहते हैं कि अब आगे क्या होगा paytm का भविष्य?
देश की प्रमुख बिजनेस चैनल CNBC TV 18 ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि RBI को प्रमुख केवाईसी कमियों के पता चला था। सूत्रों का कहना है कि आरबीआई की वर्तमान कार्रवाई फाइनेंशियल सिस्टम को प्रोटेक्ट करने और एक ऐसे पेमेंट बैंक को रोकने के लिए है, जो पब्लिक मनी में काम करने वाली एक आरबीआई रेगुलेटेड एंटिटी है, जिसे इसके जमाकर्ताओं, ग्राहकों और अन्य वास्तविक हितधारकों के हितों के लिए गलत तरीके से चलाया जा रहा है.
मीडिया से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कई मौकों पर, आरबीआई सुपरवाइजर और एक्सटर्नल ऑडिटर द्वारा वेरिफिकेॉशन के बाद बैंक द्वारा प्रस्तुत कंप्लायंस गलत पाया गया. इसके अलावा महत्वपूर्ण इंट्रा-ग्रुप ट्रांजैक्शन और रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन का नॉन-डिस्क्लोजर पाया गया. सूत्रों के अनुसार रेगुलेटर ने पाया कि केवाईसी में बड़ी अनियमितताएं हैं, जिससे ग्राहकों, जमाकर्ताओं और वॉलेट होल्डर्स को सीरियस रिस्क का सामना करना पड़ा। सूत्रों ने कहा, इनमें बहुत बड़ी संख्या में ग्राहकों (लाखों की संख्या में) के लिए केवाईसी की अनुपस्थिति, लाखों अकाउंट में पैन वैलिडेशन की कमी और कई ग्राहकों के लिए एक ही पैन का इस्तेमाल शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने कहा कि अपनी जांच के दौरान आरबीआई ने पाया कि हजारों मामलों में, एक ही पैन 100 से अधिक ग्राहकों से और कुछ मामलों में 1,000 से अधिक ग्राहकों से जुड़ा हुआ था। ट्रांजैक्शन की कुल वैल्यू – करोड़ों रुपये में चल रही है, जो मिनिमम केवाईसी प्री-पेड इंस्ट्रुमेंट में रेगुलेटरी लिमिट से कहीं अधिक है, जो मनी लॉन्ड्रिंग की चिंताओं को भी जन्म देता है। केवाईसी प्रोसेस में जो कमियां उभरकर सामने आईं उनमें रेगुलेटर ने पाया कि डॉर्मेंट अकाउंट की संख्या असामान्य रूप से अधिक थी, जिनका उपयोग Mule accounts के रूप में किए जाने की संभावना है। सीएनबीसी आवाज को दिए एक इंटरव्यू में एक एक्सपर्ट ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा कि करीब 35 करोड़ वालेट में से 31 करोड़ इनैक्टिव पाए गए। जिनसे कई तरह की शंकाओं ने जन्म लिया जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग का शक होना एक प्रमुख चिंता थी। जबकि केवाईसी प्रोसेस में कमियों और बैंक की ट्राजैक्शन मॉनेटरिंग सिस्टम की कमी के कारण मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित चिंताएं भी हैं। Paytm पर RBI की सख्ती के बाद कई ब्रोकरेज फर्म्स ने रिपोर्ट जारी की है।
अधिकतर फर्म्स ने इस स्टॉक पर टारगेट प्राइस में बड़ी कटौती की है। हालांकि आईपीओ के बाद जानकारों ने करीब 10 हजार करोड़ के कैश रिजर्व वाली कम्पनी माना था paytm को। अब यदि paytm के भविष्य की बात करें तो 29 फरवरी के बाद भी चलता रहेगा ऐप और क्यूआर, साउंडबॉक्स भी चालू रहेंगे। पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने एक ब्लॉग पोस्ट में स्पष्ट किया है कि पेटीएम अपने पेमेंट और फाइनेशियल सर्विसेज बिजनेस का विस्तार जारी रखेगा। कंपनी ने कहा कि आरबीआई के निर्देश पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPBL) के लिए हैं, पेटीएम के लिए नहीं। हालांकि पेटीएम ऐप यूजर्स 29 फरवरी के बाद अपने मौजूदा बैलेंस में और पैसे नहीं जोड़ पाएंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी, 2024 के बाद किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स, वॉलेट, FASTags, NCMC कार्ड आदि में जमा, क्रेडिट लेनदेन या टॉप-अप रोकने का निर्देश दिया था।पेटीएम यूपीआई ऐप को 29 फरवरी, 2024 के बाद नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और आरबीआई दोनों से गाइडेंस की आवश्यकता होगी, जिसके लिए चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि,यूजर्स 29 फरवरी के बाद अपने मौजूदा बैलेंस में और पैसे नहीं जोड़ पाएंगे. श्री शर्मा ने यह भी कहा है कि पेटीएम की मूल कंपनी, One97 Communications Ltd (OCL)एक पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में, पहले से ही पेमेंट बैंकों सहित विभिन्न अन्य बैंकों के साथ काम करती रही है। इसके अलावा, यूजर्स अपने Paytm FASTag पर अपने मौजूदा बैलेंस का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि कंपनी ने कहा कि वह अपने ग्राहकों को इस संबंध में आगे के घटनाक्रम के बारे में सूचित करती रहेगी। पेटीएम ने यह भी कहा है कि यूजर्स का पेटीएम मनी लिमिटेड (पीएमएल) में निवेश या इक्विटी, म्यूचुअल फंड या नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में निवेश अप्रभावित रहेगा।
पेटीएम ने अपने यूजर्स को दिए स्पष्टीकरण में कहा है कि पेटीएम ऐप चालू रहेगा क्योंकि इसकी अधिकांश सेवाएं केवल पीपीबीएल ही नहीं बल्कि कई अन्य बैंकों के सहयोग से हैं। कंपनी की मर्चेंट पेमेंट सर्विसेज, जिसमें पेटीएम क्यूआर, पेटीएम साउंडबॉक्स और पेटीएम कार्ड मशीन जैसी ऑफलाइन ऑफरिंग शामिल हैं, हमेशा की तरह फंक्शनल रहेंगी। अब यदि इक्विटी मार्केट में paytm के शेयर के निवेशकों की बात करें तो दो दिन में प्रतिदिन 20 प्रतिशत के लोअर सर्किट लगने के कारण इसका शेयर 40 प्रतिशत गिर चुका है। सोमवार से सर्किट लिमिट 10 प्रतिशत हो जाएगी। इस समय कोई भी एक्सपर्ट यह बता पाने में स्वयं को असमर्थ बता रहा है कि इसका शेयर कहां जाकर किस प्राइज पर जाकर गिरना बंद करेगा। क्योंकि इसके बहुसंख्यक विदेशी निवेशक और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशन क्या निर्णय लेते हैं,यह किसी को पता नहीं। अलबत्ता कंपनी के पास आईपीओ के बाद करीब 10 हजार करोड़ का कैश रिजर्व होने की बात बिजनेस न्यूज चैनल्स पर होती रही है। कंपनी रिजर्व बैंक की आपत्तियों का निराकरण कब तक,किस तरह कर पाती है यह देखना दिलचस्प रहेगा। कंपनी कोई अन्य बिजनेस में भी इंटर कर सकती है। किसी अन्य बैंक के साथ कोई नया करार कर सकती है। इस तरह कंपनी को बचाने के कई तरह के प्रयास होने के कयास तो लगाए जा रहे हैं। अतः paytm का शेयर एक रेट पर आकर रुकेगा यह तो तय है।