PCC Meeting : प्रदेश के दस जिलों के कांग्रेस अध्यक्ष बदले जाएंगे!
Bhopal : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक ली। बैठक में विधायकों, विधानसभा, लोकसभा, मेयर के पूर्व प्रत्याशी, जिला प्रभारी, सह प्रभारी के अलावा प्रकोष्ठों के अध्यक्ष भी शामिल हुए। निकाय चुनाव में गड़बड़ी करने वाले और निष्क्रिय पार्टी के जिला अध्यक्षों की छुट्टी हो सकती है। करीब 10 जिलों के जिला अध्यक्षों को बदला जा सकता है। प्रदेश स्तर से जारी होने वाले संगठन के कामों में ढ़ील बरतने वाले जिला अध्यक्षों को बदलकर सक्रिय कार्यकर्ताओं को मौका मिलेगा।
PCC को मिली रिपोर्ट के मुताबिक कई कांग्रेस के नेताओं ने नगर पालिका, नगर परिषद और जनपद अध्यक्ष बनने के लिए अघोषित रुप से बीजेपी को समर्थन दे दिया। ऐसे नेताओं की रिपोर्ट भी PCC को मिली है। जो बीजेपी नेताओं से करीबियां बढ़ा रहे हैं और भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। कमलनाथ ने कहा कि दो नावों की सवारी कर रहे ऐसे नेताओं की भी जानकारी मंगाई है।
बैठक में कमलनाथ ने जिला प्रभारियों, सह प्रभारियों और जिला अध्यक्षों से स्पष्ट कहा कि यदि आपके पास पार्टी और संगठन के लिए समय नहीं है, तो अभी बता दो। ऐसे पदों पर हम दूसरे मेहनती लोगों को मौका देंगे। बैठक में कमलनाथ ने कहा कि दो सौ गाडियों का काफिला लेकर भोपाल आने वाले नेताओं को जमीन पर संगठन को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए। कारों के काफिले से नहीं, जमीन पर काम करने से जीत मिलेगी। अगले साल विधानसभा के चुनाव हैं ऐसे में हवाबाजी के बजाए जमीन पर काम करने से ही कामयाबी मिलेगी।
बैठक में कमलनाथ ने विधायकों को भी संगठन के कामों पर ध्यान देने की नसीहत दी। जब जीतू पटवारी से मीटिंग में PCC अध्यक्ष के फटकारने की वजह पूछी, तो उन्होंने जवाब दिया कि मुझे कोई फटकार नहीं लगाई।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने तैयारियां तेज कर दी हैं। हाल ही में हुए नगरीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस को पांच नगर निगमों में मिली कामयाबी के बाद अब जमीनी स्तर पर संगठन की मजबूती के प्रयास तेज हो गए। कमलनाथ ने जमीनी स्तर पर संगठन को खड़ा करने की कमान अपने हाथ में ली है। वे विधायकों और व्यक्ति विशेष के बजाए संगठन की कमान जिला प्रभारियों और सह प्रभारियों के हाथों में सौंपने की तैयारी में हैं। विधायकों से जिला अध्यक्षों का प्रभार वापस लेकर फुल टाइम वर्कर को जिला कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी जा रही है।
बीजेपी की मदद की
बैठक के बाद पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि बीजेपी के नेता ही अपनी पार्टी के फैसलों से खुश नहीं हैं। अभी जो पंचायत के चुनाव हुए हैं उनमें बीजेपी के कई नेताओं ने कांग्रेस की मदद की है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बीजेपी की अंर्तकलह का फायदा मिलेगा।
परिवार में ऐसी बातें होती हैं
जबलपुर नगर निगम के चुनाव के बाद नाराज चल रहे बरगी विधायक संजय यादव ने कहा परिवार में ऐसा होता रहता है। कमलनाथ के नेतृत्व हमें अगले विधानसभा चुनाव में 200 सीटें जीतेंगे। जबलपुर को लेकर जो शिकायतें थीं, उनके संबंध में आज सारी बातें हो गईं हैं। हम कार्यकर्ताओं के लिए लड़ रहे थे।
हार से बचने की कवायद
करीब 15 साल बाद 2018 में मप्र में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई। लेकिन, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। दलबदल के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस को कई क्षेत्रों में करारी हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस के संगठन की कमान व्यक्ति विशेष के बजाए विचारधारा वाले कार्यकर्ताओं के हाथ में देने के लिए कमलनाथ बदलाव कर रहे हैं। पीसीसी के एक पदाधिकारी ने बताया कि यदि किसी नेता विशेष के हिसाब से संगठन में नियुक्तियां होतीं हैं यदि नेता पार्टी छोड़ देता है तो उस इलाके में संगठन का काम कमजोर पड़ जाता है।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब कमलनाथ चाहते हैं कि संगठन का काम कांग्रेस की विचारधारा वाले कार्यकर्ताओं को दिया जाए और बूथ से लेकर ब्लॉक, जिला स्तर के संगठन की कमान जिला प्रभारियों और सह प्रभारियों के हाथ में हो।
बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह, अजय सिंह राहुल, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया समेत कांग्रेस के विधायक, जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी मौजूद थे।
मैं अध्यक्ष की दौड़ से बाहर
बैठक के बाद कमलनाथ से जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में नाम चलने का सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि मैंने साफ कर दिया है कि मैं मध्यप्रदेश नहीं छोडूंगा। मध्यप्रदेश में ही रहूंगा।
कई विधायक ऐसे थे जिनके पास एक से अधिक पद थे। उन्होंने इस्तीफ़ा दिया है। उन जिलों में हम नए जिला अध्यक्ष बनाएंगे। कारम डैम के सवाल पर उन्होंने कहा कि धार में मिट्टी का डैम बनाया था, वह टूट गया। मुआवजा कब मिलेगा प्रभावितों को कुछ पता नहीं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शिवराज सिंह का हवाई सर्वे भी हवाई है, मुआवजा क्यों नहीं दे रहे हैं। शिवराज जी मीडिया इवेंट करने मे माहिर हैं।