तिरुपति लड्डू प्रसादम अशुद्ध करने के दोषियों को कड़ी सजा दिलाने,पी एम के नाम ज्ञापन लेकर सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब
*इटारसी से नगर संवाददाता संजय शिल्पी की खबर*
इटारसी। हमारे बच्चों ने हमारे सनातन धर्म के हीरो माने जाने वाले श्रीराम, श्रीकृष्ण और ऐसे अन्य महान व्यक्तित्व को छोड़ पाश्चात्य संस्कृति की गलत बातें करने और सिखाने वाले लोगों को अपना आदर्श मान लिया है। यह हमारे सनातन समाज का लूप पॉइंट है। जिसके जरिए विधर्मी और सनातन पर हमला करने वाले लोग हमारे खिलाफ साजिशें रच रहे हैं। आंध्रप्रदेश के तिरुपति मंदिर में लड्डू प्रसादम को अशुद्ध और अपवित्र करने के पीछे भी ऐसे ही सनातन विरोधी लोगों की मानसिकता एवं कार्यशैली है। हिंदू और सनातनी हमेशा विश्व कल्याण की बात करता है। हम हर धर्म, हर जीव के भले की कामना करते हैं। लेकिन हमारी अच्छाईयों का फायदा उठाकर दूसरे धर्म के कुछ लोग हमारे खिलाफ षडयंत्र करते है।
हमारे युवा वर्ग को यह समझने की आवश्यकता है कि उनके आदर्श कोई गंदे, भद्दे और अश्लील गानों पर नाचने वाले, नशा करने वाले, कुंठित मानसिकता के लोग नहीं होने चाहिए। साथ ही यह चिंता परिवार जनों को भी करना चाहिए। तिरुपति त्रासदी का यही सबक है हम सबके लिए। उक्त बातें अखिल भारतीय श्री सीतारामाचार्य भागवत गोष्टी न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामकृष्णाचार्य युवराज स्वामी महाराज ने सोमवार को जयस्तंभ चौक पर तिरुपति मंदिर प्रसादम त्रासदी के विरोध में आयोजित विराट जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने मंच से सभा में बैठे विप्र बंधुओ से भी आग्रह करते हुए कहा कि आप अपने यजमानो को साफ तौर पर यह कहें कि पूजा के घी के नाम पर बिकने वाला अपवित्र द्रव्य जिसमें चर्बी आदि होने की संभावना रहती है,उसे किसी भी पवित्र कार्य पूजन आदि में उपयोग में ना लाएं। घर में होने वाली पूजा पाठ में सिर्फ और सिर्फ शुद्ध घी जिसे खाया जा सकता है उसका ही उपयोग करें और अगर किसी यजमान की स्थिति शुद्ध घी खरीदने की नहीं है तो ऐसी स्थिति में सोयाबीन का तेल, सरसों का तेल आदि से भी दीपक लगाया जा सकता है। सनातन धर्म में कर्म काण्ड में शुद्धता अनिवार्य होती है। अतः किसी भी सूरत में पूजा के घी के नाम पर बिकने वाला अशुद्ध घी भगवान की पूजा में उपयोग नहीं होना चाहिए। वहीं सभा की अध्यक्षता कर रहे क्षेत्रीय विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा ने अपने ऊर्जावान उद्बोधन में कहा कि मुगल शासकों ने हमारे कई मंदिर तोड़ डाले थे जिनको हमने फिर भव्यता से बना लिया।
पर इस बार हमला,षडयंत्र पूर्वक जानबूझकर सनातन धर्म की आस्था और विश्वास पर किया गया है,जिससे उबर पाना आसान नहीं होगा हम सभी के लिए। पूरे मामले की सघन जांच होने पर स्पष्ट होगा कि यह सब किस तरह उच्च स्तर पर सोची समझी योजना के तहत किया गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों आंध्रप्रदेश के तिरुपति तिरुमाला मंदिर में लड्डू प्रसादम में मिलावट की लेब रिपोर्ट और मीडिया की खबरों के बाद देश भर में हिंदू संगठनों के विरोध प्रदर्शन की जो खबरें आ रही है, उनमें आज इटारसी का नाम भी जुड़ गया। प्रसादम में चर्बी और मछली तेल की मिलावट की खबरों से हिंदू भावनाएं आहत हुई है जिसके फलस्वरूप ही आज सोमवार को अखिल भारतीय श्री सीतारामाचार्य भागवत गोष्टी न्यास के द्वारा इटारसी में विरोध प्रदर्शन, रैली एवं जनसभा का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में हिंदू धर्म के महिला पुरुष शामिल हुए। शाम 4:30 बजे श्री द्वारकाधीश बड़ा मंदिर से प्रारंभ हुई विरोध प्रदर्शन रैली बाजार के मुख्य मार्गो से होते हुए, सराफा लाइन से निकलकर जयस्तंभ चौक पर पहुंची। जहां विशाल जनसभा का आयोजन किया गया था। जनसभा को क्षेत्रीय विधायक डॉ सीतासरन शर्मा, मप्र तैराकी संघ के अध्यक्ष पीयूष शर्मा, नपा इटारसी अध्यक्ष पंकज चौरे,जिला सर्व ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष जितेंद्र ओझा,पूर्व नपा अध्यक्ष रवि जायसवाल,विश्व हिंदू परिषद जिलाध्यक्ष डा. सुभाष दुबे, जिला पत्रकार संघ अध्यक्ष प्रमोद पगारे,वैश्य महासम्मेलन के चार्टर जिला अध्यक्ष चंद्रकांत अग्रवाल, गुरूसिंह सभा अध्यक्ष जसवीर सिंह छाबड़ा, जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अरविंद गोईल, कार्यक्रम संयोजक व द्वारकाधीश मंदिर समिति के संरक्षक रमेश चांडक ने भी संबोधित किया। जनसभा के बाद भागवत गोष्ठी के द्वारा एक ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एसडीएम इटारसी, टी प्रतीक राव को सोपा गया, जिसमें तिरुपति प्रसादम को पवित्र करने वाले दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की गई है। साथ ही ऐसी व्यवस्था बनाने का आग्रह भी किया गया है जिससे कि तिरुपति प्रसादम वाली घटना की पुनरावृत्ति देश के अन्य मंदिरों में ना हो।
इसके पूर्व सभा को संबोधित करते हुए सर्व ब्राह्मण समाज के जिला अध्यक्ष जितेंद्र ओझा ने कहा कि हम हिंदू धर्म के वंशज हैं हम बचपन से ऐसे संस्कारों में पाले गए हैं जिसमें दूसरे धर्म को आदर एवं सम्मान की दृष्टि से देखने की सीख दी जाती है। हम हर जीव के भले की कामना करते हैं लेकिन अगर हमारे धर्म पर बात आती है तो हमें अपनी और अपने धर्म की रक्षा करना आता है। कोई भी इस गलतफहमी में ना रहे कि हिंदू इस तरह की घटनाओं के बाद शांत रहेगा। समाजसेवी प्रमोद पगारे ने जनसभा में अपने ओजस्वी संबोधन के दौरान कहा कि मैंने 3 साल पहले इटारसी के एक गैर हिंदू व्यक्ति को पूजा के घी के नाम पर चर्बी युक्त पदार्थ बेचने के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत सजा दिलवाई थी। परंतु विडंबना यह है कि बनाने वाला तो वह एक गैर हिंदू है परंतु उसे बाजार में बेचने वाले, खरीदने वाले और खरीदने की सलाह देने वाले हमारे कई हिंदू भाई ही है। शुद्ध घी किसी भी रूप में 600 रुपए से कम नहीं बिक सकता तो फिर लोग और व्यापारी क्यों नकली घी की पहचान नहीं कर पाते। आज तिरुपति प्रसादम का मामला होने के बाद इतने विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं लेकिन अभी भी शहर में, जिले में प्रदेश में और देश में हर जगह पूजा के घी के नाम पर चर्बी वाला घी बनाया, बेचा, खरीदा और उपयोग किया जा रहा है। इस इसके खिलाफ पूरे हिंदू समाज को जगाने की जरूरत है। अगर हम खरीदेंगे ही नहीं तो दुकानदार बेचेगा नहीं और बनाने वाला बनाएगा नहीं। जनसभा को मध्य प्रदेश तैराकी संघ के अध्यक्ष पीयूष शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि हमें जागरुक होने की जरूरत है। इस तरह की घटनाएं हमारे धर्म पर आघात हैं और यह तभी होती हैं जब हिंदू निद्रा की अवस्था में रहता है। जनसभा का संचालन वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में अखिल भारतीय भागवत गोष्ठी के सदस्य, हिंदू संगठनों से जुड़े लोग,आम नागरिक एवं कई सामाजिक बंधु,श्रद्धालु प्रमुख रूप से मौजूद रहे।