धर्मान्तरण कर ईसाई बने लोगों को ईसाई माने, सरकारी लाभ से वंचित करने की मांग – श्री मेडा

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झाबुआ से श्याम त्रिवेदी की रिपोर्ट

झाबुआ- प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में ईसाई धर्म अपना चुके ऐसे लोग जो जनजातीय वर्ग के नाम पर विभिन्न उपक्रमों ,सरकारी एवं गैेर सरकारी आरक्षण का लाभ लेकर नौकरी पाने में सफल हुए है, केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का जनजातीय वर्ग के नाम पर लाभ उठा रहे है, उन्हे तत्काल डिलिस्टींग कर उनको जनजातीय वर्ग की श्रेणी से बाहर किए जाने की मांग की जाएगी। इसके लिए जनजातीय सुरक्षा मंच प्रदेश व आदिवासी अंचल मे जंगी रैली निकालेगा। जिसमे एक लाख से अधिक लोग शामिल होंगे।

जनजातीय सुरक्षा मंच द्वारा आज एक अहम बैठक मे यह निर्णय लिया गया।
संगठन के अध्यक्ष मुकेश मेडा ने कहा कि प्रदेश व इस अंचल में धर्मान्तरण के बाद धर्मान्तरित अनुसूचित जनजाति वर्ग द्वारा शासकीय सुविधाओं एवं आरक्षण का लाभ लिये जा रहे है। लाभ को समाप्त करने तथा मिलने वाली तमाम सुविधाओं से बेदखल करने को लेकर व्यापक तौर पर जनजागृति अभियान चला कर केन्द्र एवं प्रदेश सरकार को आगाह करने तथा प्रभावी कार्यवाही को लेकर वातावरण का निर्माण किया जा रहा है।

इन्ही सब मुद्दो को लेकर 11 अप्रेल को झाबुआ में ऐसे लोगों को डिलिस्टीग किए जाने के संबंध मे महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। दोहरा लाभ लिये जाने पर अंकुश लगाने के लिये वृहद स्तर पर प्रत्येक ग्राम एवं छोटे बडे कस्बों में बैठकों का आयोजन किया जाकर ऐसे धर्मान्तरित लोगों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की मांग को लेकर जनजागृति पैदा की जा रही है।

उन्होने बताया कि इसी कडी में आगामी 30 अप्रेल को जिला स्तर पर पूरे जिले के करीब 1 लाख से अधिक जनजातीय वर्ग के लोगों द्वारा जंगी रैली आयोजित की जाकर ईसाई बन चुके लोगो को ईसाई धर्मावलंबी मान कर उन्हे आदिवासी जनजातीय वर्ग के नाम से मिलने वाले आरक्षण के साथ ही मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं एवं हितलाभों से वंचित करने की मांग की जावेगी।इस अवसर पर मानसिंह भूरिया, पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल, गणपतसिंह मुनिया ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ईसाई धर्म में धर्मान्तरित हुए ऐसे लोग जो शासन से आरक्षण का लाभ लेकर उच्च पदों पर आसीन हो गये है, सरकारी नौकरियों के साथ ही विभिन्न उपक्रमों में जनजातीय वर्ग के नाम से आरक्षण का लाभ ले रहे है तथा सरकार की विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों का हितलाभ ऐसे धर्मान्तरित लोगों द्वारा लिया जा रहा है, उन्हे डिलिस्टींग किया जावे तथा ऐसे लोगों को मिलने वाले अनाधिकृत हितलाभों को बंद कर इसकी उच्चस्तरीय जांच होना चाहिये।

बैठक में मनोज अरोडा ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए ऐसे लोगों को डिलिस्टींग करने की मांग सरकार से की है। बैठक मे 30 अप्रैल शनिवार को जिले के प्रत्येक गा्रम से बडी संख्या में जनजातीय वर्ग के लोग एकत्रित होकर आयोजित की जाने वाली रेली को सफल बनाने तथा अपनी एक जुटता प्रदर्शित करने का आव्हान किया गया है। इस अवसर पर महेश मुजाल्दे, बबलु सकलेचा, सुशील सिसोदिया, किशोर भाबर, दीपक भाबोर, कानजी भूरिया, सूरभान गुण्डिया, राकेश अहेरिया, अलकेश मेडा, पवन परमार सहित बडी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे।