भारत जोड़ो यात्रा’ का साथ देगी ‘पेसा जनजागरूकता यात्रा’…

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भारत जोड़ो यात्रा’ का साथ देगी ‘पेसा जनजागरूकता यात्रा’…

नवंबर का अंतिम सप्ताह और दिसंबर का पहला सप्ताह मध्यप्रदेश में दो बड़ी यात्राओं का साक्षी बनने वाला है। यह कहना मुश्किल है कि कौन सी यात्रा बड़ी है मध्यप्रदेश के लिए, क्योंकि राजनैतिक नजरिए से देखें तो दोनों यात्राओं का आकलन परिणाममूलक ही रहेगा। यानि कि मध्यप्रदेश में किस यात्रा से उससे संबद्ध दल को कितना फायदा पहुंचता है,सर्वाधिक महत्वपूर्ण यही है। पहली यात्रा जो पहले से प्रस्तावित है, वह है कांग्रेस और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और दूसरी यात्रा जो हाल ही में प्रस्तावित हुई है, वह है प्रदेश में जनजातीय गौरव दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में पेसा एक्ट लागू होने के बाद भाजपा सरकार की 89 आदिवासी ब्लॉक में शुरू होने वाली ‘पेसा जनजागरूकता यात्रा’। दोनों यात्रा एक-दूसरे का साथ देंगीं, भले ही एक दूसरे से न टकराएं।
भारत जोड़ो यात्रा' का साथ देगी 'पेसा जनजागरूकता यात्रा'...
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश में 20 नवंबर को आ जाएगी। छह जिलों में करीब 399 किलोमीटर का सफर तय करेगी। 5 दिसंबर को यात्रा राजस्थान में प्रवेश कर जाएगी। मध्यप्रदेश में बुरहानपुर से यात्रा की शुरुआत 23 नवंबर से होगी। यात्रा 28 नवंबर को इंदौर में पहुंचेगी। इंदौर आने पर 29 नवंबर को एक दिन का ब्रेक रहेगा और फिर 30 नवंबर को यात्रा बड़ा गणपति चौराहे से शुरू होगी। इंदौर में राहुल गांधी खालसा कॉलेज में नाइट स्टे करेंगे। यहां राहुल गांधी राजबाड़ा भी जाएंगे। उज्जैन में सभा 1 दिसंबर को होगी। तो राहुल गांधी 20 नवंबर को बुरहानपुर जिले से मध्यप्रदेश में प्रवेश कर खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन होते हुए 5 दिसंबर को आगर-मालवा से राजस्थान की सीमा में प्रवेश करेंगे।
'पेसा' ऐसा ही लागू हो गया, तो आदिवासी आकाश छू लेगा ...
वहीं दूसरी यात्रा का जिक्र करें तो प्रदेश में पेसा नियम लागू हो गया है।राष्ट्रपति मुर्मू ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री चौहान की उपस्थिति में जनजातीय गौरव दिवस पर 15 नवंबर 2022 को पेसा एक्ट के नियम लागू कर दिए हैं। अब जनजातियों को इस एक्ट में मिले अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रदेश में 20 नवंबर से सभी जनजातीय विकास खंडों में ‘पेसा जनजागरुकता यात्रा’ निकलेगी। पेसा नियमों और अधिकारों की जागरूकता के लिए मुख्यमंत्री चौहान यात्रा का शुभारंभ करेंगे। 4 दिसंबर को पातालपानी इंदौर में यात्रा का समापन होगा। पातालपानी में टंट्या मामा भील की मूर्ति का अनावरण कर जनजातीय जननायकों का सम्‍मान और टंटया मामा आर्थिक कल्‍याण योजना हितलाभ वितरण कार्यक्रम  के साथ पेसा जनजागरुकता यात्रा का समापन होगी।
दोनों यात्राओं का समय एक जैसा ही है। यानि जब मध्यप्रदेश में मालवा-निमाड़ क्षेत्र के छह जिलों में कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के रंग में रंगी होगी, तब इन्हीं क्षेत्रों के आदिवासी ब्लॉक की आदिवासी जनसंख्या ‘पेसा एक्ट’ में मिल रहे अधिकारों के प्रति जागरूकता यात्रा के रंग में रंगे होंगे। कांग्रेस के दिग्गज नेता इस क्षेत्र में मौजूद रहेंगे, तो भाजपा के दिग्गज नेता भी आदिवासियों को उनके जीवन में नया रंग भरने वाले अधिकारों को लेकर इन क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। दोनों यात्राएं अपने आप में विशिष्ट और प्रभावी हैं। वैसे तो दोनों यात्राओं की तुलना नहीं है, लेकिन राजनैतिक दृष्टि से दोनों यात्राओं को पूरक माना जा सकता है। कांग्रेस को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में व्यवधान का जो भय था, वह अब लोकतांत्रिक स्वरूप में ज्यादा भयावह और असरकारक साबित होने वाला है। मैदान में भाजपा सरकार और संगठन की दोहरी शक्ति होगी, तो कांग्रेस संगठन की परीक्षा होगी।