Petition for MPSRTC : हाईकोर्ट ने सरकार से कहा ‘2005 में बंद रोडवेज की बसों का संचालन फिर क्यों नहीं!’

दायर जनहित याचिका में बंद किए MPSRTC को फिर शुरू करने की मांग, ग्रामीण परेशान!

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Petition for MPSRTC : हाईकोर्ट ने सरकार से कहा ‘2005 में बंद रोडवेज की बसों का संचालन फिर क्यों नहीं!’

 

Indore : मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर करते हुए प्रदेश में राज्य परिवहन निगम का संचालन दोबारा शुरू करने की मांग की गई। मंगलवार को इसकी सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका सेंधवा के बीएल जैन ने एडवोकेट अभिषेक तुगनावत के जरिए से दायर की। कहा गया कि 2005 में परिवहन निगम बंद होने से ग्रामीण लोगों को यात्रा में बहुत परेशानी होती है।
इस याचिका में सवाल उठाया है कि जब अन्य प्रदेशों में राज्य परिवहन निगम फायदे में चल रहे हैं तो मप्र राज्य परिवहन निगम को दोबारा शुरू क्यों नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव परिवहन विभाग, प्रबंध संचालक मप्र सड़क परिवहन निगम और केंद्र शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

दायर याचिका में कहा है कि जबसे राज्य परिवहन निगम प्रदेश में बंद हुआ, ग्रामीणों को यात्रा में कठिनाई हो रही है। आने-जाने के साधन नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों में माल वाहनों में यात्री बैठकर यात्रा करते हैं, इस कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं। ऐसी स्थिति में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन जैसी मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए।

परिवहन निगम का गठन 1962 में हुआ
मप्र राज्य सड़क परिवहन निगम का गठन 1962 में किया गया था। इसका उद्देश्य यात्रियों को सस्ती एवं सुलभ आवागमन सुविधाएं उपलब्ध कराना और दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों में पर्याप्त बस सेवा उपलब्ध कराना था। साल 2005 में इसे बंद कर दिया गया। शासन की अव्यवस्था का नतीजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। जबकि केरल, महाराष्ट्र में यह व्यवस्था जारी है। केरल में तो हर मार्ग पर लक्जरी बसें चल रही हैं।