Phalke Award to Mithun : मिथुन चक्रवर्ती को इस साल का ‘दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड’ देने की घोषणा, 8 अक्टूबर को सम्मानित होंगे!

उनका सफर नक्सली आंदोलन से शुरू हुआ और फिर फिल्मों में हीरों बने!

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Phalke Award to Mithun : मिथुन चक्रवर्ती को इस साल का ‘दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड’ देने की घोषणा, 8 अक्टूबर को सम्मानित होंगे!

New Delhi : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि इस साल का दादा साहेब फाल्के अवार्ड मिथुन चक्रवर्ती को दिया जाएगा। उन्हें यह सम्मान 8 अक्टूबर को 70वीं नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी में दिया जाएगा। मिथुन ने अपना फिल्मी करियर 1976 में मृगया से शुरू किया था। उन्होंने पहली ही फिल्म में नेशनल अवॉर्ड जीता था। करीब 5 दशक के अपने फ़िल्म करियर में मिथुन ने बांग्ला, हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, ओडिया और भोजपुरी की साढ़े 3 सौ से ज्यादा फिल्मों में काम किया हैं।

उन्हें युवा फ़िल्म दर्शकों के बीच 1982 में आई ‘डिस्को डांसर’ से पहचान मिली। वे अब तक 350 से ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग कर चुके हैं। उन्हें 3 बार नेशनल अवॉर्ड मिला है। इसी साल जनवरी में उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। यह सम्मान मिलने पर मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि सच कहूं तो, मेरे पास कोई भाषा ही नहीं है। न मैं हंस सकता हूं, न मैं खुशी से रो सकता हूं। इतनी बड़ी चीज है। जहां से मैं आया हूं, उस लड़के को इतना बड़ा सम्मान मिला है, मैं सोच भी नहीं सकता। मैं ये अपने परिवार और दुनियाभर के चाहने वालों को डेडिकेट करता हूं।

16 जून 1950 को मिथुन चक्रवर्ती का जन्म कोलकाता में हुआ था और उनका असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। मिथुन ने केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद वे नक्सली आंदोलन से जुड़ गए और घर से दूर हो गए। कुछ साल बाद मिथुन के इकलौते भाई का एक हादसे में निधन हो गया। घर की मुश्किल परिस्थितियां देखते हुए उन्होंने नक्सल आंदोलन छोड़कर घर का रुख किया। नक्सलवाद से नाता तोड़ने पर मिथुन की जान को खतरा था, लेकिन वो नहीं डरे। कुख्यात नक्सल रवि रंजन से उनकी गहरी दोस्ती थी।

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पुणे से एक्टिंग सीखी और मुंबई आए

उन्होंने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट से एक्टिंग सीखी और फिर काम की तलाश में मुंबई आ पहुंचे। कई दिन उन्होंने भूखे पेट रातें गुजारीं। कई महीनों की कड़ी मेहनत और इंतजार के बाद इन्हें हेलन का असिस्टेंट बनने का मौका मिला। मिथुन को देखकर कुछ फिल्ममेकर्स ने उन्हें छोटे-मोटे रोल भी दिए। मिथुन को अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘दो अनजाने’ में छोटा सा रोल मिला। इस दौरान मिथुन को बॉडी डबल बनाकर भी फिल्मों में लिया गया।

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पहली फ़िल्म मिली थी ‘मृगया’

पुणे में मशहूर फिल्ममेकर मृणाल सेन की नजर मिथुन पर पड़ी। उस दिन मिथुन कॉलेज की कुछ लड़कियों से फ्लर्ट कर रहे थे। मिथुन का अंदाज देखकर मृणाल इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी फिल्म ‘मृगया’ ऑफर कर दी। मिथुन ने 1976 में आई इस आर्ट फिल्म से बतौर हीरो करियर की शुरुआत की थी। इसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था।

मृगया के बाद मिथुन ने ‘दो अनजाने’ जैसी फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिकाएं निभाईं। 1979 में रिलीज फिल्म ‘सुरक्षा’ ने मिथुन को सुपरस्टार बना दिया। इस फिल्म के बाद जाने-माने प्रोड्यूसर और डायरेक्टर की लाइन लग गई, लेकिन उस दौर की स्थापित अभिनेत्रियां मिथुन के सांवले रंग की वजह से उनके साथ काम नहीं करना चाहती थीं। फिर भी वे अपनी मेहनत से आगे बढ़ते रहे।