3 साल पुराने आदेश पर सख्त हुआ PHQ, थाने होंगे भ्रष्टाचारी अफसरों और जवानों से मुक्त

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3 साल पुराने आदेश पर सख्त हुआ PHQ, थाने होंगे भ्रष्टाचारी अफसरों और जवानों से मुक्त

भोपाल:भ्रष्टाचार या अन्य गंभीर आरोप झेल रहे पुलिस कर्मियों और अफसरों से अब प्रदेश में सभी पुलिस थाने मुक्त होंगे। थानों में ऐसे अफसर और जवानों को हटाया जाएगा। पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में तीन साल पहले आदेश जारी किया था, लेकिन उस वक्त इसका सख्ती से पालन नहीं हुआ, लेकिन नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में दो पुलिस निरीक्षकों के नाम सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय अपने तीन साल पुराने आदेश का पालन करवाने पर सक्रिय हो गया है, ताकि भ्रष्टाचार और गंभीर आरोप वाले पुलिसकर्मी थाने से दूर रहें।

बता दे कि पुलिस मुख्यालय ने अगस्त 2021 में एक पत्र जारी किया था। इस पत्र में सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए थे कि जिन पुलिस कर्मियों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण विवेचना में अथवा अभियोजन में लंबित है तथा जिन पुलिसकर्मियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार, नैतिक अधोपतन, शारीरिक हिंसा एवं अवैध काम में लिप्त संबंधी आरोपों पर विभागीय जांच लंबित है। उनकी पुलिस थाने में पदस्थापना न की जाए। इस निर्देश पर उस वक्त तो अमल हो गया था, लेकिन इसके बाद इस पत्र को  पुलिस अधीक्षकों ने नजर अंदाज कर दिया।

अब एक बार फिर पुलिस मुख्यालय ने इस पत्र को बाहर निकाला और सभी पुलिस अधीक्षकों को भेजा। यह पत्र तब भेजा जब नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में प्रदेश पुलिस के दो निरीक्षक सुशील कुमार मजोका और ऋषिकांत असाठे का नाम सामने आया। इसके बाद पुलिस ने अपनी छवि को सुधारने के लिए तीन साल पुराने अपने निर्देश पर सख्ती से पालन करने के आदेश सभी पुलिस अधीक्षकों को दिए हैं।

इस निर्देश को दोबारा भेजने के बाद अधिकांश पुलिस अफसरों ने थानों में पदस्थ निरीक्षक से लेकर आरक्षक तक का रिकॉर्ड चेक करवाना शुरू कर दिया है। इसमें सिंगरौली के बरगवां थाने में पदस्थ निरीक्षक विद्यावारिधि तिवारी पर गंभीर आरोपों पर विभागीय जांच चलना पाया गया, उन्हें यहां की पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने तत्काल प्रभाव से थाने से हटा कर पुलिस लाइन में पदस्थ कर दिया है।

*सीआईडी और प्रशासन शाखा में ऐसे अफसरों का पूरा रिकॉर्ड*
पुलिस मुख्यालय ने ऐसे सभी पुलिस अफसरों को रिकॉर्ड दो शाखाओं में हैं। पुलिस अधीक्षकों को फिर से निर्देश दिए जाने के बाद इन्हें क्रॉस चैक भी किया जा सकता है। निरीक्षक और उपनिरीक्षक स्तर के अफसर की विभागीय जांच की पूरी जानकारी पुलिस मुख्यालय के पास हैं। वहीं जिन पुलिस अफसरों और जवानों के खिलाफ पुलिस में ही प्रकरण दर्ज हैं, उनकी पूरी जानकारी सीआईडी के पास है।

सीआईडी के पास जो जानकारी हैं, उसमें करीब सौ पुलिसकर्मी और अफसरों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में विभिन्न थानों में प्रकरण दर्ज हैं। वहीं कुछ अफसर जवानों और अफसरों के खिलाफ लोकायुक्त में प्रकरण चल रहे हैं। वहीं कई जवानों और अफसरों की विभागीय जांच चल रही है। इन सभी का रिकॉर्ड पुलिस मुख्यालय में हैं। पुलिस अधीक्षकों को जो निर्देश दिए गए हैं, उसके बाद उनसे रिपोर्ट भी मांगी जा सकती हैं, इस रिपोर्ट को पुलिस मुख्यालय अपने रिकॉर्ड से चैक करेगा। यदि उसके बाद भी थाने में ऐसे पुलिसकर्मी और अफसर पदस्थ पाए जाते हैं तो एसपी से सवाल जवाब पुलिस मुख्यालय कर सकता है।