PHQ: एविडेंस को सेव रखने के लिए हर थाने में 25 टैबलेट देने की तैयारी में PHQ

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PHQ: एविडेंस को सेव रखने के लिए हर थाने में 25 टैबलेट देने की तैयारी में PHQ

भोपाल: प्रदेश के सभी थानों में दो दर्जन के लगभग टैबलेट दिए जाने की तैयारी की जा रही है। इस तैयारी में प्रदेश की पुलिस करीब 6 महीने लेट हो चुकी है। यह व्यवस्था एक जुलाई से प्रदेश में लागू होना थी, लेकिन बजट की कमी के चलते 6 महीने बाद यानि नए साल से लागू होगी। इसके पीछे प्रकरणों से जुड़े एविडेंस सेव रखने पर पुलिस का फोकस है।

मध्य प्रदेश में लगभग 1150 हैं। इन सभी में प्रकरण दर्ज होने के बाद जांच अधिकारी कागजों पर ही अपनी जांच करते हैं। अब कागजों की जगह जांच से जुड़े साक्ष्य टैबलेट में सुरक्षित सेव रहेंगे। यह टैबलेट अपराधों की जांच में लगे पुलिसकर्मियों को दिए जाएंगे। प्रदेश के विभिन्न थानों में करीब 25 हजार जांच अफसर हैं। इन सभी को टैबलेट दिए जाने की तैयारी की जा रही है।

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देश में एक जुलाई से लागू हुए 3 नए कानून के बाद टैबलेट खरीदने को केंद्र सरकार ने सभी राज्यों की पुलिस को कहा था। प्रदेश में भी यह संदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय से आया था। उस वक्त प्रदेश में बजट की कमी थी, इसके चलते यह तय किया गया कि एक जनवरी तक बजट की व्यवस्था कर ली जाएगी और फिर नवंबर-दिसंबर में इनकी खरीद कर जिलों में पहुंचा दिए जाएंगे। जहां से हर थाने में इन्हें दिया जाएगा।

वीडियो-फोटो सेव करना होगा आसान

नए कानूनों के तहत भारतीय साक्ष्य अधिनियम में ई-साक्ष्य को अनिवार्य किया गया है। इसके अनुसार, विवेचना अधिकारियों को घटनास्थल से लेकर सभी साक्ष्यों की वीडियो रिकॉर्डिंग करनी होगी। जरुरत होने पर घटना या घटना स्थल से जुड़े फोटोग्राफ आदि भी सुरक्षित रखना होते हैं। ऐसे में यह टैबलेट पुलिस के लिए खास लाभकारी होगा। इससे सबूत जुटाने और उन्हें सुरक्षित रखने में भी आसानी रहेगी। इसके साथ ही इसे सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) से भी जोड़ा जाएगा। इसमे की गई वीडियो रिकॉर्डिंग सीसीटीएनएस पर अपलोड होगी।

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अफसर बदलेंगे लेकिन टैबलेट वही रहेगा

बीच जांच में यदि अफसर बदले गए या उनका तबादला हो गया तो जांच पर असर नहीं पड़ेगा। जांच अधिकारी अपनी जगह पर जिस दूसरे जांच अधिकारी को जांच दी जाएगी, उन्हें यह टैबलेट सौंपा जाएगा। वे अपने साथ दूसरी पदस्थापना पर टैबलेट लेकर नहीं जा सकेंगे।

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