गबन के मामले में PHQ ने सभी ईकाईयों को लिखा पत्र, नर्मदापुरम, शिवपुरी और धार की बटालियनों में हुए लाखों का गोलमाल

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गबन के मामले में PHQ ने सभी ईकाईयों को लिखा पत्र, नर्मदापुरम, शिवपुरी और धार की बटालियनों में हुए लाखों का गोलमाल

भोपाल: नर्मदापुरम और शिवपुरी पुलिस अधीक्षक कार्यालय के साथ ही धार की 34 वीं बटालियन के कार्यालय में हुए लाखों रुपए के गबन के बाद अब पुलिस मुख्यालय इस तरह के मामलों को पकड़ने के लिए हर जिले में जांच करवा रहा है। इस संबंध में सभी पुलिस अधीक्षकों और बटालियनों के कमांडेंट के साथ ही सभी इकाईयों को पुलिस मुख्यालय ने पत्र जारी किया है। पत्र में साफ कहा गया है कि यदि गबन का प्रकरण सामने आता है तो तत्काल उस पर एक्शन लेते हुए आरोपियों पर एफआईआर दर्ज करवाई जाए।

गौरतलब है कि होशंगाबाद पुलिस अधीक्षक, शिवपुरी पुलिस अधीक्षक कार्यालय, धार में सेनानी 34 वी वाहिनी विसबल कार्यालय के आहरण एवं संवितरण कार्यालय के बाबूओं ने ने अपने बच्चों, पत्नी और अन्य रिश्तेदारों के खातों में करोड़ों रुपए अवैधानिक रुप से ट्रांसफर कर दिए। शिवपुरी पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाबू ने फर्जी सेलरी आहरण कर ली। पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय इंदौर में बारह लाख रुपए से अधिक के कपटपूर्ण भुगतान और गबन के मामले सामने आए है। इनके प्रकरणों को डाटा एनालिसिस और इंटेलीजेंस टूल से आयुक्त कोष एवं लेखा विभाग ने अपनी जांच में पकड़ा। इसके बाद डीजीपी को इसकी सूचना दी।

इस सूचना के बाद जब पुलिस मुख्यालय ने जांच की तो पता चला कि इन चारों इकाईयों से पीएचक्यू को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई। जिस पर डीजीपी ने नाराजगी भी जताई। इसके बाद एडीजी कल्याण अनिल कुमार ने एक पत्र सभी इकाईयों के प्रमुखों को लिखा है। जिसमें उन्होंने निर्देश दिए हैं कि इस तरह के गबन यदि सामने आते हैं तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाए। साथ ही यह निर्देश भी दिए कि आहरण और संवितरण अधिकारी अपने इलॉनइन का पासवर्ड अलग-अलग बनाए जाए और पासवर्ड किसी भी कर्मचारी के साथ शेयर न करें।

ट्रैनिंग देने पर भी हो रहा विचार
सूत्रों की मानी जाए तो चार जगह पर गबन के मामले सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय इस तरह के मामलों को रोकने के लिए गंभीरता से विचार कर रहा है। इसके लिए अब एक ट्रैनिंग करवाने पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में प्रस्ताव यदि माना गया तो सभी ईकाईयों के आहरण और संवितरण अधिकारियों के साथ ही उनके उच्च अफसरों को ट्रैनिंग दी जाएगी, ताकि इस तरह के मामलों पर अंकुश लगाया जा सके।