New Delhi : इन दिनों कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा है। प्रशांत कुमार से लम्बी मुलाकात के अलावा वे उन राज्यों में भी मतभेद ख़त्म करना चाहती हैं, जहाँ कांग्रेस की सरकार है। इसी क्रम में आज उन्होंने राजस्थान कांग्रेस के नेता सचिन पायलट से मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय हुई, जब सचिन पायलट को अशोक गहलोत की जगह मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा है।
सोनिया और सचिन के बीच हुई बैठक का मुद्दा राजस्थान और पार्टी में सचिन पायलट की भूमिका को लेकर थी। जब कांग्रेस अगले साल राज्य में चुनाव की तैयारी कर रही है। सचिन पायलट पहले राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री थे। लेकिन, 2020 में जब उन्होंने पार्टी से बगावत की तो, उन्हें दोनों पदों से हाथ धोना पड़ा। अब उन्हें नई भूमिका और जिम्मेदारी देने का निर्णय सोनिया गांधी करेंगी।
पिछले दो साल में कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। ऐसे में इसे अहम माना जा रहा है। जब राहुल गांधी के सबसे करीबी सहयोगियों की बात आती है तो अब केवल सचिन पायलट ही बचे हैं। क्योंकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह जैसे नेता भाजपा में चले गए।
जानकारी बताती है कि सचिन पायलट ने स्पष्ट कर दिया है कि वे राजस्थान के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। जब कांग्रेस ने 2018 का राजस्थान चुनाव जीता था, तब उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। उनकी जगह अनुभवी अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके दो साल बाद वह अपने समर्थक 18 विधायकों को लेकर दिल्ली में डेरा डाल लिया, हालांकि, उन्हें फिर मनाया गया। सचिन पायलट की बगावत ने अशोक गहलोत की सरकार को पतन के कगार पर ला दिया था।