Pit On Bridge : कांग्रेस विधायक ने पुल पर हुए गड्ढे को लेकर मोर्चा खोला

पुल के निर्माण के लिए IDA के अधिकारियों को निलंबित करें

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Indore : कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा है कि सुपर कॉरिडोर के जिस पुल के लिए CM ने इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) के अधिकारियों और ठेकेदार का सम्मान किया था, उसी पुल पर 6 साल में गड्ढा हो गया। ये गड्ढा इतना बड़ा है कि उसमें से कोई वाहन नीचे गिर सकता है। उन्होंने कहा कि ये गड्ढा IDA के भ्रष्टाचार का प्रतीक है। IDA में नियुक्त भाजपा के नेताओं और अधिकारियों ने मिलकर जो भ्रष्टाचार किया, उससे घटिया निर्माण हुआ है। इस पुल के निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को भी तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए।
विधायक ने कहा कि मध्य प्रदेश के सबसे बड़े पुल के रूप में इस पुल का निर्माण किया गया था। जब इस पुल का लोकार्पण समारोह आयोजित किया जा रहा था, तब बेहतर क्वालिटी का अच्छा पुल बनाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ठेकेदार के साथ ही इस पुल के निर्माण के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण के अधिकारियों को पुरस्कृत करते हुए सम्मानित किया गया था। लेकिन, यह पुल कितना अच्छा बना है, यह तो अब स्पष्ट हो गया जब इस पुल पर बने गड्ढे ने सारी पोल खोल दी। वास्तव में यह भ्रष्टाचार का गड्ढा है। पुल का निर्माण लगभग 50 साल तक के लिए किया जाता है। जबकि, यह पुल मात्र 6 साल में ही गड्ढे का शिकार हो गया।
शुक्ला ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा इंदौर विकास प्राधिकरण में संचालक मंडल बनाकर नियुक्त किए गए भाजपा के नेताओं द्वारा अधिकारियों के साथ संगत मत होकर जो भ्रष्टाचार किया गया है, यह पुल उसी का प्रतीक है। इस पुल के निर्माण में घनघोर लापरवाही बरती गई और घटिया क्वालिटी के माल का उपयोग किया गया है। शुक्ला ने कहा कि इस मामले में केवल ठेकेदार को नोटिस देकर जवाब मांगने से काम नहीं चलेगा। इस पुल की गुणवत्ता की पूरी जांच कराई जाना चाहिए। ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करते हुए उस पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए। इसके साथ ही इस पुल के निर्माण के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण के अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिया जाना चाहिए।

हादसा होता तो जिम्मेदार कौन
विधायक ने कहा कि यह पुल कितना घटिया बना है, वह तो इस गड्ढे से ही स्पष्ट हो जाता है। ऐसे में यदि किसी दिन इस पुल में कोई वाहन समा जाता और हादसा हो जाता तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होता! निश्चित तौर पर प्राधिकरण के कार्यों में भ्रष्टाचार नगर निगम से मुकाबले के लायक बन गया है । इस पुल की गुणवत्ता की जांच कराई जाना शहर के हित में है।