Pithampur Closed : कचरा जलाने के खिलाफ पीथमपुर बंद, लाखों लोग सड़क पर उतरे
पीथमपुर से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Pithampur (Dhar) : जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में भोपाल गैस त्रासदी जन्मदाता कंपनी यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर पहुंचने के दूसरे दिन विरोध बढ़ता जा रहा है। पूर्व से घोषित ‘पीथमपुर बंद’ को व्यापक समर्थन मिला। शुक्रवार सुबह से ही पीथमपुर के सारे बाजार बंद है। चाय, पानी की दुकानें बंद रखकर रहवासियों ने इस बंद को पूरा समर्थन दिया।
आज सुबह से यहाँ की छोटी-छोटी दुकानें भी बंद है। कुछ बंद समर्थकों ने बस स्टैंड और आजाद चौक पर पहुंचकर सड़के जाम करने का प्रयास किया। लेकिन, वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाइश देकर रवाना किया। कल से आमरण अनशन पर बैठे संदीप रघुवंशी के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग पहुच रहे है। जबकि, सैलाना विधायक कमलेश डोडियार कल से धरना स्थल पर मौजूद है। हालांकि यहाँ फैक्ट्रियां चालू है और कर्मचारियों और मजदूरों के आवागमन में कोई बाधा नहीं हो रही। बसों का संचालन भी हो रहा है। क्षेत्र में पर्याप्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
कचरा आने के बाद आंदोलन उग्र
गुरुवार अलसुबह भोपाल से पीथमपुर में कचरा आने के बाद से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सांस फूल गई। पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की समझाइश का जनता पर कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा। सभी संगठन, संस्थाएं एक मंच पर आकर इसका विरोध कर रही हैं। बंद को रहवासियों का पूरा साथ मिला है। हर जगह बंद का असर नजर आ रहा है। कोई भी कारोबार करता नजर नहीं आ रहा। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि कचरा जलाना शुरू किया तो आंदोलन और भी भड़क जाएगा।
कई समाजसेवी संगठन पहुंचे
आदिवासी इलाके के अलावा इंदौर से भी कई संस्थाओं और सामाजिक संगठनों के लोग पीथमपुर गए। बड़ी संख्या में इंदौर में भी लोग इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे। मजदूर संघ, किसान संघ, रहवासी संघ और कई संस्थाएं पीथमपुर जाकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रही हैं।
मुख्यमंत्री की अपील बेअसर रही
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कचरा जलाए जाने का विरोध कर रहे लोगों को समझाने और संतुष्ट करने का प्रयास किया था। लेकिन, इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया। भोपाल से इंदौर आए 337 टन विषैले कचरे को लेकर जारी विरोध के बीच इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में एक बैठक की गई। उन्होंने कहा कि हमें भी शहर की चिंता है। रातभर हमने सरकार को सोने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जहरीले कचरे से जनता भयग्रस्त न हो, शंका का समाधान जरूरी है। उन्होंने सभी से बात की, लेकिन उनकी बात से भी आंदोलन पर खासा असर नहीं पड़ा। सुबह होते ही लाखों लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए निकल पड़े।