

PK’s Success Funda: सफलता की पहली सीढ़ी है ‘‘समय प्रबंधन’’
प्रवीण कक्कड़
कल्पना कीजिये, आपको कोई 24 लाख रूपये दे और इन्हें खर्च करने की सीमा हो 24 घंटे तो आप क्या करेंगे। अपनी प्राथमिक जरूरतों को देखेंगे और उसके अनुसार पूरा पैसा खर्च करेंगे। आप कोशिश करेंगे कि पूरे पैसे सही जगह खर्च हों। ऐसा ही गणित समय का भी है। बस हम इसे पैसों की तरह अनमोन नहीं समझ पाते और इसे व्यर्थ गवा देते हैं, जबकि यह अनमोल खजाना है। हम सभी के पास 24 घंटे हैं और हमें इसे सोच-समझकर प्राथमिकता के साथ अपनी सफलता के लिए खर्च करना है। कुछ लोग इन्हीं 24 घंटों का सही उपयोग कर इतिहास रच देते हैं और कुछ लोग इसे व्यर्थ गवा देते हैं।
एलन मस्क, बिल गेट्स, मार्क जुगरबर्क और आप सभी के पास बराबर 24 घंटे हैं। आपका सफल या असफल होना समय के उपयोग पर निर्भर करता है। याद रखें जो समय का सम्मान करता है, समय भी उसका सम्मान करता है। बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता। यही कारण है कि महान लोग हमेशा समय के महत्व को समझते हैं और इसे बर्बाद नहीं करते। अगर आप अपने जीवन में सफलता चाहते हैं, तो समय का सही प्रबंधन करना सीखिए। एक मिनट की लापरवाही पूरे दिन की मेहनत को बेकार कर सकती है, जबकि एक सुव्यवस्थित दिनचर्या आपको बुलंदियों तक पहुँचा सकती है। आज का काम कल पर मत छोड़िए, क्योंकि कल कभी नहीं आता। प्रतिदिन लक्ष्य निर्धारित कीजिए, प्राथमिकताएँ तय कीजिए और अनुशासन के साथ आगे बढ़िए। याद रखिए, समय ही आपका सबसे बड़ा साथी या सबसे बड़ा दुश्मन बन सकता है—यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे उपयोग करते हैं। जो समय की कीमत समझता है, समय उसकी कद्र करता है!
समय: एक अनमोल संसाधन
दिन में 24 घंटे होते हैं, और इन्हें बढ़ाया नहीं जा सकता। सोने, खाने, विश्राम और दैनिक क्रियाओं का समय भी तय है। ऐसे में, यह सवाल उठता है कि इस सीमित समय का अधिकतम उपयोग कैसे किया जाए? समय प्रबंधन का सीधा सा अर्थ है, अपने समय को इस तरह से नियोजित करना कि आपके कार्य और उनके उद्देश्य निश्चित योजना के तहत पूरे हों।
समय प्रबंधन की बढ़ती महत्ता
जैसे-जैसे आप जीवन में ऊँचे पदों की ओर बढ़ते हैं, समय प्रबंधन का महत्व उतना ही अधिक होता जाता है। एक अकेला व्यक्ति अगर आधा घंटा लेट होता है, तो वह केवल अपने आधे घंटे का नुकसान करता है। लेकिन, एक वरिष्ठ अधिकारी अगर मीटिंग में आधा घंटा देरी से पहुँचता है, तो वह मीटिंग में मौजूद सभी लोगों के कुल मिलाकर घंटों का नुकसान करता है। यह दर्शाता है कि समय का सही उपयोग व्यक्तिगत और सामूहिक सफलता दोनों के लिए कितना ज़रूरी है।
डिजिटल युग की चुनौतियाँ और समय की डकैती
आज के डिजिटल युग में, हमारे समय की चोरी एक षड्यंत्र बन चुकी है। आप कोई महत्वपूर्ण संदेश देखने के लिए फ़ोन उठाते हैं, और नोटिफिकेशंस की बाढ़ में खो जाते हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम… और कुछ ही देर में आप भूल जाते हैं कि आपने फ़ोन उठाया किस काम के लिए था। यह हमारे समय की ऐसी बर्बादी है जिसके लिए हम अकेले दोषी नहीं हैं, बल्कि यह डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का ही एक तरीका है जो हमसे हमारे अनमोल समय की डकैती कर लेता है।
तो फिर क्या किया जाए? न हम फ़ोन का इस्तेमाल छोड़ सकते हैं, न इंटरनेट का। न हम अपने उच्चाधिकारियों को समय पर मीटिंग में आने का आदेश दे सकते हैं, और न ही मित्रों के आग्रह को टाल सकते हैं। ऐसे में, हमें खुद को व्यवस्थित करना होगा और अपनी ज़रूरी कामों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
फोकस और प्राथमिकता का महत्व
हज़ारों की भीड़ के बीच खेलता क्रिकेटर, लाखों की भीड़ और शोर में भाषण देता नेता, या जाड़ा-घाम झेलता एक सैनिक—ये सभी अपने काम में मुस्तैदी से लगे रहते हैं। क्यों? क्योंकि इन सबने अपने दिन के सबसे महत्वपूर्ण कार्य तय कर लिए हैं और उन्हें निभाने का प्रण ले लिया है।
अगर हम सबसे पहले अपने सर्वोच्च प्राथमिकता वाले काम निपटा लें, तो बाद की बाधाओं को डिस्टर्ब करने के लिए कोई महत्वपूर्ण काम बचेगा ही नहीं। बहुत से लेखक देर रात में लिखते हैं क्योंकि उस समय कोई व्यवधान नहीं होता। कई सीईओ और नेता सुबह 9 बजे तक अपने महत्वपूर्ण फैसले कर लेते हैं क्योंकि उस समय उन्हें कोई परेशान करने वाला नहीं होता।
आलस्य और काम की आतुरता
समय प्रबंधन की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हम अक्सर अपने सबसे शांति वाले समय को आलस्य में बर्बाद कर देते हैं। और जब लोगों से मिलने-जुलने और व्यवधानों का समय आता है, तब हम काम करना चाहते हैं। जिस तरह हमें भूख और नींद के लिए आतुरता होती है, वैसी ही आतुरता अगर काम के लिए हो जाए, तो हमारा कोई काम विलंब से न हो। काम की इसी आतुरता को हासिल करना ही इंद्रियों को वश में करना और समय को साध लेना है।
आज के समय में, समय को साध लेना ही एक बहुत बड़ी सिद्धि है। क्योंकि समय किसी का इंतज़ार नहीं करता, इसीलिए हमें समय के अनुशासन को अपने गले में कंठ हार की तरह डाल लेना चाहिए। यही समय प्रबंधन का मूल मंत्र है।
समय प्रबंधन के 5 गोल्डन रूल्स
* सुबह जल्दी उठकर दिन की शुरुआत पर नियंत्रण रखें।
* जो काम 2 मिनट में हो, उसे तुरंत करें; टालमटोल से बचें।
* प्राथमिकताएं तय कर सबसे ज़रूरी काम पर ध्यान केंद्रित करें।
* हर दिन ‘टू-डू’ लिस्ट बनाकर, सभी कामों को समय पर पूरा करें।
* डिजिटल डिस्ट्रक्शन को नियंत्रित कर, काम के दौरान फोकस्ड रहें।