SC-ST के बच्चों को साधने की प्लानिंग, हॉस्टल से लेकर स्कॉलरशिप पर फोकस
भोपाल: प्रदेश में एससी-एसटी वर्ग के लोगों को रोजगार के लिए नई स्कीम शुरू करने के साथ राज्य सरकार इस वर्ग के उन बच्चों को साधने का काम करेगी जो 11वीं-12 वीं के स्टूडेंट हैं और छात्रावासों में रहकर पढ़ाई करते हैं। इनके हॉस्टल से लेकर स्कॉलरशिप तक पर सरकार ने फोकस किया है और कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि इन बच्चों को दी जाने वाली सेवाओं में कमी न हो। साथ ही समय पर सेवा देने का काम भी कलेक्टर जिलों में पूरा कराएं। सरकार इन स्टूडेंट्स पर इसलिए ज्यादा फोकस कर रही है क्योंकि ये नव मतदाता बनने वाले हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि कलेक्टर जिलों में छात्रावासों पर ज्यादा फोकस करें। वहां सफाई, भोजन और अन्य व्यवस्थाएँ अच्छी रहें। इसीलिए उन्होेंने कलेक्टरों से कहा है कि वे जिलों में खुद एससी-एसटी के लिए बने छात्रावासों का निरीक्षण करें और अधीनस्थ अधिकारियों से भी इन्स्पेक्शन कराकर वहां की कमियों को दूर कराएं। इसी के चलते कलेक्टरों को दिए निर्देश में कहा गया है कि 11वीं-12वीं में पढ़ने वाले ये स्टूडेंट जब वोटर बनने के साथ कॉलेज में पहुंचते हैं तो इनमें सरकार के कामकाज को लेकर एक छवि निर्मित होती है। सरकार इनके लिए पैसे खर्च करती है तो काम की छवि भी नकारात्मक होने के बजाय सकारात्मक होनी चाहिए। इसलिए कलेक्टर इस पर फोकस करें और संवाद कर इन हास्टल्स में रहने वाले बच्चों की परेशानियों को भी जानें। इसके लिए स्टेट लेवल के अफसरों को भी ध्यान देने और प्रवास के दौरान निरीक्षण करने के लिए कहा गया है।
स्कॉलरशिप के लिए तय करें तारीख
सीएम चौहान ने कलेक्टरों से यह भी कहा है कि एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के स्टूडेंट्स को सरकार की ओर से छात्रवृत्ति दी जाती है। यह स्कॉलरशिप समय पर भुगतान न होने की भी कम्प्लेन आती है। इसलिए कलेक्टर जिला स्तर पर एक तारीख तय कर लें कि हर माह बच्चों की स्कॉलरशिप का भुगतान संबंधित तारीख तक हो जाएगा। इसकी रिपोर्ट भी समय समय पर लेते रहें।
स्ट्रीम हॉट स्पॉट करें तय
मुख्यमंत्री चौहान ने कलेक्टरों से यह भी कहा है कि वे हर जिले में एससी-एसटी के साथ घटित होने वाली घटनाओं के मामले में स्ट्रीम हॉट स्पॉट तय करें। ये स्ट्रीम हॉट स्पॉट वे होंगे जिस स्थान में पांच घटनाएं एससी-एसटी वर्ग के लोगों के साथ घटित हुई हैं। गांव हो या शहर, ऐसे स्थानों की जानकारी सामने आने पर वहां जागरुकता शिविर लगाकर लोगों में अवेयर किया जाए ताकि फिर ऐसी घटनाएं न हों।