Badwani News: कई बच्चे फंसे हैं यूक्रेन में, चिंतित है परिजन

मदद के लिए सरकार से कर रहे हैं गुहार

2015

बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट

रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है एक और युद्ध से जहां तीसरे वर्ल्ड वार की आशंका व्यक्त की जा रही है वही पूरी दुनिया में इसका असर देखने को मिल रहा है बड़वानी जिले में भी कई परिवार और लोग इस युद्ध को लेकर चिंतित है

बड़वानी: यूक्रेन के कई शहरों में बड़वानी जिले के लगभग 8 छात्र-छात्राएं यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं। ना सिर्फ बड़वानी बल्कि बल्कि सेंधवा, अंजड़, रहगून, सजवानी के छात्र-छात्राएं वहां रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। इन सबके बीच इनके परिजन यहां पर काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। किसी के परिजन का कहना है कि वो रात भर सो नहीं पा रहे। उन्हें चिंता सताए जा रही है तो कोई कह रहा है कि विदेश मंत्रालय से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक मदद मांगी लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं कुछ परिजन इस बात पर भी नाराज हैं कि वहां के जो कॉलेज है वह छुट्टी नहीं दे रहे हैं और ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति भी नहीं दे रहा है।

वहीं कुछ तो ऐसे हैं जिनके टिकट 27 और 28 फरवरी को टिकट कंफर्म हो चुका था लेकिन अब ऐसे हालात हैं कि फ्लाइट मिलना नामुमकिन है।

सेंधवा निवासी विवेक के पिता भगवान कहते हैं की बेटे के पास से तो 3 दिन तक खाने का सामान बचा है।
27 तारीख का टिकट बुक था उसने अपना सामान जो नहीं आ रहे थे उनको दे दिया। अब क्या होगा क्या पता?
वही रहगुन के रहने वाले भगवान परमार कहते हैं उनका पुत्र राहुल यूक्रेन के उजरोद में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। बेटे से बात हुई तो उसने कहा यहां हालात बहुत खराब हो रहे हैं।

बेटा अभी रूम पर सेफ है लेकिन मां-बाप को उसकी चिंता खाए जा रही है। वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द सरकार कुछ करें और बेटा वापस आ जाए क्योंकि कॉलेज प्रबंधन ने भी वापस आने की अनुमति दे दी है।

वही सजवानी निवासी बद्रीलाल चोयल जिन की पुत्री किरण चोयल यूक्रेन के डेनीप्रोसिटी सिटी में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है, के परिजन कहते हैं कि 28 तारीख का टिकट कंफर्म था लेकिन अब फ्लाइट है रद्द हो चुकी है। बेटी कहती है कि वह वहां पर सुरक्षित है लेकिन हमें यहां पर चिंता खाए जा रही है। हम सरकार से अपील करते हैं कि उनकी मदद करें। उनका कहना है 16 तारीख से जिस तरह गतिविधियां बदली है हम तब से काफी चिंता में है और बेटी को लेकर चिंता खाए जा रही है