PM Awas Yojana : आदिवासियों के साथ आवास के नाम पर फर्जीवाड़ा

आधे-अधूरे मकानों को वेबसाइट पर कंप्लीट बताया, दलालों ने जमकर पैसा कूटा

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  • Dindori : मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में अफसरों की मनमानी के चलते केंद्र सरकार की महत्वाकांछी ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ (PM Awas Yojana) भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। टारगेट पूरा करने के चक्कर में अफसरों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने आधे अधूरे मकानों को भी सरकारी रिकार्ड में पूर्ण दर्शा दिया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PM Rural Housing Scheme) की ऑफिसियल वेबसाइट के मुताबिक जिले में अब तक 67 हजार 504 हितग्राहियों को आवास स्वीकृत कर राशि जारी की जा चुकी है। इसमें 11108 आवासों का निर्माण आज भी नहीं हो पाया। हजारों आधे-अधूरे बने प्रधानमंत्री आवास धीरे-धीरे खंडहर होते जा रहे हैं। कुछ जगहों पर तो पीएम आवास के नाम पर झोपड़ीनुमा मकान (Cottage House in the Name of PM Awas) बना दिए गए।   बजाग विकासखंड के बैगा आदिवासी बाहुल्य पिपरिया ग्रामपंचायत के सेंदुरखार ग्राम में दर्जनों मकान अधूरे (Dozens of Houses Unfinished) पड़े हुए हैं। गांव में रहने वाले बैगा जनजाति के हितग्राहियों का कहना है की नेमीदास नामक दलाल (A Broker Named Nemidas) मकान बनाने के नाम पर उनसे आवास योजना की किश्तें ले ली और आधा अधूरा मकान बनाकर छोड़ दिया। पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) के हितग्राही समारू पिता रामू धुर्वे का मकान प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की ऑफिसियल वेबसाइट में कंप्लीट दिखा रहा है, जबकि उसके मकान का अभी लेंटर भी नहीं हो पाया।   समारू ने बताया की करीब 4 साल पहले उसका पीएम आवास स्वीकृत हुआ था तब नेमीदास नामक ठेकेदार ने मकान बनाने का वादा कर उससे आवास के किश्तों की रकम ले ली और आधा अधूरा मकान बनाकर छोड़ दिया था। समारू ने बताया की छत बनवाने के लिए उसने दो साल तक मेहनत मजदूरी कर पैसे इकट्ठे किये हैं जिस पैसों से अब वो अधूरे मकान की छत तैयार करवा रहा है। समारू के बड़े भाई महर सिंह का मकान भी वेबसाइट में कम्प्लीट दिखाया जा रहा है। जबकि, उसका मकान भी आधा अधूरा है।                             IMG 20220217 WA0037                                                                                         पीएम आवास के हितग्राही महर सिंह की पत्नी गुड्डी बाई ने बताया की मकान बनाने के एवज में ठेकेदार नेमीदास ने उनसे भी आवास योजना की किस्त निकलवा कर ले लिए और मकान नहीं बनवाया। गुड्डी बाई ने हमें मिट्टी से बनी वो एक कमरे की झोपडी भी दिखाई जिसमे वो अपने पति और तीन बच्चों के साथ जीवन यापन करती है। अकेले सेंदुरखार गांव में दो दर्ज़न से अधिक पीएम आवास भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं।              IMG 20220217 WA0038

डिंडौरी जिले का वनग्राम चांडा जहां VIP बैगा आदिवासियों के साथ फोटो खिंचवाने के लिए अक्सर पहुँचते हैं। उसी चांडा ग्राम में बीते 13 फ़रवरी को स्थानीय सांसद व मोदी सरकार के राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने PM Awas Yojana से लाभांवित तीन बैगा हितग्राहियों को गृहप्रवेश करवाया है। वन ग्राम चांडा में दर्जनों आवास सालों से अधूरे पड़े हुए हैं, जो अब खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं।    समनापुर विकासखंड के गौराकन्हारी ग्रामपंचायत में तो झोपड़ीनुमा कच्चे मकानों को ही PM Awas Yojana घोषित कर दिया गया। आवास योजना के हितग्राही बुध सिंह की पत्नी ललिया बाई ग्राम की सरपंच हैं। लेकिन, बुध सिंह और उनके सगे भाई प्रेम सिंह भी PM Awaas Yojna के हितग्राही हैं। सरपंच पति बुध सिंह के आवास में भी छत के नाम पर खप्पर बिछे हुए हैं।    जबकि, उनके भाई प्रेम सिंह के आवास को बिना नींव के ही खड़ा कर दिया गया है। दीवार में सीमेंट कांक्रीट की जगह लाल मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है। छत के नाम पर खप्पर बिछा दिया गया। सरपंच पति बुध सिंह ने आवास योजना में हुई गड़बड़ी को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि किसी दूसरे पक्के मकानों की फोटो जियो टैग करके आवास योजना के तहत बने कच्चे मकानों की किस्त जारी कर दी गई है। सरपंच बुध सिंह बताते हैं की पंचायत सचिव ने किस्त जारी करने के एवज में उनके सगे भाई से 30 हजार रूपये रिश्वत लिए हैं।

जिम्मेदारों की बयानबाजी     स्थानीय विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम ने PM Awas Yojana में गड़बड़ी को लेकर प्रदेश व केंद्र सरकार पर निशाना साधा है तो वहीं जिला पंचायत की अध्यक्ष ज्योतिप्रकाश धुर्वे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया है। स्थानीय सांसद व मोदी सरकार के राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते से जब PM Awas Yojana में हुई गड़बड़ी को लेकर सवाल किया गया तो वे बेतुकी बयानबाजी करते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आए। PM Awaas Yojna में बड़ी लापरवाही उजागर होने के बाद स्थानीय व जिले के जिम्मेदार अधिकारी कैमरे में कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आ रहे हैं।