नियमों को दरकिनार कर बांट दी PM आवास की राशि, CMO सस्पेंड

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नियमों को दरकिनार कर बांट दी PM आवास की राशि, CMO सस्पेंड

भोपाल: नगरीय निकायों में अफसरों की मनमर्जी का खेल जारी है। अशोकनगर जिले की शाढौरा नगर परिषद में रहते हुए मुख्य नगर पालिका अधिकारी यशवंत राठौर ने वहां प्रधानमंत्री आवास योजना में जमकर गड़बड़ झाला किया।नियमविरुद्ध कलेक्टर से अनुमोदन कराए बिना अपात्र हितग्राहियों को नियम विरुद्ध लाखों रुपए बांट दिए गए। यही नहीं योजना में स्वीकृत ढाई लाख के स्थान पर नौ हितग्राहियों को तीन लाख 52 हजार के मान से राशि बांट दी गई है। जांच में गड़बड़ी उजागर होंने के बाद नगरीय प्रशासन आयुक्त भरत यादव ने उन्हें निलंबित कर दिया है।

राठौर वर्तमान में मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद भितरवार जिला ग्वालियर में पदस्थ है। इसके पहले जब से शाढौरा नगर पालिका परिषद में पदस्थ थे तब उन्होंने वहां जमकर गड़बड़ी की। मामले की जांच गुना कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी ईसागढ़ की अध्यक्षता वाले छह सदस्यी जांच दल से कराई। जिसमें गड़बड़ी प्रमाणित पाई गई।

ऐसे करा गोलमाल-
राठौर ने प्रधानमंत्री आवास योजना के बीएलसी घटक की तीसरी डीपीआर जो एक हजार हितग्राहियों के लिए स्वीकृत हुई थी। इसमें हितग्राहियों की पात्रका का परीक्षण और कलेक्टर अशोकनगर से अनुमोदन कराए बिना 427 हितग्राहियों को नियम विरुद्ध राशि अंतरित कर दी गई। प्रधानमंत्री आवास योजना के बीएलसी घटक अंतर्गत चतुर्थ डीपीआर जो अस्सी हितग्राहियो की थी इसमें हितग्राहियों की पात्रता का परीक्षण कराए बिना 22 अपात्र हितग्राहियों को 44 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। पीएम आवास योजना के बीएलसी घटक अंतर्गत पांचवी डीपीआर जो 203 हितग्रहियों की थी जिसमें से 33 हितग्राहियों को 33 लाख रुपए का अनियमित भुगतान किया गया। जांच दल की जांच में नौ हितग्राही ऐसे भी मिले है जिन्हें योजना अंतर्गत स्वीकृत ढाई लाख के स्थान पर 3 लाख 52 हजार रुपए के मान से भुगतान किया गया। इसी प्रकार तृतीय डीपीआर के कुल चार हितग्राहियों को ढाई लाख से अधिक का भुगतान किया जाना पाया गया है। राठौर का तबादला ग्वालियर होेंने के दिनांक को उन्हें भारमुक्त किया गया। इसके बाद 25 हितग्राहियों को 24 लाख रुपए का भुगतान किया गया जिसमें प्रारंभिक परीक्षण के दौरान 22 हितग्राही अपात्र पाए गए। कारण बताओ नोटिस का उन्होंने उत्तर ही प्रस्तुत नहीं किया।उन्हें अपात्रों को नियम विरुद्ध राशि दिए जाने, नोटिस का जवाब नहीं देने, पात्रता से अधिक राशि वितरण और वरिष्ठों के निर्देशों की अवहेलना करने शासन के नियम, निर्देशों से परे जाकर कार्य करने के कारण सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत निलंबित किया गया है। उन्हें नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर संभाग में अटैच किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।