PM मोदी ने 5 विभूतियों को भारत रत्न से विभूषित कर नया इतिहास रचा,अभी तक 53 दिग्गज हस्तियों को मिला है यह सर्वोच्च सम्मान

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PM मोदी ने 5 विभूतियों को भारत रत्न से विभूषित कर नया इतिहास रचा,अभी तक 53 दिग्गज हस्तियों को मिला है यह सर्वोच्च सम्मान

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी वी नरसिम्हा राव और डॉ एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का एलान कर एक बार फिर देशवासियों को चौंकाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर हमेशा की तरह एक के बाद एक ट्वीट कर यह एलान किया है।

 

इससे पहले इस वर्ष तीन फरवरी को भारत सरकार ने पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने का ऐलान किया गया था। इस तरह इस वर्ष अब तक पांच हस्तियों को भारत रत्न अलंकरण देने की घोषणा की जा चुकी है। इसके बाद देश भर में यह चर्चा जोर पकड़ गई कि भारत सरकार द्वारा एक वर्ष में अधिकतम कितने लोगों को यह सर्वोच्च अवार्ड दिया जा सकता हैं। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार वर्ष में एक साथ तीन व्यक्तियों को भारत रत्न दिया जा सकता हैं। हालांकि इससे पहले भी 1999 में यह सम्मान एक साथ चार हस्तियों को दिया जा चुका हैं।

 

 

संसद में भी शुक्रवार को लोकसभा और राज्य सभा में सभी दलों के सांसदों ने किसानों के मसीहा पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह एवं देश में आर्थिक उदारीकरण लाने वाले पूर्व प्रधान मंत्री पी. वी. नरसिंह राव और देश में हरित क्रांति के प्रणेता माने जाने वाले एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न प्रदान करने की घोषणा का तहे दिल से स्वागत किया। साथ ही सांसदों ने अपने अपने क्षेत्र के मशहूर नेताओं को भी भारत रत्न सम्मान देने की मांग भी रख दी।

 

राजस्थान के कुछ सांसदों ने भी पूर्व उप राष्ट्रपति और देश में सर्व प्रथम अंत्योदय और काम के बदले अनाज योजना लागू करने वाले तथा एक छोटे से गांव के किसान परिवार से देश के दूसरे सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाले स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत को भी भारत रत्न से अलंकृत करने की भावना जाहिर की है । वैसे भी भारतीय जनसंघ के समय से ही तीन नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और भैरों सिंह शेखावत की जोड़ी मशहूर एवं चर्चित रही है और उनमें से भैरों सिंह शेखावत को छोड़ दोनों शीर्ष नेताओं को भारत रत्न से नवाजा जा चुका है।

 

 

आजादी के बाद अब तक देश की 53 हस्तियों को इस सम्मान से नवाजा जा चुका है। भारत रत्न पुरस्कार की शुरुआत साल 1954 में नेहरू सरकार में हुई थी।

तब देश के प्रथम गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी, राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सुविख्यात वैज्ञानिक सी.वी. रमन कोई साथ यह अवार्ड दिया गया था। उसके बाद1955 में भी एक साथ तीन भगवान दास, एम. विश्वरवैया और प्रथम प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू (1955) को एक साथ भारत रत्न से नवाजा गया था।

कालांतर में गोविंद बल्लभ पंत (1957), धोंडो केशव कर्वे (1958), बिधन चंद्र रॉय एवं पुरुषोत्तम दास टंडन (1961), प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद (1962), राष्ट्रपति जाकिर हुसैन (1963), पांडुरंग वामन काणे (1963), पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री (1966), पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी (1971), राष्ट्रपति वी.वी. गिरी (1975), के कामराज (1976),मदर टेरेसा  (1980), विनोबा भावे (1983),सीमांत गांधी खान अब्दुल गफ्फार खान (1987), एम.जी. रामचंद्रन (1988) ,भीमराव अंबेडकर और नेल्सन मंडेला (1990), पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और पूर्व प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई (1991), अब्दुल कलाम आजाद एवं जे आर डी टाटा एवं सत्यजीत रे (1992),पूर्व कार्यवाहक प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा,अरूणा आसफ अली और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (1997), एम.एस. सुब्बूलक्ष्मी और चिदंबरम सुब्रमण्यम (1998), लोक नायक जयप्रकाश नारायण, अमर्त्य सेन, गोपीनाथ बोर्दोलोई और रविशंकर (1999), स्वर कोकिला लता मंगेशकर एवं बिस्मिल्लाह खान (2001),भीमसेन जोशी (2009) , सी एन आर राव एवं सुप्रसिद्ध क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (2014),मदन मोहन मालवीय एवं पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (2015), पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारीका (2019) को भारत रत्न अलंकरण से विभूषित किया जा चुका हैं।

 

इस वर्ष 2024 में 75 वें गणतंत्र दिवस से पहले कर्पूरी ठाकुर को उसके उपरांत लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा की गई तथा शुक्रवार को

चौधरी चरण सिंह,पी. वी. नरसिंह राव और एम एस स्वामीनाथन (2024) को भी भारत रत्न अवार्ड प्रदान करने की घोषणा से देश में एक अलग ही वातावरण और उत्साह एवं उमंग का माहौल सृजित हुआ है। साथ ही लोगों की महत्वाकांक्षाऐं भी बढ़ गई गई।

 

 

देश में भारत रत्न देने की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना कोई भी व्यक्ति इस सम्मान के लिए पात्र है। यह मानव प्रयास के किसी भी क्षेत्र में उच्चतम स्तर की असाधारण प्रदर्शन और सेवाओं की मान्यता के लिए प्रदान किया जाता है। भारत रत्न के लिए सिफारिशें स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती है। इसके लिए किसी औपचारिक अनुशंसा की आवश्यकता नहीं होती है। पुरस्कार प्रदान किए जाने पर, प्राप्तकर्ता को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाण पत्र) और एक पदक प्राप्त होता है। पुरस्कार में कोई मौद्रिक अनुदान नहीं है।

 

लोकसभा आम चुनाव से पूर्व प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की एक वर्ष में एक साथ पांच व्यक्तियों को उनकी अतुलनीय सेवाओं के लिए भारत रत्न देने का निर्णय भारत की आजादी के अमृत वर्ष में एक स्वागत योग्य और शलाघनीय कदम हैं। इससे देश के नागरिकों की उम्मीदें भी बढ़ी है।

 

देखना है कि क्या आने वाले वर्षों में अथवा इसी वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भैरों सिंह शेखावत जैसे अन्य कई अछूती दिग्गज हस्तियों को भी देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से विभूषित कर एक नया इतिहास रचने जा रहे है।