पीएम मोदी केदारनाथ में, प्रदेश में मंत्री, विधायक, बीजेपी नेता भी रहेंगे मंदिर में

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PM meeting with CM's : कोरोना मामले पर PM 4 बजे मुख्यमंत्रियों से चर्चा करेंगे 

भोपाल :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 नवम्बर को उत्तराखंड के दौरे पर केदारनाथ जाएंगे। इस दौरान वे आदि शंकराचार्य की समाधि का पूजन करेंगे और केदारनाथ में होने वाले विकास कार्यों को शुरू करेंगे। इस दौरान प्रदेश के सभी जिलों में मंत्रियों, विधायकों, भाजपा नेताओं की ड्यूटी मंदिरों में लगाई गई है। ये सभी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा तय किए गए मंदिरों में मौजूद रहकर वहां पूजन में शामिल होंगे।
पीएम मोदी का केदारनाथ में शुक्रवार को सुबह 9.35 बजे मुख्य पूजा कार्यक्रम है। इसके चलते भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व द्वारा तय किए गए प्रदेश के 40 मंदिरों के साथ अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में भी केंद्रीय मंत्रियों, प्रदेश सरकार के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, प्रदेश और जिला पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई है।
इनसे कहा गया है कि जिनकी ड्यूटी जिस मंदिर में मौजूद रहने के लिए लगाई गई है वे सुबह 9 बजे तक मंदिर पहुंच जाएंगे और वहां भजन, कीर्तन व हवन कार्यक्रम में शामिल होंगे।
पार्टी की ओर से जिला अध्यक्षों को मंदिरों की जानकारी देकर जनप्रतिनिधियों से चर्चा के बाद कई जिलों में पांच हजार तक की भीड़ भी जुटाने के लिए कहा गया है। ये सभी चालीस मंदिर पीएम मोदी के कार्यक्रम से लाइव जुड़ेंगे। इसलिए इन जिलों के जिला अध्यक्षों और संबंधित मंत्रियों, नेताओं को प्रदेश संगठन की ओर से खास तौर पर समय का ध्यान रखने के लिए ताकीद किया गया है। इन मंदिरों के अलावा प्रदेश संगठन की ओर से भी विधानसभा, जिला और मंडल स्तर पर मंदिरों का चयन कर वहां अलग से पार्टी नेताओं को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है।

*कई मंदिर जीर्ण-शीर्ण, हो सकती है मरम्मत*
पीएम मोदी के कार्यक्रम के लिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा जिन चालीस मंदिरों का चयन किया गया है, उसमें से कई मंदिर जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं। वहां भक्तों और श्रद्धालुओं की भीड़ उतनी नहीं जुटती लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हीं मंदिरों में ही प्रदेश के नेताओं की तैनाती करने के निर्देश दिए हैं। इसे देखते हुए प्रदेश संगठन ने कहा है कि मंदिर भले ही जीर्ण शीर्ण हैं लेकिन जो मंदिर तय किए गए हैं, वहीं पहुंचना है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पुराने और जीर्ण-शीर्ण अवस्था वाले मंदिरों के चयन के बाद यह संभावना है कि इनकी दशा सुधारने को लेकर आने वाले दिनों में केंद्र सरकार कोई नए निर्देश जारी करे या फिर ऐसे मंदिरों को लेकर कोई योजना ही बनाई जाए।