
PM नरेंद्र मोदी ने किया 7 मंजिला, 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाले ‘कर्तव्य भवन’ का भव्य उद्घाटन
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के कर्तव्य पथ पर केंद्रीय विस्टा परियोजना के तहत तैयार हुए नए बहुउद्देश्यीय सरकारी कार्यालय *‘कर्तव्य भवन’* का उद्घाटन किया। यह सात मंजिला, 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला आधुनिक भवन भारत सरकार के कई मुख्य मंत्रालयों के कार्यालयों को एक साथ समेटे हुए है, जिससे सरकारी कामकाज में तेजी, समन्वय और कार्यकुशलता बढ़ेगी।
लार्सन एंड टुब्रो (L&T) द्वारा निर्मित इस भवन की कुल लागत लगभग 3,142 करोड़ रुपये है।ऐसा माना जाता है कि यह पहला ऐसा कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग (CCS-3) है जो ‘सस्टेनेबल गवर्नेंस’ की मिसाल है।
*मुख्य तकनीकी खूबियां और हरित डिजाइन:*
– *ग्रीहा 4-स्टार रेटिंग* के उद्देश्य से तैयार, जिसमें ऊर्जा दक्षता पर खास जोर है।
– LED लाइटिंग का इस्तेमाल, जिसमें सेंसर लगे हैं जो प्रकाश और उपस्थिति के अनुसार ऊर्जा बचाते हैं।
– डबल ग्लेज़्ड खिड़कियाँ तापीय नियंत्रण में मदद करती हैं, जिससे 30% तक ऊर्जा की बचत होती है।
– 366 किलोवाट की सोलर पैनल प्रणाली, जो सालाना लगभग 5.34 लाख यूनिट विद्युत् उत्पादन करेगी।
– छत पर लगे सोलर वॉटर हीटर से दिन के 26% से अधिक गर्म पानी की जरूरत पूरी होती है।
– *एकीकृत बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम* ऊर्जा उपयोग को इष्टतम बनाता है।
– लिफ्ट में रीजेनेरेटिव ड्राइव से ब्रेकिंग के समय ऊर्जा पुनः प्राप्त की जाती है।
– स्मार्ट एयर-कंडीश्निंग सिस्टम, जिसमें वेरिएबल फ्रिक्वेंसी ड्राइव, हीट रिकवरी और कार्बन डाइऑक्साइड आधारित ताजी हवा की व्यवस्था है।
– बारिश का पानी संगृहीत करने के लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, साथ ही लगभग 11 लाख लीटर रोजाना के लिए शून्य-निकास (zero discharge) अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र।
– पानी बचाने के लिए ड्रिप सिंचाई, लो-फ्लो नल, सेंसर आधारित यूरीनल आदि आधुनिक सुविधाएं।
*कार्यात्मक और प्रशासनिक महत्व:*
कर्तव्य भवन में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास, MSME, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के साथ-साथ प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय भी है। इसमें 24 बड़े, 26 मध्य आकार के सम्मेलन कक्ष और 67 टीम मीटिंग रूम उपलब्ध हैं, जो विभागों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग को प्रोत्साहित करेंगे।
यह भवन केंद्रीय विस्टा परियोजना का अहम हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पुरानी और असुविधाजनक सरकारी इमारतों, जैसे कि शास्त्री भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन आदि को नए, हरित और आधुनिक भवनों से बदलकर शासन को द्रुत, पारदर्शी और टिकाऊ बनाना है।
*परियोजना की विशेषताएं:*
– कुल दस कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग्स के पूरे नेटवर्क का पहला पूरा हुआ ब्लॉक।
– पेहले और दूसरे भवन इसी अगस्त में तैयार होकर मंत्रालयों को सौंपे जाएंगे।
– परिसर में 600 से अधिक वाहनों के लिए स्मार्ट पार्किंग और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित हैं।
– भविष्य में यहां राष्ट्रीय संग्रहालय और पुराने भवनों को नया रूप देने के साथ पूरे केंद्रीय विस्टा क्षेत्र को आधुनिक रूप दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन के बाद कहा, “*कर्तव्य भवन केवल एक इमारत नहीं, बल्कि भारत की सरकार के काम करने के नए और आधुनिक ढांचे का प्रतीक है। यह पारदर्शिता, समन्वय और टिकाऊ प्रशासन के लिए एक बड़ा कदम है।*”
भारत को पर्यावरण के प्रति समर्पित और आधुनिक लोकतंत्र के प्रतीक के रूप में इस भवन को देखा जा रहा है, जो सरकार के कामकाज को अधिक कारगर और जिम्मेदार बनाएगा।





