PM Narendra Modi : जनजातीय समुदाय के बिना देश के इतिहास की कल्पना संभव नहीं
Bhopal : जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day) को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जी, मामा टंट्या, रानी दुर्गावती और रानी कमलापति जैसे हमारे जनजातीय नायकों का देश के लिए बलिदान हमारा राष्ट्र कभी भूल नहीं सकता। हम अमर शहीदों का ऋण कभी नहीं चुका सकेंगे। बिना जनजातीय समुदाय के इस देश के इतिहास की कल्पना नहीं की जा सकती। यह जनजातीय समुदाय ही है, जिसने एक राजकुमार को मर्यादा पुरुषोत्तम राम बना दिया।
प्रधानमंत्री (janajaateey gaurav divas) ने कहा कि जब हम जनजातीय विभूतियों (Tribal Figures) का सम्मान करते हैं, तो कुछ लोगों को बड़ी तकलीफ होती है। इसकी वजह यह है कि उन्होंने जनजातीय समुदाय के बलिदान को अंधेरे में रखा और स्वार्थ की राजनीति करते रहे।
इसीलिए जनजातीय समाज के योगदान को वह सम्मान नहीं मिल सका, क्योंकि दशकों तक स्वार्थभरी राजनीति करने वालों ने अपने हितों के लिए देश को सच्चाई से परिचित नहीं होने दिया। मध्य प्रदेश के जनजातीय भाई-बहनों का विशेष रूप से धन्यवाद करता हूं, जिनका हमें पिछले कई वर्षों से विश्वास और स्नेह प्राप्त हो रहा है।
जनजातीय समुदाय (Tribal Community) के जो सपने, आकांक्षाएं अधूरे थे, वही हम पूरा कर रहे हैं। देश में विकास के लिए जो योजनाएं बनती हैं, उनके केंद्र में जनजातीय क्षेत्र भी होते हैं।
आज सही मायने में जनजातीय भाई – बहनों को देश के विकास में उचित भागीदारी दी जा रही है। आज देश में योजनाओं का लाभ जिस समय आम आदमी को मिल रहा है, उसी समय हमारे जनजातीय क्षेत्रों के भाई -बहनों को भी मिल रहा है।
PM Narendra Modi ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए विश्व में टीकाकरण हो रहा है। लेकिन, इस पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं। मैं प्रशंसा करता हूं अपने जनजातीय भाई-बहनों की, जिन्होंने टीकाकरण का महत्व समझा और जीवन सुरक्षित करने के लिए टीका लगवाने आगे आए।
जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण के लिए शिवराज जी की सरकार ने कई योजनाएं प्रारंभ की हैं। मुझे संतोष है कि ‘राशन आपके ग्राम’ योजना से आपको राशन भी मिलेगा और समय भी बचेगा।
PM Narendra Modi ने कहा कि अब विकास के जो आयाम शहरों तक पहुंच रहे हैं, वही हमारे जनजातीय समुदाय के घरों तक भी पहुंच रहे हैं। जो लाभ शहर में है, वही जनजातीय क्षेत्रों को भी दिया जा रहा है। चाहे सड़क बनाना हो या बैंक खाते में योजनाओं की राशि पहुंचाना। जिन लोगों ने देश पर लंबे समय तक शासन किया, उन्होंने जनजातीय समुदायों से वोट लेकर सत्ता का सुख प्राप्त किया, लेकिन हमारे जनजातीय समुदाय के लिए जब और जितना करना चाहिए था, उतना उन्होंने कभी नहीं किया।
जनजातीय कलाकारों ने जो प्रस्तुति दी उसमें जीवन का आदर्श, रहस्य समाहित है, जो हमें कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
जीवन के विभिन्न दौर को जीते हुए हमें अपने अंत समय में पछताना पड़े, ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए। पहले की सरकारें पहले केवल आठ-दस वनोपज को समर्थन मूल्य पर खरीदती थीं, आज हमारी सरकार लगभग 90 वनोपज को समर्थन मूल्य पर खरीदने का कार्य कर रही है।
आज जनजातीय समाज को उसका हक मिल रहा है।
हमारे जनजातीय कलाकारों के हाथ में जबरदस्त कला है। मामूली चीजों से भी ऐसी कृति बना देते हैं कि प्रकृति का सौंदर्य सामने आ जाता है, लेकिन दुखद है कि उनके अधिकारों को वर्षों तक कानून के नाम पर उलझा कर रखा गया। जनजातीय समाज के हितों की रक्षा एवं कल्याण के लिए जिस राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत थी, दशकों तक देश में राज करने वालों के मन में नहीं था।
राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार के लिए जब हमारी जनजातीय विभूतियां पहुंची तो उनके पैरों में चप्पल भी नहीं थीं। यह देखकर दुनिया हैरान रह गई। यह जनजातीय क्षेत्रों में काम करने वाले ही हमारे असली हीरो हैं!