नई दिल्ली: देश के हरियाणा केडर के दो IAS अधिकारी – 1991 बैच के अशोक खेमका और 2004 बैच के संजीव वर्मा के बीच तनावपूर्ण संबंध किसी से छिपे नहीं है। दोनों अधिकारियों ने रामधारी सिंह की कविताओं के द्वारा एक दूसरे पर ताने मारे गए।
खेमका ने रविवार को दिनकर की एक कविता को ट्वीट किया और लिखा कि व्यक्ति जब विनाश के रास्ते पर चलने लगता है तब सबसे पहले वह अपना विवेक खो देता है।
सोमवार को बारी वर्मा की थी। उन्होंने नै भी दिनकर की कविता का सहारा लिया और लिखा है कि पहाड़ जब बाधा की तरह व्यवहार करने लगता है तब कोमल जल की धारा उन अवरोधों को तोड़ देती है। पर्वत के अहंकार रुपी अवरोध को कोई षड्यंत्र नहीं तोडता।
बहरहाल, इस काव्यमय छींटाकशी में दोनों अधिकारियों ने रामधारी सिंह दिनकर की रश्मि रथी से ही कविताएं ली। इससे दोनों के काव्य और सहित्य ज्ञान की भी जानकारी मिली।