Police Campaign on Social Media : कार्रवाई के खिलाफ सोशल मीडिया पर पुलिस का अभियान!
Indore : पलासिया थाने के सामने बजरंग दल और पुलिसकर्मियों के बीच पिछले दिनों हुई भिड़ंत के बाद गृह मंत्री ने जिस तरह एकतरफा की, उससे इंदौर पुलिस में नाराजी दिखाई दे रही है। लाठीचार्ज के बाद एक डीसीपी का ट्रांसफर कर दिया और थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया। नाराजी का कारण यह है कि जब भोपाल के अधिकारी को जांच सौंपी गई थी तो जांच होने और रिपोर्ट आने तक का तो इंतजार किया जाना था। पुलिस के दो अफसरों पर बजरंग दल के कहने पर कार्रवाई क्यों की गई।
बजरंग दल कार्यकर्ताओं के चक्का जाम के बाद पलासिया चौराहे पर हालात बिगड़ने लगे थे। पुलिस के समझाने पर भी जब बजरंग दल के कार्यकर्ता हटने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस को लाठीचार्ज करके उन्हें हटाना पड़ा। लेकिन, घटना के बाद सरकार ने पुलिसकर्मियों की गलती मानते हुए पलासिया टीआई और एक डीसीपी पर कार्रवाई की।
घटना की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्री ने पुलिस मुख्यालय से एडीजी स्तर के अधिकारी विपिन माहेश्वरी को जांच के लिए भेजा। उन्होंने इंदौर आकर तीन दिन दोनों पक्षों के बयान लिए। लेकिन, पुलिस का कहना है, कि जांच से पहले कार्रवाई क्यों की गई। अब इस मामले में पुलिस के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर ‘खाकी का भी तो मान है ना’ लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया है। पुलिस इस स्टेटस से उन पर हुई तरफा कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं।
पलासिया में पुलिस लाठीचार्ज के बाद दो वीडियो फुटेज सामने आए, जिसमें बजरंग दल के कार्यकर्ता पुलिसकर्मियों पर पत्थर मारते हुए नजर आ रहे थे। एक अन्य वीडियो में वे एक महिला पुलिस अधिकारी को घेरते हुए और एक अधिकारी के साथ बदतमीजी करते हुए बी दिखाई दिए। पुलिस ने ये दोनों वीडियो फुटेज जांच अधिकारियों को देकर अपना पक्ष मजबूत किया है।
जांच में दो पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के बाद बजरंग दल ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत कर नामजद एफआईआर दर्ज करने का आवेदन भी दिया। अब सभी पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर एक तरफा की गई कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं।
एडीजी भोपाल में सौपेंगे रिपोर्ट
इस पूरी घटना को गंभीरता से देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने एडीजी विपिन माहेश्वरी को इस मामले में जांच करने के लिए भेजा था। यहां उन्होंने सभी पुलिसकर्मी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से चर्चा करके अपनी रिपोर्ट बनाई, जो वे भोपाल मुख्यालय और गृह मंत्री को यह रिपोर्ट सौंपेंगे। लेकिन, आज पुलिस ने अपने व्हाट्सअप स्टेटस पर एक जैसा संदेश लिखकर स्पष्ट कर दिया कि वे किसी दबाव में नहीं हैं।