आर्थिक अपराध के प्रकरणों की जांच में पुलिस बरत रही लापरवाही, PHQ नाराज

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भोपाल: प्रदेश में चिटफंड कंपनियों और आर्थिक अपराध के मामलों में जिला पुलिस की जांच से पुलिस मुख्यालय नाराज है। इसके चलते पुलिस मुख्यालय ने जांच के लिए कई बिंदुओं को हर हाल में शामिल करने के निर्देश पुलिस अधीक्षकों को दिए हैं। पुलिस अधीक्षकों को जांच में इन बिंदुओं को हर हाल में शामिल करना होगा। माना जा रहा है कि इन बिंदुओं पर आधारित जांच के बाद लोगों के साथ ठगी करने वाले आरोपियों की सजा का प्रतिशत बढ़ सकता है।

पुलिस मुख्यालय की को-आॅपरेटिव फ्रॉड शाखा ने जिलों में दर्ज हुए आर्थिक अपराधों के मामलों की समीक्षा में पाया कि जांच में विवेचक लापरवाही बरत रहे हैं। इस लापरवाही को दूर करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने इस शाखा ने सभी को दिशा निर्देश देकर कई बिंदुओं को विवेचना में शामिल करने के निर्देश पुलिस अधीक्षकों के साथ ही वित्तीय अपराध एवं को-ऑपरेटिव फ्रॉड के जिले के नोडल अफसर को दिए हैं। भेजे गए पत्र में साफ कहा गया है कि इस तरह के अपराधों की प्रभावी कार्यवाही के लिए विवेचना योजना एवं क्रियान्वयन योजना तैयार कराई जाए और जो बिंदु इस पत्र में दिए गए हैं उन्हें केस डायरी में शामिल किया जाए।

यह करना होगा अनिवार्य

इस तरह के मामलों की जांच करने वाले अफसर को केस डायरी का अलग से ब्रीफ तैयार करना होगा। गबन की गई कुल राशि को जब्त करने के साथ आरोपियों की सूची में कंपनी के डायरेक्टर की पूरी जानकारी देना होगी। आरोपियों के खाता बुक, खाता बही, बैंक खाता, बीमा खाता, ऋण पत्र, शेयर, आयकर रिर्टन,जीएसटी, वैट के साथ ही आरोपियों का पासपोर्ट जब्त करना, बैंक अकाउंट फ्रीज करना, शेयर बाजार में निवेश की जानकारी दर्ज करना इन्हें शामिल करने का कहा गया है। वहीं गबन या लोगों से ली गई राशि रिकवरी न हो तो एसआईटी बना कर राशि रिकवरी के प्रयास किए जाएं।