Policemen in Trouble : चौकी में पापा की शिकायत करने पहुंचे 5 साल के बच्चे का वीडियो वायरल कर पुलिसवाले फंसे!
Indore : धार जिले का एक वीडियो कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। इसमें पांच साल का एक बच्चा पुलिस वाले से अपने पिता की शिकायत करता दिखाई दे रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा और पुलिस को जवाब देना भारी पड़ गया। चौकी में मौजूद पुलिस अधिकारी ने जब बच्चे से शिकायत पूछी तो मासूम ने रोते हुए अपने ही पिता की शिकायत की। ये वीडियो वायरल होने के बाद बवाल हो गया। अब इस वीडियो पर इंदौर के वकीलों ने केस कर दिया। क्योंकि, यह मामला बाल अपराध के अंतर्गत आता है।
मनावर पुलिस को शिकायत करने चौकी पर पहुंचे बच्चे का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था, जिसे कई लोगों ने देखा। लेकिन, कानूनविदों ने मामले में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम) कानून के उल्लंघन की बात कही है। सपना प्रजापत निवासी विदुर नगर ने मामले में शिकायत की, जो कानून के क्षेत्र से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनकी शिकायत के अनुसार, कुछ दिन पहले सोशल मीडिया से पता चला कि धार जिले के मनावर पुलिस थाने अंतर्गत एक पुलिस चौकी में बच्चा अपने पिता की शिकायत लेकर आया था।
अवयस्क बालक को लेकर पुलिस चौकी में ही बालक से नाम पूछते हुए बालक से पूरे घटनाक्रम जानकारी का वीडियो बनाकर उस वीडियो को वाहवाही लूटने की नीयत से सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। आपत्ति यह कि बालक का चेहरा दिखाने के साथ ही उसके नाम-पते सहित पहचान उजागर हुई, जो गंभीर विषय होकर धारा 74 किशोर न्याय बालकों की देखरेख संरक्षण अधिनियम में बालकों की पहचान के प्रतिषेध का भी उल्लंघन है।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बालकों के हित और कानून की जन जागरूकता को लेकर किए जा रहे प्रयासों के भी विपरीत है। वीडियो में बालक से पुलिस चौकी के बाहर चप्पल उतरवाई, जो आपत्तिजनक है। इस घटना क्रम से न सिर्फ बालक की पहचान उजागर करवाई गई, बल्कि बालक के परिवार में पिता द्वारा किए जा रहे कृत्य भी उजागर होने से बालक यदि पढ़ता होगा तो उसकी कक्षा एवं स्कूल में भी उसकी उपरोक्त पहचान उजागर होने से उसे असहजता का सामना करना पड़ेगा। इसलिए इस वीडियो को सभी प्लेटफार्म से हटाने की बात कही गई।
सीडब्ल्यूसी जांच करेगा
महिला बाल विकास की प्रशासक वाचना सिंह के मुताबिक, किसी भी नाबालिग या महिला के मामले में मीडिया, प्रशासनिक अफसर और खुद उसका परिवार उसकी पहचान उजागर नहीं कर सकता। यह कानून का उल्लंघन और पूर्णतः गलत है। इस तरह के मामले में सीडब्ल्यूसी संज्ञान ले सकता है। वहीं, न्यायालय या जिस जगह से यह वीडियो बना है, वहां के वरिष्ठ अफसर इसमें संज्ञान ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री से शिकायत की गई
हाईकोर्ट की एक महिला वकील ने कहा कि इंदौर ने न्याय साथी समिति के माध्यम से मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश शासन और महिला एवं बाल विकास अधिकारी, सखी केंद्र वन स्टॉप सेंटर को ज्ञापन प्रेषित करते हुए उक्त वीडियो को तत्काल सोशल मीडिया से हटाने, वीडियो बनाने वाले और वायरल करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के लिए सपना प्रजापति ने ज्ञापन प्रेषित किया है।