शासकीय अंशदान से कर्मचारी स्वयं के आवास और किराए के आवासगृह उपलब्ध कराने बनेगी नीति

प्रदेश में शासकीय आवासगृहों की कमी

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आदिवासियों को साधने के लिए सरकार

भोपाल: प्रदेश में शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को शासकीय अंशदान से स्वयं के आवास उपलब्ध कराने हायर परचेस मॉडल, एन्युटी मॉडल के साथ निजी आवासीय कांपलेक्स किराए पर लेकर प्रदेश में आवासगृहों की बढ़ती मांग और कमी को देखते हुए इनकी उपलब्धता बढ़ाने सरकार नई नीति बना रही है।

इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। इस समिति में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य सचिव होंगे जबकि वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज गोविल, नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव और भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया सदस्य होंगे। यह समिति भोपाल सहित अन्य स्थानों पर शासकीय आवासगृहों की कमी को दूर करने नए और अभिनव मॉडल पर परियोजना तैयार करेगी।

यह समिति प्रदेश में शासकीय आवास गृहों के निर्माण हेतु वैकल्पिक वित्तीय तथा क्रियान्वयन प्रक्रिया के प्रस्ताव तैयार कराएगी। इसके अलावा पात्र शासकीय सेवकों को लंबी अवधि तक शासकीय अंशदान से स्वयं के आवासगृह उपलब्ध कराने के वैकल्पिक वित्तीय तथा क्रियान्वयन प्रस्ताव भी तय किए जाएंगे। इसके अलावा निजी आवासीय भवनों, अपार्टमेंट को लंबी अवधि तक लीज, किराए पर लेकर गृह भाड़ा भत्ता के विरुद्ध आवंटियों को किराया आवंटित व्यवस्था की जाएगी। अनुशंसित वित्ततीय तथा क्रियान्वयन प्रस्ताव पर चयनित महानगरों में पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ करने की रुपरेखा एवं अनुशंसा भी समिति करेगी। यह समिति एक माह में अपनी अनुशंसाए सामान्य प्रशासन विभाग को प्रस्तुत करेगी।