नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव की बंद कमरे में मुलाकात के सियासी मायने

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भोपाल: प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा कल शाम अचानक लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के निवास पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में गुफ्तगू हुई।
एक दिन पहले ही मंत्री भार्गव ने बिना नरोत्तम मिश्रा के नाम लिए, उनके दिल्ली दौरे को लेकर कहा था प्रदेश में वे ( गोपाल भार्गव) सबसे सीनियर विधायक और मंत्री हैं, लेकिन दिल्ली वादी नहीं है। इसके बाद से सियासी मायने निकाले जाने लगे थे। माना जा रहा है कि इसको देखते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव के बंगले पहुंचे थे।

बता दें कि गोपाल भार्गव ने जबलपुर में सोमवार को कहा था कि बीजेपी अनुशासन वाली पार्टी है। नरोत्तम मिश्रा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा था कि नेताओं को दिल्ली रन से फायदा नहीं मिलने वाला है। उन्होंने चुटकी लेने वाले अंदाज में जवाब दिया कि मैं दिल्ली वादी नहीं हूं। भार्गव ने कहा कि वे बीजेपी के सबसे वरिष्ठ विधायक और प्रदेश सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्री भी हैं। वह कभी दिल्ली वादी नहीं रहे, ना ही कभी दिल्ली दौरे पर भरोसा किया। बीजेपी अनुशासित पार्टी है। इसमें सिफारिश, लॉबिंग या लाइजनिंग की जरूरत नहीं पड़ती। जहां तक दिल्ली की दौड़ लगाने की बात है तो उनका इसमें विश्वास नहीं है।