Bhopal : MP में उपचुनाव भी हो गए, नतीजों में भाजपा ने अपनी ताकत दिखा दी और सारे हालात बताते हैं कि सब कुछ भाजपा के पक्ष में है। अब कोई ऐसा राजनीतिक प्रजोयन नहीं बचा, जिसके लिए निगम-मंडलों में मनोनयन को टाला जाए। सुगबुगाहट है कि अगले एक या दो सप्ताह में भाजपा के उन नेताओं का पुनर्वास हो जाएगा, जो इसके लिए उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसके अलावा प्रदेश की राजनीति में मंत्रिमंडल में फेरबदल और तीन नए मंत्रियों को शामिल किए जाने के भी आसार दिखाई दे रहे हैं।
प्रदेश में करीब पौने दो साल रुका हुआ निगम, मंडल और विकास प्राधिकरणों में मनोनयन अब होने के पूरे आसार हैं। दो महीने पहले इन मनोनयन को लेकर मैराथन बैठकों का दौर चला था। लग रहा था, कि अब यह आम होने को है, पर उपचुनाव की नजदीक देखते हुए, इसकी घोषणा रोक दी गई थी। लेकिन, पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव से पहले सरकार ये काम करना चाहती है!
ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से जो 22 लोग भाजपा में आए थे, उनमें से कुछ लोग उपचुनाव नहीं जीत सके। ऐसे कुछ चेहरों और सिंधिया समर्थकों को निगम, मंडल और प्राधिकरणों की कुर्सी पर तो काबिज करना ही है कुछ भाजपा नेता भी उम्मीद लगाए बैठे हैं, जिन्हें इसके लिए आश्वस्त किया।
सबसे ज्यादा दबाव ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों का है। प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनने के बाद पिछले साल निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल मो खनिज निगम में अध्यक्ष बनाया गया था। उसके बाद से करीब डेढ़ साल हो गए, अभी तक ये ऐसा कोई काम सरकार ने फिर से नहीं किया। बताया गया कि निगम-मंडलों और प्राधिकरणों में करीब सवा सौ दावेदारों की ताजपोशी की जा सकती है। इंदौर, भोपाल, देवास, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर विकास प्राधिकरण में भी कई नेताओं को जगह दी जाना है।
मंत्रिमंडल पुनर्गठन की हलचल
निगम, मंडल के बाद सबसे ज्यादा सुगबुगाहट मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की है। करीब 3 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं और कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदले जाने के आसार हैं। जोबट विधानसभा से उपचुनाव जीतने वाली सुलोचना रावत को इस फेरबदल में शामिल किए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। बताते हैं कि उन्हें कांग्रेस से भाजपा में लाने के समय चुनाव जीतने पर मंत्री बनाने का वादा भी दिया गया था, जिसे पूरा किया जाना है।