
पूर्व आरटीओ कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा पर गरमाई सियासत, उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा- पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह सन्यास लेने वाली अपनी बात पर करें अमल
हेमंत कटारे द्वारा लगाए गए आरोपों पर भूपेंद्र सिंह ने सफाई देते हुए कहा था कि अगर सौरभ शर्मा की नियुक्ति में उनकी संलिप्तता के तथ्य पेश करें तो वह ले लेंगे राजनीति से सन्यास
भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट
पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा के ऊपर जारी कार्रवाई के दौरान अब मध्य प्रदेश में सियासत भी गरमा गई है। मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस से उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने बीते रोज भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाए थे कि पूर्व आरटीओ कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की नियुक्ति पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह की नोट सीट के आधार पर की गई थी। उन्होंने इसके तथ्य भी मीडिया के सामने प्रस्तुत किए थे। इसके बाद भूपेंद्र सिंह ने बयान जारी करते हुए हेमंत कटारे द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि अगर कोई उन आरोपों को साबित कर दे तो वह राजनीति से सन्यास ले लेंगे। साथ ही उन्होंने हेमंत कटारे पर व्यक्तिगत और पारिवारिक कटाक्ष भी किये। ऐसे में अब एक बार फिर से उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने बयान देते हुए कहा है कि उन्होंने जो कॉन्फ्रेंस की थी उसमें सारे तथ्य सामने रखे थे। ऐसे में अब भूपेंद्र सिंह को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए।
हेमंत कटारे ने कहा कि भूपेंद्र सिंह ने भाजपा के लिए बहुत लंबे समय तक कार्य किया है ऐसे में अच्छा यही होगा कि वह स्वयं ही राजनीति से सन्यास ले लें नहीं तो भ्र्ष्टाचार के आरोपो में पार्टी द्वारा ही उन्हें निकाल दिया जाएगा। क्योंकि मेरे पिताजी भी मंत्री रहे एवं मैं भी राजनीतिक पृष्ठभूमि से आता हूँ और स्वयं राजनीति भी कर रहा हूँ तो इतना तो मैं जानता हूँ कि किसी भी मंत्री के द्वारा नोटशीट पर चंद शब्द लिखना बहुत काफी है। जब इतनी लंबी चौड़ी नोटशीट किसी भी अधिकारी के पास जाएगी तो वह नियुक्ति कर ही देगा। वैसे अनुकंपा नियुक्ति के लिए किसी भी मंत्री के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती है यह प्रक्रिया के अनुसार एवं नियमानुसार स्वतः ही विभाग द्वारा कर दी जाती है। लेकिन पूर्व मंत्री जी को सौरभ से इतना क्या लगाव था जो कलेक्टर के पत्र में स्वतः ही संज्ञान ले लिया। इससे साफ जाहिर होता है कि सौरभ शर्मा इनकी ही देखरेख में फलीभूत हुआ है। इनके इशारे पर ही वह पूरे प्रदेश के मुख्य आरटीओ बेरियल की निगरानी रखता था।