Poonam Pandey Death: सर्वाइकल कैंसर से नहीं बच पाई लॉकअप फेम एक्ट्रेस पूनम पांडेय, 32 की उम्र में बना साइलेंट किलर

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Poonam Pandey Death: सर्वाइकल कैंसर से नहीं बच पाई लॉकअप फेम एक्ट्रेस पूनम पांडेय, 32 की उम्र में बना साइलेंट किलर

Poonam Pandey Death: लॉकअप फेम एक्ट्रेस पूनम पांडे का निधन हो गया है. उनकी पीआर टीम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करके बताया है कि सर्वाइकल कैंसर पीड़ित थीं. जिसकी वजह से उनका निधन हुआ है. पूनम के निधन के बाद उनका आखिरी पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उस पोस्ट को देखकर कोई नहीं कह सकता है कि वो इतनी गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं.एक्ट्रेस व मॉडल पूनम पांडे अपने बोल्ड अंदाज के लिए जानी जाती हैं। वह जहां भी जाती हैं लोगों का ध्यान खींच लेती हैं। ऐसा ही कुछ हाल ही में एक अवॉर्ड फंक्शन के दौरान हुआ। जिसमें उनका रिवीलिंग आउटफिट ने सभी को हैरानी में डाल दिया।

पूनम ने आखिरी पोस्ट में एक वीडियो शेयर की थी. जिसमें वो एक शिप में चलती नजर आ रही हैं. लुक की बात करें तो उन्होंने ब्लैक पैंट और व्हाइट ब्रालेट पहना हुआ है. उनका ये पोस्ट पर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो से बिल्कुल भी हिंट नहीं मिल रहा है उनकी बीमारी के बारे में.

 

 

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A post shared by Poonam Pandey (@poonampandeyreal) पूनम पांडेय महज 32 साल की थीं। ANI ने अपनी खबर में लिखा है कि इस खबर की पुष्टि पूनम के मैनेजर ने भी की है। उन्होंने बताया कि पूनम को कुछ दिन पहले ही इस कैंसर के होने का पता चला था।

उनके इंस्टाग्राम पर जो पोस्ट शेयर की गई है उसमें लिखा है, ‘आज की सुबह हमारे लिए कठिन है। आपको यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि हमने सर्वाइकल कैंसर के कारण अपनी प्यारी पूनम को खो दिया है। जो लोग भी उनके संपर्क में आए, वो उनसे प्यार से मिलीं। दुख की इस घड़ी में हम प्राइवेसी का अनुरोध करेंगे और हमारे साथ शेयर की गई हर बात के लिए उन्हें प्यार से याद करते हैं।’

पूनम पांडेय महज 32 साल की थीं। ANI ने अपनी खबर में लिखा है कि इस खबर की पुष्टि पूनम के मैनेजर ने भी की है। उन्होंने बताया कि पूनम को कुछ दिन पहले ही इस कैंसर के होने का पता चला था।

उनके इंस्टाग्राम पर जो पोस्ट शेयर की गई है उसमें लिखा है, ‘आज की सुबह हमारे लिए कठिन है। आपको यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि हमने सर्वाइकल कैंसर के कारण अपनी प्यारी पूनम को खो दिया है। जो लोग भी उनके संपर्क में आए, वो उनसे प्यार से मिलीं। दुख की इस घड़ी में हम प्राइवेसी का अनुरोध करेंगे और हमारे साथ शेयर की गई हर बात के लिए उन्हें प्यार से याद करते हैं।’

बताया जा रहा है कि पूनम की मौत सर्वाइकल कैंसर की वजह से हुई है। सर्वाइकल कैंसर वह कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में शुरू होता है। यह महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे बड़ा कैंसर है। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट (ref) के अनुसार, भारत में महिलाओं के कैंसर में सर्वाइकल कैंसर दूसरे स्थान पर है। साल 2020 में 123,000 से ज्यादा मामले सामने आए जबकि 77,000 मौत हुईं। चलिए जानते हैं कि सर्वाइकल कैंसर क्या है, इसके क्या कारण हैं और इसकी रोकथाम कैसे ही जा सकती है।सर्वाइकल कैंसर - वेजथानी अस्पताल | बैंकॉक, थाईलैंड में जेसीआई मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय अस्पताल।

 

WHO के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर वह कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में शुरू होता है। गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय को योनि से जोड़ती है। सर्वाइकल कैंसर आमतौर पर समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होता है। गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर होने से पहले, गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं ‘डिसप्लेसिया’ नामक परिवर्तनों से गुजरती हैं, जिसमें गर्भाशय ग्रीवा के ऊतकों में असामान्य कोशिकाएं दिखाई देने लगती हैं। ऐसे में समय के साथ यदि इसका इलाज नहीं किया गया तो असामान्य कोशिकाएं कैंसर कोशिकाएं बन सकती हैं और बढ़ने लगती हैं। साथ ही गर्भाशय ग्रीवा और आसपास के क्षेत्रों में अधिक गहराई तक फैल जाती हैं।

ह्यूमन पेपिलोमावायरस के विभिन्न प्रकार, जिन्हें एचपीवी भी कहा जाता है, अधिकांश सर्वाइकल कैंसर पैदा करने में भूमिका निभाते हैं। एचपीवी एक सामान्य संक्रमण है जो यौन संपर्क से फैलता है। एचपीवी के संपर्क में आने पर , शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली आमतौर पर वायरस को नुकसान पहुंचाने से रोकती है। हालाँकि, कुछ प्रतिशत लोगों में यह वायरस वर्षों तक जीवित रहता है। यह उस प्रक्रिया में योगदान देता है जिसके कारण कुछ ग्रीवा कोशिकाएं कैंसर कोशिकाएं बन जाती हैं।

आप स्क्रीनिंग टेस्ट कराकर और एचपीवी संक्रमण से बचाने वाली वैक्सीन प्राप्त करके सर्वाइकल कैंसर के विकास के जोखिम को कम कर सकते हैं।

जब सर्वाइकल कैंसर होता है, तो अक्सर कैंसर को हटाने के लिए सबसे पहले सर्जरी से इसका इलाज किया जाता है। अन्य उपचारों में कैंसर कोशिकाओं को मारने वाली दवाएं शामिल हो सकती हैं। विकल्पों में कीमोथेरेपी और लक्षित थेरेपी दवाएं शामिल हो सकती हैं। शक्तिशाली ऊर्जा किरणों के साथ विकिरण चिकित्सा का भी उपयोग किया जा सकता है। कभी-कभी उपचार में विकिरण को कम खुराक वाली कीमोथेरेपी के साथ जोड़ दिया जाता है।