Poor Road Construction : ग्रामीणों ने हाथों से सड़क का डामर निकालकर PWD के अधिकारियों को दिखाया!

शिकायत से गुस्साए अधिकारी ने वीडियो बनाते ग्रामीणों का मोबाइल छीना, वीडियो वायरल!

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Poor Road Construction : ग्रामीणों ने हाथों से सड़क का डामर निकालकर PWD के अधिकारियों को दिखाया!

छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

Chatarpur : छतरपुर जिले के हरपालपुर में ग्राम पंचायत सरसेड़ से चपरन गांव तक सड़क बनाई जा रही है। यहां प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत घटिया निर्माण किया जा रहा है। रोड़ की हालत ये है कि चार दिन पहले डाला गया डामर हाथों से निकालने पर निकल और उखड़ रहा है। ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण करने के विरोध में चपरन गांव के ग्रामीणों ने इसके वीडियो वायरल किए। जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत सरसेड़ से चपरन गांव तक करीब 3 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत आज़ादी 76 साल बाद इस गांव के लोगों का पक्की सड़क का सपना सच हो रहा है।

रोड़ निर्माण करने वाली कंपनी ने लगभग एक किलोमीटर सड़क बनाकर उस पर डामर डाला है। पांच दिन पहले डाले डामर की हालत ये है कि वह हाथों से निकल रहा है। सड़क के बेस बनाने में सड़क निर्माण के मानकों का भी कंपनी ने पालन नहीं किया। जो डामर डाला उसमें भी मिलावट है।

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अधिकारी ने ग्रामीणों को धमकाया
सड़क निर्माण की निगरानी कर रहे लोकनिर्माण विभाग के उपयंत्री के सामने हाथों से सड़क का डामर खोदकर दिखाया तो उपयंत्री ने ग्रामीणों को धमकाते हुए वीडियो न बनाने का कहा और सड़क निर्माण को सही बताया।

ग्रामीणों ने 181 पर की शिकायत
इसके साथ ही ग्रामीणों ने घटिया सड़क निर्माण की जानकारी जिला कलेक्टर से फोन पर देने के साथ मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर 181 पर शिकायत कर घटिया सड़क निर्माण रुकवाने की मांग की।

चपरन गांव के ग्रामीणों द्वारा घटिया तरीके से डाली जा रही रोड़ को लेकर विरोध किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना कि आजादी के इतने सालों के बाद सड़क डाली गई जो कि बेहद घटिया बनाई जा रही है। इस घटिया सड़क निर्माण की शिकायत PWD के अधिकारियों से करने के बाद वो कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।

जानकारी पटल तक नहीं!
ठेकेदार और संबंधित विभाग के अधिकारी मिलकर इस बड़े खोटाले को अंजाम दे रहे हैं। नियम की धज्जियाँ तो ऐसे उड़ाई जा रहीं हैं कि न तो सड़क निर्माण की अनुमानित लागत और न रोड को लम्बाई-चौड़ाई और न काम करने वाली एजेंसी का नाम पूरे रोड मार्ग पर कहीं भी नहीं लिखा गया है। न ऐसा कोई साइन बोर्ड लगाया गया, जबकि ऐसा नियम है। घोटाले की बू तो इस बात से भी आ रही है कि न कोई विभागीय मेट न कोई ठेकेदार का स्टाफ यहाँ है। सिर्फ मजदूर और ऑपरेटर रोड का काम कर रहे हैं।

कोई बताने को तैयार नहीं
जब निर्माण कर रही फर्म का नाम जानना चाहा, तो किसी भी वर्कर ने ठीक से जवाब नहीं दिया और बोला कि हमको कुछ पता नहीं हम तो सिर्फ काम करते हैं।
वहीं गांव के ग्रामीण का कहना हैं कि रोड़ पर जो डामर डाला जा रहा हैं उसमें मिलावट हैं। ऐसा रोड़ तो एक महीने भी नहीं चलेगा।