प्रसंगवश – एक आंकलन भाजपा का
मंदसौर संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा में परिवर्तन की संभावनाएं ?
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
प्रदेश में विधानसभा चुनाव निकट है तथा अनेक लोगों की महत्वाकांक्षाएं हिलोरे मार रही है । भाजपा लगभग दो दशकों से कुछ कालखंड छोड़कर सत्ता पर काबिज है । इसके पॉजिटिव निगेटिव दोनों ही प्रभाव है , जो इस उत्तरार्ध में साफ़ दिखाई देते हैं ।
मंदसौर – नीमच जिले के साथ रतलाम जिले की जावरा सहित 8 विधानसभा सीटों का संसदीय क्षेत्र है लोकसभा का । वर्तमान में सांसद सहित सभी सीटों पर भाजपा के विधायक हैं ।उनमें भी तीन केबिनेट मंत्री शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल हैं ।
जनआशीर्वाद यात्रा , सेवा प्रकल्पों , सर्वे , संगठन , आदि द्वारा संभावना का आंकलन किया जारहा है । बताया जारहा है कि भाजपा जीत के प्रति निश्चिंत नहीं है , दावा सभी सीटों पर विजय का करते हुए नेता बोल रहे हैं पर अंदरखाने कमसे कम तीन विधानसभा सीटों पर संशय भी है ।सबसे बड़ी बात यह सामने आई है कि कुछ विधायक तीन बार कुछ दो बार से चुने गए हैं , पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता में भी बदलाव के लिए दबाव देखने में आया है । प्रश्न यह है कि भाजपा आलाकमान किस प्रकार निर्णय लेता है । हालांकि अभी कहना जल्द होगा पर बदलाव की बयार रफ़्तार में है । कई विधानसभा सीटों पर दावेदारी भी सशक्त रूप से उभरी है ।
सूत्रों के मुताबिक और जनता के रुख और स्थानीय तथा प्रदेश स्तर के नेताओं के दृष्टिकोण जानने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि, मंदसौर लोकसभा संसदीय क्षेत्र में परिवर्तन की संभावना है।
मंदसौर विधानसभा से जहां वर्तमान सांसद श्री सुधीर गुप्ता विधायक का चुनाव लड़ने के इच्छुक है वहीं यह नीमच से भी अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं? क्योंकि सदा की भांति श्री सुधीर गुप्ता के स्वप्न बहुत ऊंचे होते हैं और ऐसा प्रतीत होता है की मध्य प्रदेश की राजनीति में श्री सुधीर गुप्ता कोई बड़े सपनों और उद्देश्य को लेकर मंदसौर या नीमच विधानसभा से अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं। क्योंकि सांसद श्री गुप्ता कहते हैं पार्टी निर्णय करती है जो दायित्व देती है पूर्ण निष्ठा और समर्पण से निर्वहन करते हैं । वे दो बार क्षेत्र से चुने गए सांसद हैं ।
इसी प्रकार सीतामऊ सुवासरा विधानसभा में मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग को लेकर उनके विरुद्ध भाजपा कार्यकर्ता वातावरण बना रहे हैं तथा वहां पर भी परिवर्तन की संभावनाएं बन सकती है इस विधानसभा में भी पूर्व विधायक श्री राधेश्याम पाटीदार चुनौती दे सकते हैं। वे स्वयं एवं उनके पिता इस विधानसभा से विधायक रहे हैं । वैसे उनकी पुत्रवधु वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर आसीन है । देखा जाय तो अल्पसंख्यक होने और कांग्रेस से भाजपा में आये और मंत्री बने श्री डंग के लिये टिकट मिलना आसान होसकता है पर विरोध के सुरों को देखते जितना संशयों से भरा है ?
गरोठ – भानपुरा विधानसभा क्षेत्र में श्री देवीलाल धाकड़ की आंतरिक स्थिति कमजोर बताई जारही है। यद्यपि ऊपर से वह लोकप्रिय दिख रहे हैं किंतु उनके अपने कार्यकर्ता ही उनके खिलाफ वातावरण बना रहे हैं। वहां पर कांग्रेस के सिंधिया गुट से आए हुए श्री मुकेश काला अपना जाल बिछा रहे हैं इसके अतिरिक्त पूर्व विधायक श्री चंदर सिंह सिसोदिया और नगर परिषद के वर्तमान अध्यक्ष राजेश सेठिया भी पुरजोर प्रयास कर रहे हैं एवं पूर्व विधायक स्वर्गीय राजेश यादव के पुत्र श्री विनीत यादव के भी अपने प्रयास जारी है। भाजपा ही भाजपा के सामने दम ठोक रही है ।
संसदीय क्षेत्र की एकमात्र सुरक्षित सीट मल्हारगढ़ विधानसभा में वित्तमंत्री श्री जगदीश देवड़ा और मंदसौर विधानसभा में श्री यशपाल सिंह सिसोदिया की जड़े मजबूत बताई जारही है किंतु परिवर्तन की लहर इन्हें प्रभावित कर सकती है।
श्री जगदीश देवड़ा अपनी विधानसभा में बहुत सक्रिय है किंतु उनको बताएं काम लंबे समय तक नहीं हो पाते इससे भारी असंतोष भरा पड़ा है जानकार बताते हैं कि मंत्री के आसपास मंडराते संगठन के और नजदीकी लोगों के कारण छबि प्रभावित हुई है । बताते हैं कि इससे मंत्री श्री देवड़ा वाकिफ़ भी हैं , कुल मिलाकर श्री देवड़ा की स्थिति ठीक इसलिए है कि और उनका कोई भी विकल्प फ़िलहाल मल्हारगढ़ में नहीं है। नाम उभरे हैं जिसमें जिला महामंत्री विजय अठवाल , पूर्व जनपद अध्यक्ष शांतिलाल मालवीय शामिल हैं
फिलहाल भाजपा यदि कोई परिवर्तन मंदसौर विधानसभा में करती है तो श्री यशपालसिंह सिसोदिया को पार्टी के द्वारा किसी वैकल्पिक व्यवस्था का आश्वासन देकर शांत किया जा सकता है। क्योंकि श्री सिसोदिया मंत्री पद के सशक्त दावेदार थे , मुख्यमंत्री की पसंद भी माने जाते हैं पर कांग्रेस से भाजपा में आकर सरकार बनवाने में मददगार श्री हरदीपसिंह डंग को मंत्रिमंडल में स्थान मिलने से वे वंचित रहे । एक विकल्प यह भी माना जारहा है कि आठ बार के सांसद रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे स्व डॉ लक्ष्मीनारायण पांडेय के साथ लगातार कार्यरत रहे श्री सिसोदिया को लोकसभा में मजबूत प्रत्याशी हो सकते हैं ।
नीमच विधानसभा में यदि श्री सुधीर गुप्ता अपना दावा प्रस्तुत करते हैं तो समीकरण बदलेंगे किंतु वहां पर श्री दिलीप सिंह परिहार का आंतरिक विरोध है तथा वहां पर भी श्री संतोष चोपड़ा और भाजपा के कद्दावर नेता महेंद्र भटनागर निशाना साध रहे हैं। हालांकि नीमच जावद मनासा में सांसद श्री गुप्ता के प्रति संगठन और कार्यकर्ताओं के साथ सकारात्मक रूझान कम ही देखा गया है फिर नीमच जिले में कांग्रेस ने सांसद के नीमच के प्रति उपेक्षा भाव को ज्यादा प्रचारित किया हुआ है इसके असर भी है ।
मनासा विधानसभा में विधायक श्री अनिरुद्ध माधव मारु जहां जनता और अधिकारियों में कुछ विवादित बताये गये है । वहीं पार्टी के अनेक कार्यकर्ता उनके द्वारा उपेक्षा पूर्ण व्यवहार से आहत हैं। हालांकि विधायक श्री मारू के पिता स्व. रामेश्वर मारू जनाधार वाले नेता रहे और भाजपा को नुकसानी भी की मनासा विधानसभा से भाजपा किसान मोर्चे के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर और जिला सहकारी बैंक एवं जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मदनलाल राठौड़ जो रामपुरा क्षेत्र के हैं लम्बी सेवाओं के बाद अबतक उन्हें जनसंघ , जनता पार्टी और भाजपा ने उम्मीदवार नहीं बनाया है लगता है श्री राठौड़ दमदारी से आस लगा कर जुटे हुए हैं । , पूर्व विधायक विजेन्द्र बना वहीं निर्दलीय भी जोर मार रहे हैं ।अपने प्रयत्न कर रहे हैं। मनासा विधानसभा के टिकट में पूर्व गृहमंत्री कैलाश चावला की भूमिका प्रमुख हो सकती है। जीवंत संपर्क पूरे विधानसभा क्षेत्र में श्री चावला का है , उनके ज्येष्ठ पुत्र भाजपा जिला उपाध्यक्ष उमेश राजू चावला भी दावेदारी में शुमार करते हैं
इसके अतिरिक्त मंदसौर विधानसभा की स्थिति तो एक अनार सौ बीमार की तरह हो रही है, क्योंकि यहां पर भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व जिलाध्यक्ष श्री मानसिंह माछोपुरिया लंबे समय से राजनीति में रहे प्रमाणिक नेता है।
लंबे समय से पूर्व विधायक ओमप्रकाश पुरोहित , सांसद डॉ लक्ष्मीनारायण पांडेय ,वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा के साथ जुड़े रहे और संगठन के युवा मोर्चा से लेकर जिला इकाई में दायित्वों पर रहे श्री अनिल कियावत इस बार आरपार लड़ाई कर दावेदारी कर रहे हैं । बताया जाता है कि उनकी लम्बी संगठनात्मक सेवाओं के बाद विधानसभा की दावेदारी को रेस्पॉन्स मिल रहा है । भाजपा के मैदानी कार्यकर्ता श्री हिम्मत डांगी भी जोर आजमाइश कर रहे हैं, नाम तो ओर भी हैं जिनमें जिलाध्यक्ष नानालाल अटोलिया , मण्डल अध्यक्ष अरविंद सारस्वत किंतु यदि श्री सुधीर गुप्ता को मंदसौर से टिकट नहीं दिया जाता है तो श्री यशपाल सिंह सिसोदिया प्रबल दावेदार है।
जावद विधानसभा में मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा का स्थानीय विरोध तो है किंतु भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन में उनकी इमेज जमा रखी है, फिर वे पूर्व मुख्यमंत्री स्व वीरेंद्र कुमार सखलेचा के पुत्र हैं और उद्योगपति भी । यहां पर कांग्रेस की आपसी उलझनों का लाभ मिलता दिख रहा है मंत्री श्री सखलेचा को । कांग्रेस से भाजपा और अब भाजपा से पाला बदल कांग्रेस में शामिल हुए श्री समंदर पटेल जोर आजमाइश कर रहे हैं कांग्रेस से राजकुमार अहिर सत्यनारायण पटेल पहले ही दावेदार हैं । जावद विधानसभा में भाजपा टिकट परिवर्तन की संभावनाएं कम है। मंत्री के विरोध के बावजूद दमदार विकल्प नहीं दिखाई देता ।
इसी प्रकार संसदीय क्षेत्र की और रतलाम जिले की जावरा विधानसभा सीट पर तीन बार से भाजपा विधायक डॉ राजेंद्र पांडेय काबिज़ हैं । उनकी पृष्ठभूमि जनसंघ के जमाने के और क्षेत्र से आठ बार सांसद रहे डॉ पांडेय से जुड़ी है । कांग्रेस से भाजपा में सिंधिया साथ शामिल हुए कालूखेड़ा के के सिंह की दावेदारी भी उभर कर आई है ।
यह आंकलन क़यास मात्र है चूंकि प्रदेश में भाजपा की सीधी पकड़ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की निगरानी में देखी जारही है ऐसे में क्या कब और कैसे प्रत्याशी उतारे जाएंगे कुछ कहा नहीं जासकता ।
यह अवश्य है कि सत्ता रूढ़ होने से भाजपा में दावेदार भी अधिक हैं और विरोध भी अधिक है । सब जानते हैं कि भाजपा इससे निपटने में माहिर है
राजनीति में काम करने वाले प्रत्येक सक्रिय कार्यकर्ता चुनाव लड़ने के इच्छुक होते हैं। जब सत्ता होती है तो उम्मीदें परवान पर होती है फिर समर्थक पंख लगादेते हैं । उनके मन में भी बहुत सारे सपने होते हैं और सपने देखना बुरी बात नहीं है किंतु अपनी हस्ती भी देखना चाहिए। ऐसे अनेक कार्यकर्ता जो कभी पार्षद का चुनाव नहीं जीत सकते हैं वे यदि विधानसभा का टिकट मांगते हैं तो यह उनका, अपना राजनीतिक मनोरंजन हो सकता है ।
पर कुल मिलाकर मंदसौर संसदीय क्षेत्र की समस्त 8 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की विजय के प्रति आश्वस्त है। भाजपा जिलाध्यक्ष श्री अटोलिया कहते हैं विकास किया है विकास करेंगे और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे ।
राजनीतिक विश्लेषण में कांग्रेस दमदारी से मैदान में लड़ेगी , आपसी प्रतिस्पर्धा के बावजूद कांग्रेस कमजोर नहीं लगरही । अन्य दल भी प्रत्याशी उतारेंगे । आम आदमी पार्टी जिले भर में सक्रिय देखी जारही है ।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान , केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव , राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय गत दिनों संसदीय क्षेत्र में निकाली गई जनआशीर्वाद यात्रा में शामिल हुए , जनता की नब्ज़ टटोली , जबकि इस यात्रा पर पथराव हुआ , विरोधी नारेबाजी भी हुई । ऐसे में भाजपा आलाकमान हालातों को देख समझ कर ही उम्मीदवार तय करेगा ।