Pots Kept on Dividers Broken : महू नाका चौराहे के डिवाइडरों पर रखे गमले दो दिन में टूटे!  

निगम का यह कैसा सौंदर्यीकरण, बदसूरत दिख रहा पूरा चौराहा

353

Pots Kept on Dividers Broken : महू नाका चौराहे के डिवाइडरों पर रखे गमले दो दिन में टूटे!

Indore : महू नाका चौराहे के डिवाइडरों को सुंदर बनाने के लिए नगर निगम ने उनके ऊपर प्लास्टिक के गमले रखें हैं। यह गमले इतनी घटिया क्वालिटी के हैं कि रखे जाने के अगले ही दिन कई टूट गए हैं। इससे निगम अधिकारियों के एक और भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है। न सिर्फ गमले टूट गए हैं बल्कि कई गमले में तो लगाए गए पौधे भी सूख गए हैं। नगर निगम का यह कैसा सौंदर्यीकरण है जो अब बदसूरत दिखाई दे रहा है।

महू नाका चौराहा पश्चिम क्षेत्र का सबसे बड़ा चौराहा माना जाता है। इसका सौंदर्यीकरण कई प्रकार से किया जा चुका है। लेकिन, अभी भी चौराहा कुछ जगह बदहाल है। यहां तक की चौराहे के बीच में रखी छतरी भी कुछ जगह से टूटी हुई है। हाल ही में यहां सीमेंट के पक्के डिवाइडर भी रखे गए हैं।

इन डिवाइडरों को और सुंदर बनाने के उद्देश्य से इनके ऊपर काले रंग के प्लास्टिक के गमले लगाए गए। इन गमलों को फिक्सिंग फस्टनर्स द्वारा सीमेंट के डिवाइडरों में कसा गया है। इतनी लंबी कार्रवाई दे कैसा लगता है था कि यह गमले लंबे समय शहर के चौराहे की सुंदरता बढ़ाएंगे, लेकिन रखे जाने के दूसरे ही दिन कुछ गमले टूट गए हैं।

कई गमलों के तले टूटे

कुछ गमले ऐसे भी है जिन्हें जिस फास्टनर्स से डिवाइडर में ठोंका गया, वे वहां से ही टूट गए हैं। जिन्हें दूसरी जगह हटकर भी रखा गया है। बताया जा रहा है कि यह गमले टूटने का मुख्य कारण इनमें टैंकर से दिया जाने वाला पानी है, लेकिन इससे यह भी एक प्रश्न उठता है कि जो गमले पानी का ही प्रेशर नहीं सहन कर पाए वह कितने मजबूत होंगे। साथ ही गर्मी की तपन कैसे सहन करेंगे।

बड़ा भ्रष्टाचार और कमीशन बाजी

इस प्रकार गमले खरीदने में और इनमें लगाए गए पौधों को खरीदने में निगम अधिकारियों का बड़ा कमीशन का खेल बताया जा रहा है। अगर ऐसा नहीं होता तो यह गमले दूसरे ही दिन क्यों टूट जाते हैं। बताया जाता है कि पहले भी उद्यान विभाग में कई गेम में से ही हो चुके हैं, जिन में आज तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों ने बताया कि उद्यान विभाग में कुछ ऐसे अधिकारी हैं जो लंबे समय से डटे हुए हैं और ऐसे ही अधिकारियों द्वारा इस प्रकार की कमीशनबाजी के कारण लोकधन बर्बाद किया जा रहा है।