

Power of Alternative Media : वैकल्पिक मीडिया ने पाठकों के दिलों में जगह बना ली, बाकी सारे मीडिया पीछे रह गए!
Indore : खबरों की प्रतिस्पर्धा के बीच वैकल्पिक मीडिया ने अपनी अलग जगह बनाई है और इस क्षेत्र में लगातार सफल हो रहा है। पाठकों को सच दिखाने और बताने का साहस रखने वाला वैकल्पिक मीडिया ही आज देश का असली मीडिया है, जो आमजन मानस की आवाज को उठा रहा है। वास्तव में वैकल्पिक मीडिया तो आजकल अखबार हो गए, जिनमें 8 से 10 घंटे पुरानी खबरें छपती है।
इंदौर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित ‘मीडिया कॉन्क्लेव’ के दूसरे दिन मंगलवार को पहले सत्र में वैकल्पिक मीडिया पर विचार के दौरान यह बात उभरकर आई। ‘सफल होता वैकल्पिक मीडिया’ विषय पर इस सत्र में चार वरिष्ठ पत्रकारों ने अपनी बात कही। शुरुआत ‘मीडियावाला’ के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी ने की। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद मुझे साथियों ने सलाह दी कि मीडिया का काम शुरू करें। हमने पहले पीआर एजेंसी शुरू की और फिर ‘मीडियावाला’ के प्लेटफार्म पर कुछ अलग करने के संकल्प के साथ काम शुरू किया। कुछ विशेष कॉलम शुरू किए, जिनकी लोकप्रियता खूब बढ़ी। इस पर बड़ी संख्या में पाठकों की प्रतिक्रिया आई। कई खबरों और आलेखों को पाठकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिलने लगी, तब हमें लगा कि हमने जो तय किया था उसमें हम सफल हो रहे हैं। खबर की जहां तक बात है तो हम उसकी प्रमाणिकता पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं।
सीबीलाइव झाबुआ के चंद्रभान सिंह ने कहा कि यदि दमदारी से पत्रकारिता करना है, तो उसके लिए अपना खुद का प्लेटफार्म होना जरूरी है। यह अहसास होने के बाद मैंने अपना प्लेटफार्म शुरू किया। आदिवासियों की आवाज बनने का प्रयास किया और इसमें हमें कामयाबी भी मिली। क्योंकि, मेरा जो वैकल्पिक मीडिया है, वह एक मिशन की तरह काम कर रहा है। जिसका उद्देश्य सिर्फ खबरे दिखाना नहीं, बल्कि आदिवासी अंचल के जरूरतमंद लोगों की मदद करना भी है। लाखों लोग हमारे फालोअर्स हैं यह हमारे वैकल्पिक मीडिया की बड़ी कामयाबी है।
इसके बाद ‘द लपेटा’ के भुवनेश सेंगर ने कहा कि मैंने कई बड़े टीवी चैनलों में काम किया। जब सबसे कम तनख्वाह मिलती थी, तब मैं सबसे अच्छा काम और दमदार पत्रकारिता करता था। इनमें से कुछ चैनलों में काम करने के बाद मुझे लगा कि मेरी प्रसिद्धि तो बढ़ गई, लेकिन मैं पत्रकारिता नहीं कर पा रहा हूं। मैंने चैनलों का साथ छोड़ा और अपना खुद का प्लेटफार्म ‘द लपेटा’ शुरू किया। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिस पर काम करते हुए सुकून महसूस कर रहा हूं और लग रहा है मैं वास्तव में पत्रकारिता कर पा रहा हूं। उन्होंने कहा कि ‘द लपेटा’ की एक खबर की गूंज जब संसद में हुई और खबर का असर दिखाई पड़ा तो मुझे बड़ी खुशी हुई कि मेरा जो प्रयास है, वह सही दिशा में है।
अंत में ‘4 पीएम’ लखनऊ के संजय शर्मा ने कहा कि सत्ताधीशों के दबाव और सत्ताओं से संघर्ष के बीच भी हम अपनी अलग पहचान और मीडिया जगत में जगह बनाने में सफल हुए हैं। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि वैकल्पिक मीडिया सच दिखाने और बताने का साहस रखता है। इस देश में सच बोलने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। हमें भी यह कीमत कई बार चुकाने पड़ी। लेकिन, हमने सच बोलना नहीं छोड़ा। उन्होंने राजनीतिक और सत्ता के दखल के कई किस्से सुनाते हुए कहा कि इस सबके बीच भी वैकल्पिक मीडिया सशक्त होता चला जा रहा है। हम पर लोगों का विश्वास बढ़ता जा रहा है। उन्होंने पत्रकारिता के छात्रों से कहा कि वैकल्पिक मीडिया में काम करने के साथ वैकल्पिक रोजगार भी अपने साथ जरूर रखें। बड़ा सपना देखें और उस सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। जब मुकाबला सत्ताधीशों या ताकतवर लोगों से हो तो उस मुकाबले के लिए प्रकाशित, प्रसारित की गई खबर के दस्तावेज जरूर अपने पास रखें।
इस सत्र के मॉडरेटर इन्दौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने वैकल्पिक मीडिया प्लेटफार्म को अपनाकर सफल हुए सुरेश तिवारी, चंद्रभान सिंह, भुवनेश सेंगर और संजय शर्मा के प्रयासों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक मीडिया ने बड़ी उपस्थिति देश के मीडिया जगत में दर्ज कराई है। आज का यह सत्र हमारे पत्रकार साथियों के लिए तो बेहद उपयोगी है ही, उन छात्र-छात्राओं के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा, जो भविष्य में मीडिया के क्षेत्र में अपना नाम रोशन करना चाहते हैं।
अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह प्रेस क्लब महासचिव हेमंत शर्मा, कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार सुनील जोशी, सुधाकर सिंह, संदीप सिंह सिसोदिया, हरिनारायण शर्मा, प्रवीण सावंत, डॉ अर्पण जैन ने प्रदान किए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार मुकेश तिवारी ने किया और आभार प्रेस क्लब के सचिव अभिषेक मिश्रा ने माना। इस मौके पर कई वरिष्ठ पत्रकार, छायाकार, इलेक्ट्रॉनिक और वेब मीडिया से जुड़े मीडिया के साथ, पत्रकारिता संस्थानों के विद्यार्थी, शहर की कई प्रमुख संस्थाओं के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।