Pradyuman Singh told Scindia : मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने कहा ‘ग्वालियर को उद्योग कम मिले, महाराज मैं आपके दरवाजे पर बैठ जाऊंगा!’

ग्वालियर विकास के लिए आपको सीमा भी लांघना पड़े तो लांघ जाइए!

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Pradyuman Singh told Scindia

Pradyuman Singh told Scindia : मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने कहा ‘ग्वालियर को उद्योग कम मिले, महाराज मैं आपके दरवाजे पर बैठ जाऊंगा!’

Gwalior : केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने प्रदेश के बिजली मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का दर्द छलक उठा। विजयाराजे सिंधिया गर्ल्स कॉलेज में हुए कार्यक्रम के दौरान ग्वालियर-चंबल में औद्योगिक विकास की धीमी गति को लेकर मंच से ही ऊर्जा मंत्री ने कहा कि महाराज ग्वालियर-चंबल के विकास के लिए आपके दरवाजे पर बैठना पड़ा तो बैठ जाऊंगा। निवेदन है ग्वालियर विकास के लिए आपको सीमा भी लांघना पड़े तो लांघ जाइए। आप प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव और केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलिए और उद्योग लेकर आइए। यदि जरूरत पड़ी तो मैं आपके घर के दरवाजे के सामने बैठ जाऊंगा।

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सोमवार सुबह विजयाराजे सिंधिया गर्ल्स कॉलेज के मंच पर केन्द्रीय मंत्री के सामने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपने मन की बात कही। उन्होंने ग्वालियर को पुराने समय में औद्योगिक नगरी बताते हुए कहा कि आज ग्वालियर-चंबल में उद्योग की लगाने की चाल बेहद धीमी है। ग्वालियर को जितने उद्योग मिलने चाहिए थे, नहीं मिल रहे हैं। इसके लिए आप आगे कदम बढ़ाए महाराज।

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यदि जरूरत पड़े तो प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात कीजिए और जरूरत पड़े तो देश के प्रधानमंत्री से मिलिए और कोई सीमा लांघना पड़े तो लांघ जाएं। पर, ग्वालियर को उद्योग दिलाएं, क्योंकि कोई शहर तभी खुशहाल होता है, जब वहां रोजगार होता है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो मैं आपके दरवाजे पर भी बैठ जाऊंगा, लेकिन आपको यहां उद्योग लाना ही होंगे।

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जितने उद्योग मिलना चाहिए वो नहीं मिले

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 1 नवंबर 1956 को जब मध्य प्रदेश का गठन हुआ था उस समय ग्वालियर मध्य प्रदेश के इंदौर, जबलपुर, भोपाल जैसे शहरों से काफी आगे था, तब ग्वालियर नम्बर एक था। उस समय सिमको, रेशम मिल, कांच मिल, जेसी मिल सहित अन्य इंडस्ट्री के चलते ग्वालियर औद्योगिक नगरी कहलाती थी। उस समय बहुत अच्छी सीवर लाइन डली हुई थी। तोमर ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से ग्वालियर में पुनः उद्योग स्थापित करवा कर इसे उद्योग नगरी बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने ये भी कहा कि ग्वालियर को जितने उद्योग मिलना चाहिए वो नहीं मिले।