Pregnancy Test Controversy : सामूहिक विवाह से पहले प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने से राजनीति गरमाई!
Dindori : मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत हुए सामूहिक विवाह को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया। युवतियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने के फैसले पर कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेर लिया। कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में शामिल होने वाले युवक-युवतियों को परेशान और बदनाम किया जा रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट करके घोर आपत्ति जताई।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि शादी से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट आदिवासी बेटियों का अपमान है। जबकि, इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने गोलमोल जवाब दिया। गाड़ासरई इलाके में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में 219 जोड़ों ने हिस्सा लिया।
जिले के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश मरावी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से मिले निर्देश पर रिपोर्ट तैयार करके संबंधित विभाग को पहुंचा दी गई। उन्होंने पूरे विवाद और आरोपों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की। इतना जरूर कहा कि जो भी टेस्ट किए गए हैं, वे नियम के अनुसार और निर्देश के अनुसार हुए।
बताया जाता है कि सामूहिक विवाह सम्मेलन में 219 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे, लेकिन कई लोगों के नाम मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की सूची से बाहर कर दिए गए। अपुष्ट जानकारी के मुताबिक चार से ज्यादा युवतियों को प्रेग्नेंट पाया गया। यही कारण था कि इन्हें सूची से बाहर कर दिया गया।
कमलनाथ का ट्वीट
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा ‘डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का समाचार सामने आया है। मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान किसके आदेश पर किया गया? क्या मुख्यमंत्री की निगाह में गरीब और आदिवासी समुदाय की बेटियों की कोई मान मर्यादा नहीं है?
शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश पहले ही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले में देश में अव्वल है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराएं और दोषी व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा दें। यह मामला सिर्फ प्रेगनेंसी टेस्ट का नहीं है, बल्कि समस्त स्त्री जाति के प्रति दुर्भावनापूर्ण दृष्टिकोण का भी है।
कांग्रेस कारण सियासत गरमाई
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत होने वाले विवाह समारोह में सरकार की तरफ से दहेज की सामग्री और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। इसी का लाभ उठाने के लिए कई विवाहित जोड़े दोबारा विवाह के लिए पहुंच जाते हैं। इस योजना में धांधली रोकने के लिए इस बार स्वास्थ्य विभाग को भी एक्टिव किया है। लेकिन, कांग्रेस के मैदान में कूद जाने से सियासत गरमा गई।